दिल्ली में विधान सभा चुनाव भी महाराष्ट्र की तर्ज़ पर चुनाव आयोग का कराने एलान 🤔 चित भी मेरी पट भी मेरी

हमने जानबूझकर महाराष्ट्र की तरह, बुधवार को मतदान निर्धारित किया है।

आयोग में किसी भी तरह की अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है, प्रक्रियाएं इतनी विस्तृत हैं। यदि कोई गलती हो तो हम व्यक्तिगत रूप से दंडित करने के लिए भी तैयार हैं,

जिसकी लाठी उसकी भैंस – जो केंद्र सरकार कहेगी, वही आयोग करेगा?

एस. ज़ेड. मलिक

भारत निर्वाचन आयोग ने घोषणा की कि दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 5 फरवरी को होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र की तरह मतदान, बुधवार को होगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा लाइव अपडेट किया जाएगा “मतदान की तारीख 5 फरवरी है और मतगणना 8 फरवरी को है। आयोग ने कहा कि “फिर, हमने जानबूझकर महाराष्ट्र की तरह, बुधवार को मतदान निर्धारित किया है। 

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हमारा मानना ​​है कि दिल्ली के सभी मतदाताओं को अपना वोट डालना चाहिए।

मतगणना के बाद पूरी चुनाव प्रक्रिया 10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी।” चुनाव आयोग के मुताबिक, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 जनवरी है। नामांकन की जांच की तारीख 18 जनवरी है। जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। 20 जनवरी। 

 राजनीतिक पार्टियों द्वारा ईवीएम हैक एवं शाम 5 बजे के बाद मतदान डेटा में बदलाव पर डेटा में हेरफेर पर उठाये गए सवाल पर चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान प्रतिशत में हेरफेर ‘असंभव’: इसलिये की मतदान के बाद सभी की देख रेख में सीलबंद किया जाता है। 

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अंतिम मतदाता सूची 6 जनवरी, 2025 को प्रकाशित हुई, जिसमे 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता दर्ज किए गए, जो 1.09 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि दर्शाता है। जबकि दिल्ली की आबाद इस समय लगभग 3.5 करोड़ की, और चुनाव आयोग के यहां रजिस्टर्ड मात्र  1,55,24,858 मतदाता को ही दिखाया जा रहा है – यह विडंबना कहें या दुर्भाग्य?

बहरहाल चुनाव आयोग कहता है “भारत चुनावों का स्वर्ण मानक है। यह हमारी साझी विरासत है। “सीईसी ने कहा आयोग में किसी भी तरह की अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है, प्रक्रियाएं इतनी विस्तृत हैं। यदि कोई गलती हो तो हम व्यक्तिगत रूप से दंडित करने के लिए भी तैयार हैं, हम सजा लेने के लिए भी तैयार हैं”

ज्ञात हो कि राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र में जो भाजपा की सरकार बनी वह किसी से छुपा नही है, सारी दुनियाँ का पता है कि इन राज्यों में जो भाजपा की सरकार कैसे बनी, वह आज भी गूगल पर इसकी कहानी मिल जाएगी, ऐसा नहीं है कि चुनाव आयोग नहीं जानता है, चुनाव आयोग तो वर्तमान लोकतंत्र का सरकारी ऑफिस बॉय है, चुनाव आयोग का काम अब सरकार बैठे दबंगों की टेबल साफ करना और उनके फाइलों को सुरक्षित करना।

विदुुड़ी जैसे गाली गलूज करने वाले लोगों पर सरकार का पूर्ण संरक्षण है, और चुनाव आयोग उसे अयोग्य घोषित करने की बजाय उसकी शब्दों की केवल अवहेलना भरतसना, आलोचना जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर के अपने अपनी दुसरी बात कहना शुरू कर देता है तो इससे स्पष्ट है कि आयोग को इससे अधीक बोलने की अनुमति नही है।

यह सवाल हर बुद्धिजीवी जब उठाता है कि यदि इसपर की असभ्य अश्लील शब्दों का इस्तेमाल यदि कोई विपक्ष का करता तो उस पर एफआईआर और उसे चुनाव आयोग की तरफ के अयोग्य घोषित भी कर दिया जाता है। तथा जहां कमज़ोर मतदााताआ हैं वहां पुलिस और प्रशासन द्वारा उन्हें मतदान भी नही करने दिया जाता है, अभी पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में नगर पंचायत और उप चुनाव में पुलिस द्वारा मतदाताओं को मतदान रोकने का सीन सोशल मीडिया में दिखााया गया तो आयोग उससे साफ इंकार करते हुए कहा “आयोग में किसी भी तरह की अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है, प्रक्रियाएं इतनी विस्तृत हैं। यदि कोई गलती हो तो हम व्यक्तिगत रूप से दंडित करने के लिए भी तैयार हैं, और हम सजा लेने के लिए भी तैयार हैं” यहां यह कहावत चिरतार्थ होती है “चित भी मेरी पट भी मेरी”

ZEA
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