मलिक वेलफेयर सोसाइटी के कामयाबी की ओर बढ़ते कदम !

मलिक वेलफेयर सोसाइटी के कामयाबी की ओर बढ़ते कदम !

एस. ज़ेड. मलिक 

नई दिल्ली – संसार मे हर मातृ-पिता बच्चों के भविष्य संवारने के लिये अपनी जीवन को दांव पर लगा देते हैं, परंतु दुर्भाग्यवश सभी मातृ-पिता भग्यशाली नहीं होते, भाग्यशाली होना एक अलग बात है और सभ्यता संस्कार एक अलग बात है, गरीब परिवार है लेकिन संस्कारी है, वैसे परिवार अपने बच्चों को श्रेष्ठ समाजिक वातावरण में अपने बच्चों को जीवन यापन की प्रेरणा देते हैं वह सभ्य और संस्कारी कहलाते हैं और वही परिवार अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलवाने के प्रयासरत रहते हैं, लेकिन जो मातृ-पिता अशिक्षित परन्तु सभ्य और संस्कारी हैं वह अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कामना करते हुए चिंतित व प्रयासरत रहते हैं कि मेरे बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल जाये जिससे बच्चे की भविष्य संवर जाए और इसी जद्दो-जहद वह सभ्य संस्कारी समाज में शिक्षित बुद्धिजीवी लोगों की तलाश कर श्रेष्ठ संस्थाओं के बारे जानकारी उपलब्ध करते हैं, तथा दूसरों से अपने बच्चों के भविष्य संवारने के लिये अपेक्षा करते है।

संसार मे अनेकों अनेक ऐसी संस्था बच्चों के भविष्य संवारने के लिये काम कर रहीं हैं उन्ही में से ऐसी संस्था चल रही हैं जो केवल लड़कों के भविष्य ही नहीं बल्कि भारतीय समाज मे लड़कियों के भविष्य को संवारने की ज़िम्मेदारी निभार रहे हैं, बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवा कर उन्हें आईएएस आईपीएस मेडिकल एमबीए जैसी उच्च शिक्षा दिलवाना और समाज के गरीब सभ्य एवं संस्कारी परिवार कि बेटियों के शादी बियाह में पूर्णरूप से सहयोग करना। यह संस्था मुस्लिम समुदाय में मलिक बिरादरी जो बिहार में सैयदों में आते हैं एवं झारखंड तथा यूपी में तेली जाती कहलाते हैं, इनकी बिरादरी की एक संस्था जिसका नाम “मालिक वेलफेयर सोसाइटी” (एमडब्लूएस) जो सऊदी अरबिया के राजधानी रियाद से संचालित किया जाता है।
दरअसल यह संस्था वहां से इसलिये संचालित होता क्योंकि संचालन करने वाले सभी बिहार से सम्बंध रखते हैं और वहीं कहीं न कही किसी न किसी कम्पनी में किसी न किसी जॉब पे लगे हुए है। जिनके अंदर एक भावना तथा एक शौक़ है जिससे कि समाज में कोई भी गरीब का बच्चा अशिक्षित एवं पैसे के बिना किसी लड़की की शादी न रुके तथा समाज मे कोई देश, विदेश, प्रदेश, में नौकरी या छोटा मोटा व्यापार करने वाले व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाये या गम्भीर रूप से घायल हो जाये जिसे इलाज में खर्च करने के लिये पैसे न हों उन ज़रूरतमंदों की ज़रूरत पूरी हो सके इसी मक़सद से यह संस्था मदद करने में अग्रसर है।
एमडब्लूएस के संस्थापक सदस्य एवं संस्था के समन्वयक जनाब मोहम्मद शाहीन से फोन पर अनौपचारिक बात-चीत में उन्हीने कुछ विशेष जानकारियां दीं तथा अपने संस्था द्वारा किये गये विशेष कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम अपने समाज से प्रति वर्ष संस्था के कार्यों की समीक्षा कर अपने समाज के लोगों से संस्था द्वारा किये गए कार्यों की  प्रतिक्रिया मांगते है जिसकी प्रतिलिपि उन्होंने पत्रकार के वाट्सऐप पर भेजा दिया। उन्होंने बताया कि यह कार्य इतना आसान नहीं है  यदि हमारे समाज के मुख्य कार्यकर्ताओं का सहयोग ना होता तो सम्भव नहीं था ।
उन्होंने कहा कि “एमडब्लूएस” की उम्र आज 5 साल हो चुकी है, एमडब्लूएस की बुनियाद 01 अप्रैल 2016 में सऊदि अरब के रियाद में रखी गई।
मुझे याद है – पहली अप्रैल की वह शाम जो अपने कम्युनिटी का नाम रखा गया था -1- कम्युनिटी के लिये और कम्युनिटी के मध्यम से मिशन को पूरा करना। कुछ झलकियां भी देख सकते हैं और लोगों का फीडबैक भी वाट्सऐप नम्बर लेते रहते हैं।
साथ ही साथ अबतक 2021 में जो एमडब्लूएस ने सराहनीय कार्य किया है उसका लेखा जोखा इस प्रकार है, (1)- 50 से अधिक लोगों को दुर्घटना में 25 हज़ार से एक लाख रुपये तक का सहयोग दिया गया, (2)- 50 से अधिक लड़कियों के शादी में 25 हज़ार से 50 हज़ार रुपये तक का सहयोग दिया गया। (3)- एमडब्लूएस एक ऐसे मदरसा को सहयोग कर रहा है जो स्वयं पर आश्रित है। (4)- एमडब्लूएस वैसे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सहयोग कर रहा जो नौकरी के लिये प्रशिक्षित हैं, उन्हें प्लेसमेंट के माध्यम से नौकरी में सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा आप तमाम लोगों से गिज़रिश है कि अपना फीडबैक और सुझाव तथा अपने विचार दें ताकि इस ऑर्गेनाइज़ेशन को मज़बूत और बेहतर कारगर व मज़बूत बनाया जा सके।

ज्ञात हो कि एमडब्लूएस हर वर्ष बिहार से प्रशिक्षित बच्चों को जहां नौकरी के लिया आमंत्रित करता है वहीं शिक्षा के प्रति बिहार के जिला एवं ब्लॉक स्तर पर शिक्षा जागरूकता अभियान के तहत कार्यक्रम भी चला रहे है।

ZEA

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