पत्रकार उमेश उपाध्याय की स्मृति में ‘मीडिया विमर्श’ का अंक प्रकाशित
पत्रकार उमेश उपाध्याय की स्मृति में ‘मीडिया विमर्श’ का अंक प्रकाशित
स्मरण उमेश उपाध्याय
एमपीएनएन डेस्क न्यूज़
भोपाल, 3 फरवरी – जनसंचार की चर्चित पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ का नया अंक वरिष्ठ पत्रकार और संपादक श्री उमेश उपाध्याय की पावन स्मृति को समर्पित है। उल्लेखनीय है कि श्री उपाध्याय का पिछले दिनों एक दुर्घटना में निधन हो गया था।
मीडिया विमर्श के इस अंक में श्री उपाध्याय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर सर्वश्री डा. सच्चिदानंद जोशी,प्रो.गोविंद सिंह,प्रो. राकेश गोस्वामी, प्रो.पी.शशिकला, अरूण आनंद,डा.दिलीप कुमार, विजय मनोहर तिवारी, लोकेंद्र सिंह, सर्जना शर्मा,उमेश चतुर्वेदी, उत्कर्ष उपाध्याय, डा.पवन कौंडल, डा.विनीत उत्पल, अभिरंजन कुमार, कृष्ण मुरारी त्रिपाठी अटल, संजय सिन्हा, एम. अजहरुद्दीन मुन्ने भारती, जगदीश्वर चतुर्वेदी, जितेन्द्र मेहता, दीक्षा उपाध्याय, डा.विजयेंद्र कुमार के लेख शामिल हैं। इसके साथ ही श्री उमेश उपाध्याय से डा.लालबहादुर ओझा का एक साक्षात्कार भी इस अंक में शामिल है। अंक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित देश के जाने-माने राजनेताओं, पत्रकारों द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उमेश जी को दी गयी भावांजलि का भी संकलन कर प्रकाशित किया गया है। श्री उपाध्याय भारत में टीवी न्यूज चैनलों के आरंभिक संपादकों में शामिल थे। वे रिलायंस कम्यूनिकेशंस के प्रेसीडेंट भी रहे।
गणतंत्र के 76 साल : हमने क्या खोया और क्या पाया
मध्यप्रदेश में 26 जनवरी को विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर/वाहन/बैलगाड़ी/मोटर साइकिल परेड
किसान संघर्ष समिति की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संपन्न*
*26 जनवरी को विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर/वाहन/बैलगाड़ी/मोटर साइकिल परेड निकालने का निर्णय*
*स्थानीय सांसदों को ईमेल से भेजे जाएंगे ज्ञापन*
*संयुक्त किसान मोर्चा ने जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा मेडिकल एड लेने का किया स्वागत*
भागवत परिहार
रीवा/एमपी – आज किसान संघर्ष समिति की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीलम और राष्ट्रीय प्रवक्ता एड शिवसिंह की उपस्थिति में, प्रदेश अध्यक्ष एड आराधना भार्गव की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 26 जनवरी 2025 को प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर/वाहन/बैलगाड़ी/मोटर साइकिल परेड निकालने तथा किसानों द्वारा उठाई जा रही मांगों को नजरअंदाज नहीं करने, 9 दिसंबर, 2021 को भारत सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा को दिए गए लिखित आश्वासन को लागू करने के लिए स्थानीय सांसदों को ईमेल से ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार का मसौदा सभी कृषि कार्यों को निजी निगमों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपने की नीति है। यह किसानों को और अधिक कर्जदार और गरीब बना देगा तथा उन्हें भूमि और मुक्त बाजार, दोनों से वंचित कर देगा। इसलिए इस कानून को रद्द कराया जाना जरूरी है।
उन्होंने बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने, स्मार्ट मीटर लगाना बंद करने तथा किसानों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की मांग की।
डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने जगजीत सिंह डल्लेवाल के मेडिकल एड लेने और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा से बातचीत को लेकर खुशी जाहिर की है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वे किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्जा मुक्ति के लिए सभी किसान संगठनों से बातचीत करें।
राष्ट्रीय प्रवक्ता एड शिवसिंह ने कहा कि रीवा के सभी किसान मजदूर संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान हमेशा पालन किया है। उन्होंने कहा कि एम एस पी और कर्जा मुक्ति की मांगे पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष एड आराधना भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार ने कार्पोरेट का 17 लाख करोड़ रुपए कर्ज माफ किया लेकिन किसानों की मांगे मानने को तैयार नहीं है।
रीवा से किसंस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि रीवा में करहिया मंडी से रीवा कमिश्नरी तक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी तथा स्थानीय सांसद को ईमेल से ज्ञापन भेजा जाएगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम काकोड़िया ने कहा कि धार, देवास, हरदा, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल और कटनी आदि जिलों में बैलगाड़ी रैली निकाली जाएगी। सां,
किसान संगठन गैरतगंज के किसान नेता मुकेश धाकड़ ने कहा कि 26 जनवरी को गैरतपुर बुढ़ा गंज से टेका पाल टोल नाके तक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
सिवनी से जिला उपाध्यक्ष पवन सनोडिया ने कहा कि 20 जनवरी को सिवनी में सभी किसान – मजदूर संगठनों की बैठक रखी गई है। बैठक के बाद सांसद को ईमेल से ज्ञापन भेजा जाएगा।
प्रदेश सचिव एवं मालवा-निमाड़ क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री, जबलपुर संभाग के संयोजक डॉ राजकुमार सनोडिया, सीधी – सिंगरौली क्षेत्र संयोजक निसार आलम अंसारी, देवास से प्रदेश सचिव लीलाधर चौधरी, रायसेन से प्रदेश सचिव श्रीराम सेन, ग्वालियर से प्रदेश सचिव शत्रुघन यादव, मन्दसौर जिलाध्यक्ष दिलीप पाटीदार, उज्जैन से कमलेश परमार, मुलताई से प्रदेश महामंत्री भागवत परिहार आदि ने कहा कि वे अपने जिलों में 26 जनवरी को ट्रैक्टर, वाहन, मोटरसाइकिल, बैलगाड़ी परेड के कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
भागवत परिहार
कार्यालय सचिव, किसंस, मुलतापी
9752922320
“ऐसा कहां से लाएं, कि तुझ सा कहें जिसे”
नीतीश कुमार का संकल्प ही विकास का विकल्प है
एमपीएनएन – डा क़ासिम खुर्शीद
उर्दू हिंदी के अंतर्राष्ट्रीय शायर शिक्षाविद पूर्व विभागाध्यक्ष भाषा शिक्षा बिहार डा क़ासिम खुर्शीद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास नीति को हवाला देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार का संकल्प ही विकास का विकल्प है। डा खुर्शीद ने अपने व्यावहारिक अनुभवों के आधार पर ये भी कहा कि, मेरा जन्म भी इसी बिहार की धरती पर हुआ, और मैंने बचपन से अपने बिहार के इस पावन धरती को देखा, यहां की मिट्टी से मेरा गहरा रिश्ता है। जब से होश संभाला है तब से अब तक केवल बड़े बड़े दावे ही सुने मगर ज़मीन पर ऐसा कुछ विशेष नहीं दिखा और अद्भुत संभावनाओं के बावजूद बिहार को उपेक्षित दृष्टि से देखा जाता रहा। मगर ये कहने में किसी भी ईमानदार व्यक्ति को संकोच नहीं होना चाहिए कि नीतीश कुमार ने ही सब से पहले बिहार में विकास का नारा दिया और अपने इस संकल्प को जुनून बना डाला। एक उच्च अधिकारी के तौर पर मुझे भी उनके नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला और बिहार में शिक्षा दिवस बिहार दिवस की शुरुआत का मैं भी साक्षी बना और साथ काम करने का निरंतर अवसर प्राप्त हुआ। इस लिए केवल उनके कार्यकाल के विकास पर ही नज़र डालें तो ये किसी सपने के साकार होने जैसा ही मालूम होता है। ईमानदारी पहले किताबों और भाषणों तक सीमित थी मगर अब कहने से ज़्यादा करने में विश्वास रखती नज़र आ रही है। चूंकि नीतीश कुमार जे पी आंदोलन से उभरने के साथ बुद्धिजीवी भी हैं इंजीनियर भी हैं इस लिए विज़न बड़ा हो गया । और इन सब में जो सब से बड़ी ताक़त है वो है उनकी बेपनाह ईमानदारी, उनकी सादगी, साधारण रहन सहन और उनके सद्भावनापूर्ण उच्च विचार सब ने मिल कर एक अद्भुत छवि बना दी है। इस लिए उन्हें, न दुनिया के सितम याद रहते हैं न कोई कटुता साथ रहती है। जिस शिद्दत के साथ उन्होंने बिहार में विकास का नया इतिहास रच दिया है उसके लिए आने वाले समयों में भी अमर रहेंगे। इस लिए, कहना पड़ता है “ऐसा कहां से लाएं, कि तुझ सा कहें जिसे”।