खादी ने आईआईटीएफ में आत्मानिर्भर भारत की भावना को जगाया – इस वर्ष मेले का आकर्षण है खादि ग्रामोद्योग के उत्पादन!!

खादी ने आईआईटीएफ में आत्मानिर्भर भारत की भावना को जगाया – इस वर्ष मेले का आकर्षण है खादि ग्रामोद्योग के उत्पादन!!

एस. ज़ेड. मलिक

नई दिल्ली – इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गनाइजेशन ने द्वारा आयोजित नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2021में राज्यों के पावेलियनों में इस समय अपने आप मे अकेला खादी जो उत्तम सौंदर्यपूर्ण, और हर समुदायेओं के लिये उपयोगी हैं, दर्शकों को आकर्षित कर रहा है।

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इस वर्ष, आईटीपीओ ने अपने आयोजकों और उपभोक्ताओं के लिये उनके शुद्धता एवं उनके बेहतर रख रखाव का विशेष ध्यान रखा है तथा एमएसएमई इकाइयों, एवं स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ ग्रामीण कारीगरों की भागीदारी पर बहुत ध्यान दिया है।

वहीं पर्यावरण के अनुकूल भारतीय विरासत की मंत्रमुग्ध कर देने वाली रचनाओं का भी आयोजन किया है।

वहीं दर्शकों के लिये (हॉल 5), (हॉल 3), में हुनर ​​हाट जिसमे कला वस्तुओं के साथ खादी वस्त्र, रेडीमेड कपड़े , साड़ी, कालीन, बांकुरा चांदी, आभूषण, धातु के बर्तन, पेपर माचे, लकड़ी के शिल्प, खिलौने, हर्बल उत्पाद, पैक मसाले, सूखे मेवे, कॉफी, चाय और बहुत कुछ।


वही भागीदार राज्य में “बिहार, झारखंड और “उत्तर प्रदेश के अलावा, केंद्र शासित प्रदेशों के पावेलियनों में भी अन्य राज्यों की तरह खादी उत्पादन सामाग्री आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं (हॉल 7) में उद्योग आयोग ओर से एमएसएमई और सरस पवेलियन में, खादी उत्पाद हैंड मेड वस्तुएं उपलब्ध हैं जो आकर्षण का केंद्र हैं।
ज्ञात हो कि 1857 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, ग्रहउद्योगों और मिलों के उत्पादन बिल्कुल ही इतना गिर गया था कि इसकी बिक्री बाजारों में निम्नतम स्तर तक पहुंच गया था फिर एक लंबी अवधि के बाद विकासवादी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप खादी ‘मौन क्रांति’ के रूप में उभरी।
इसका श्रये हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जाता है जिन्हों ने 1920 के दशक में ग्रामीण स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए खादी की कताई को बढ़ावा देना शुरू किया। और आज उसी का नातेजा है कि
समकालीन दुनियाँ में खादी अब एक फैशन स्टेटमेंट और एक पावर ड्रेस बन गई है।
आईटीपीओ के मीडिया प्रबंधक संजय वशिष्ठ ने आँचलीक खबरे के संवादाता के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान जहां मेले की आंतरिक जानकारियां दी वही मेले कोऑर्डिनेटर मैडम अमृता जी ने बताया कि यह मेला अभी आम दर्शकों के लिए तीन दिन ही खुले हुए हैं और लगभग 80000 टिकट बिक चुके हैं, आगे लगभग 1,25000 और बढ़ने का अनुमान है।

ZEA

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