नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।
नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।

त्र के वरिष्ठ शिक्षाविदों एवं स्थानीय शिक्षकों ने भाग ले कर अपने अनुभव एवं आधुनिकता के क्षेत्र में उन्नति के मार्ग दर्शन दिए। कार्यक्रम का आरम्भ
मौलाना ज़ुबैर मलिक साहब के द्वारा क़ुरान ए पाक की तिलावत से किया गया । जिसके बाद “हिंदी संभावित पत्रकारिता” पर सामाजिक कार्यकर्त्ता खुर्रम मलिक ने अपनी बात रखते हुए यह कहा की वर्तमान में शिक्षा एक ढर्रे पर चल रही है जिसे हमें बदलना होगा। आज देखने में यह आ रहा है के हमारे बच्चे “बी टेक” करने को ही तरजीह देते हैं और फिर बाहर जा कर
कमाते हैं। लेकिन किया इस के अलावा हमारे पास क्या और कोई अन्य विकल्प नहीं है? क्या हम सिविल सेवा की तैयारी नहीं कर सकते? इस के आलावा वकालत भी बहुत अच्छा विकल्प है। इसके साथ ही विशेष कर आज के युवाओं के लिए पत्रकारिता भी एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है। तो क्या हम अपने नई नसलों को ऐसी सीख नही दे सकते जिससे हमारी नई नस्ले नई शिक्षा पद्धति के तहत नए विकल्प तलाशे और हम उनका सहयोग करें । हमे अपने बच्चों को भारत के मुख्य धारा से जुड़ कर चलने के लिये मार्ग प्रशस्त करना होगा।
प्रोफ़ेसर मेराज अहमद ने सरकारी नौकरी पर ज़ोर देते हुए कहा के आज के दौर में हमें सरकारी नौकरी में अवसर तलाशने की आवश्यकता है। सरकारी विभागों में कई सारे पद हैं जिस में मुसलमान आते ही नहीं हैं। जिस के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।
इस के अलावा रांची मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे साइम आफ़तब ने कहा के अपने मन से डर को निकालना होगा और बच्चे और गार्जियन की साझा परयासों से हम हर वह कुछ हासिल कर सकते हैं जो हम करना चाहते हैं।
इस के साथ ही नवादा, गया,पटना, जहानाबाद, जमुई, ज़िले के अलग अलग गांव से भी लोग शामिल हुए। सभी ने इस कार्यक्रम काफी सराहना की और कहा के इस प्रकार का कार्यक्रम हर ज़िले में होना चाहिए। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में अहम योगदान इंजीनियर राशिद लतीफ़, अधिवक्ता फ़ैसल अज़ीज़, हाफ़िज़ और पत्रकार खुर्रम मलिक। शाही मिलन के डायरेक्टर कलीम मलिक, इशू मलिक, इंजीनियर रागिब मलिक, नौशाद ज़ुबैर मलिक। फ़ज़ल इमाम मलिक, समारोह की समाप्ति पर सभी वक्ताओं को प्रशंसा का प्रमाण पत्र (Certificate of Appreciate) दिया गया।
