“इक प्यार का नगमा है ” एक आवाज़ जो जो जीवित पर खामोश है😴

"उन आंखों का हंसना भी क्या जिन आंखों में पानी ना हो, वो जवानी, जवानी नहीं, जिसकी कोई कहानी ना हो।"

गीत मेरा विषय नहीं मगर गीत जब हृदय के भीतर दबकर बैठी नसों को झंकृत कर दे तो मन का बोध, शिल्प और चेतना के उड़ते बादलों संग सफर पर निकल पड़ता है।

बींसवी सदी के लेजेंडरी गीतकार “संतोष आनंद” खामोश रह कर करोड़ों के गीतप्रेमिओं के दिलो में राज करते हैं।

कल यानी 14 जुलाई 2024 को सुबह 8.45 बजे अवश्य सुनें साहित्यिकी कार्यक्रम में “कवि सम्मेलनों के संस्मरण” क्रम में इनसे एक बातचीत -“तेरी मेरी कहानी”

राम अवतार बैरवा

दिल्ली आकाशवाणी हिंदी कार्यक्रम के अतिरिक्त कार्यक्रम निर्देशक की हार्दिक भावना

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एक यादगार पल लेजेंडरी गीतकार संतोष आनंद ने अपने बाहों में भर कर अपना हार्दिक प्रेम जताते हुए

बीसवीं सदी की हिन्दी फिल्मों में श्रेष्ठ गीतकारों का जब मूल्यांकन होता है तो संतोष आनंद का नाम पहले क्रम पर होता है और गीत भी उन्हीं का इस क्रम पर है –
“इक प्यार का नगमा है “
प्रथम 20 गीतों के मूल्यांकन में भी इन्हीं के गीत शामिल होते हैं –

-जिंदगी की ना टूटे लड़ी
-ये गलियां ये चौबारा
-हाय – हाय ये मजबूरी
-पुरवा सुहानी आई रे
-मेघा रे मेघा रे मत परदेश
-मैं ना भूलूंगा
-तेरा साथ है तो मुझे क्या
-मुहब्बत है क्या चीज़

अगर सूची बनाई जाए तो सैकड़ा पार कर जाएगी। इनके गीत हर मन की उपमाएं हैं। हमेशा यह लगता है -“काश ! हम ऐसा लिख पाते ।”

“दो पल के जीवन से इक उम्र चुरानी है।’

“उन आंखों का हंसना भी क्या
जिन आंखों में पानी ना हो,
वो जवानी, जवानी नहीं,
जिसकी कोई कहानी ना हो।”

                 या

“शाम तक था एक भँवरा फूल पर मण्डला रहा
रात होने पर कमल की पंखड़ी में बंद था
क़ैद से छूटा सुबह तो हमने पूछा क्या हुआ
कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा
मुहब्बत है क्या चीज़ हमको बताओ।”

                           या

“तेरी दो टकिया री नौकरी रे मेरा लाखों का सावन जाए ।”

इन पंक्तियों में संबंधों की हवाएं दूर किसी पगलाए सागर के हृदय से उठकर मन को अभिभूत करके शब्दों की अनूठी शक्ति के रूप में उभर आती है।

गीत मेरा विषय नहीं मगर गीत जब हृदय के भीतर दबकर बैठी नसों को झंकृत कर दे तो मन का बोध, शिल्प और चेतना के उड़ते बादलों संग सफर पर निकल पड़ता है।

कल यानी 14 जुलाई 2024 को सुबह 8.45 बजे अवश्य सुनें साहित्यिकी कार्यक्रम में “कवि सम्मेलनों के संस्मरण” क्रम में इनसे एक बातचीत -“तेरी मेरी कहानी”

निम्न चैनल्स और लिंक पर इसे सुना जा सकता है-

आकाशवाणी, दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ चैनल -366.3 मीटर अर्थात 819 किलोहर्टज और Air Live News24x7

https://liveradios.in/all-india-radio-news-24×7.html

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