दिल्ली के अधिवक्ताओं ने की दिल्ली सरकार से नये अधिवक्ताओं को 5000₹ और सुरक्षा की मांग।
दिल्ली के अधिवक्ताओं ने की दिल्ली सरकार से नये अधिवक्ताओं को प्रति माह 5000₹ और सुरक्षा देने की मांग।
नई दिल्ली – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार के आदेश पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विधिक एवं मानव अधिकार विभाग के चैयमेन एडवोकेट सुनील कुमार ने आज विभिन्न कोर्ट के वकीलों के साथ एक प्रैसवार्ता की जिसमें उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल को संविधान दिवस के उपलक्ष में संविधान की प्रति भेजी। उन्होंने कहा कि हमने संविधान की प्रति इसलिए भेजी है ताकि दोनों सरकारें संविधान की मूल भावना का ध्यान रखते हुए कानून बनाए जबकि ऐसा नहीं हो रहा है।
एडवोकेट सुनील कुमार ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आए दिन वकीलों पर हमले होते है और कई बार तो कोर्ट कम्पलैक्स में भी वकीलों के साथ दुर्व्यवहार भी होते है इसलिए उन्होंने केजरीवाल सरकार से तुरन्त प्रभाव से दिल्ली में वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब डाक्टरों की सुरक्षा को लेकर कानून बन सकता है तो वकीलों की सुरक्षा को लेकर कानून क्यों नहीं बन सकता? श्री कुमार ने कहा कि भारत की न्याय प्रणाली में वकील का अहम योगदान होता है क्योंकि वकील ही सुनिश्चित करते है कि न्याय प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे।
एडवोकेट सुनील कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से दूसरी मांग की कि दिल्ली बार काउन्सिल में रजिस्टर्ड होने वाले नए वकीलों को पहले तीन वर्ष तक 5,000 रू. प्रतिमाह दिए जाए ताकि वें अपने संघर्ष के समय में अपना खर्चा आसानी से चला सके।
एडवोकेट सुनील कुमार ने आम आदमी पार्टी के 2015 के विधानसभा के घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल जी ने 32वें पेहरे में यह घोषणा की थी कि वें नीचली अलादतों में वकालत करने वाले सरकारी व गैर-सरकारी वकीलों के लिए एफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम लेकर आऐंगे परन्तु आज 2021 आ गया है और केजरीवाल जी तीसरी बार विधानसभा में भी आ गए है परन्तु वकीलों से किया गया वायदा भूल चुके है।
आज की इस प्रैसवार्ता में एडवोकेट सुनील कुमार के साथ विधिक एवं मानव अधिकार विभाग के पदाधिकारी एडवोकेट बी.पी.त्यागी, एडवोकेट साजिद चौधरी, एडवोकेट ए.वी. शुक्ला, एडवोकेट सतीश सोलंकी, एडवोकेट नवीन गोयल, एडवोकेट निष्कर्ष गुप्ता तथा एडवोकेट अजय सरासर भी मौजूद थे
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