दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने मंत्री व परिवार के साथ दिल्ली में प्रभु श्रीराम के समक्ष दीप प्रज्वलित कर दीपावली मनाया और जनता ने धुआंधार पडाखे जलाया ।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने मंत्री व परिवार के साथ दिल्ली में प्रभु श्रीराम के समक्ष दीप प्रज्वलित कर दीपावली मनाया और जनता ने धुआंधार पडाखे जलाया ।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने  त्यागराज स्टेडियम में बनाए गए 30 फीट ऊंचे प्रभु श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति के समक्ष की मां लक्ष्मी की पूजा, और दिल्ली की जनता ने दिल्ली सरकार की अवहेलना कर दिल्ली में प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नही छोड़ी
एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

   नई दिल्ली – केजरीवाल सरकार ने इस बार ‘दिल्ली की दिवाली’ एक नए अंदाज में मनाया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अपनी कैबिनेट और दो करोड़ दिल्लीवासियों के साथ त्यागराज स्टेडियम में दिवाली पूजन कर दिल्ली के अंदाज में प्रभु श्रीराम का स्वागत किया। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अंदाज में प्रभु श्रीराम का भव्य स्वागत करने के लिए त्यागराज स्टेडियम में उनके मंदिर की 30 फीट ऊंची प्रतिकृति बनवाई थी, जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सभी मंत्रियों के साथ पूजा की। इस कार्यक्रम को टीवी चैनल्स पर लाइव प्रसारित किया गया,

जिसे देखकर दिल्ली वालों ने अपने-अपने घरों में परिवार के साथ दिवाली की पूजा की। दिल्ली के झंडेवालान मंदिर के पुजारी ने विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न कराई, जबकि प्रख्यात गायक अनुराधा पौडवाल ने भजन और गीता चंद्रन ने गणेश वंदना की प्रस्तुति दी। इस दौरान दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने ‘पटाखे नहीं, दीये जलाकर’ दिल्ली के अंदाज में भगवान श्रीराम का स्वागत करने के लिए एक परिवार की तरह एकजुट और उत्साहित दिखे। दिल्ली वालों ने पटाखे न जलाकर पूरे देश को प्रदूषण के खिलाफ लड़ने का संदेश दिया। साथ ही, दिल्ली समेत पूरे देश के मंगल और कोरोना से मुक्ति की कामना की।

वहीं करोना के मद्देनजर अभी दिल्ली और पूरे देश में कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई है और तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए त्यागराज स्टेडियम में आयोजित ‘दिल्ली की दिवाली’ समारोह में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया। समारोह में शामिल गणमान्य लोगों के बैठने के स्थान में पर्याप्त दूरी रखी गई थी। आरती के दौरान भी सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा।
केजरीवाल सरकार ‘दिल्ली की दिवाली’ सभी दिल्लीवासियों के साथ मनाकर न सिर्फ दिवाली पूजन को एक यादगार उत्सव बनाने का काम किया है, बल्कि इसके माध्यम से दिल्ली में पटाखा रहित दिवाली मनाने के चलन को भी बढ़ावा दे रही है। दिल्ली सरकार ने कोरोना के इस दौर में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए त्यागराज स्टेडियम में दिवाली पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए ‘पटाखे नहीं, दीये जलाकर’ दिवाली मानने की अपील की है, ताकि पटाखों से होने वाला प्रदूषण न हो सके और दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रित रहे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अभी कुछ दिन पहले ही भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या का दौरा किए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरयू नदी के घाट पर आरती में शामिल हुए थे। इसके बाद हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी और राम जन्मभूमि जाकर रामलला के दर्शन किए थे। उसी दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा’ योजना के अंतर्गत दिल्ली के बुजुर्गों को रामलला का दर्शन कराने की घोषणा की थी। जिसके अगले ही दिन मुख्यमंत्री ने दिल्ली कैबिनेट की बैठक बुलाई और कैबिनेट ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की सूची में अयोध्या को भी शामिल करने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। दिल्ली के बुजुर्गों से तीर्थ यात्रा योजना के तहत आवेदन मांगे गए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली से तीर्थ यात्रियों की अयोध्या की पहली यात्रा सम्पन्न होगी।
वहीं दिल्ली और आसपास के इलाकों के वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। क्योंकि लोगों ने दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए सरकार के प्रतिबंध की घोर अवहेलना की है। हवा में प्रदूषण का दूसरा कारण हर साल की तरह पराली जलाने का भी है। दिवाली के दिन गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यरात्रि तक ”गंभीर” की श्रेणी में पहुंच सकता है और पटाखे जलाए जाने की सूरत में शुक्रवार सुबह तक प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ने की आशंका है।

Comments are closed.