दिल्ली प्रदेश एआईएमईएम ने देश के निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर

दिल्ली प्रदेश एआईएमईएम ने देश के निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर श्री राम कॉलोनी ख़जूरी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया

एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

नई दिल्ली – भारत में बढ़ते बेरोज़गारी, महंगाई एवं सरकार की दमनकारी नीतिओं के मद्देनज़र ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली प्रदेश द्वारा देश के निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर ख़जूरी के श्री राम कॉलोनी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की तादाद में स्थानीय युवाओं ने भागीदारी की ।

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इस अवसर पर वहाँ उपस्थित दिल्ली प्रदेश एआईएमईएम के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि युवा किसी भी समुदाय एवं किसी भी ज़ाति के हों, वह देश के भविष्य हैं और उनको सही मार्गदर्शन किया जाए तो मैं समझता हूँ की वह अपने समुदाय, क़ौम एवं देश, मुल्क के उन्नति, तरक़्क़ी विकास की राह पर आग्रसर, गामज़न रहेंगे। यदि इन्ही युवाओं को शिक्षक , नेतृत्व करने वाले लोग स्वार्थी बना दें , बेरास्ता, दिशाहीन करदे, तो वह गुमराही के शिकार हो जाएंगे तथा समुदाय, क़ौम और रियासतें, राज्य पस्ती की ग़ार यानी अंधेरी गुफा में चली जाएगी। उन्होंने कहा कि मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन सिर्फ राजनीति करने नहीं आई बल्कि एक बा-शऊर माशरे यानी बुद्धिजीवी एवं शिक्षित समाज की तशकील यानी बनाना भी चाहती है। ताकि हमारे भारतीय समुदायों के युवा वर्ग अपने अधिकार को जाने समझें और उनको हासिल करने की कोशिश करें।
देश में 70 सालों से जिस तरह की सियासत का बोलबाला है उसमें इंसाफ़ बहुत मुश्किल है। ग़रीबों अल्पसंख्यकों और ख़ासतौर से मुस्लिम समाज को जिस बेरहमी से किनारे पर धकेला गया है। वह कांग्रेस भाजपा और तथाकथित सेक्युलर पार्टियों की ख़ास पॉलिसी और मानसिकता को उजागर करती हैं।
बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी देश की राजनीति में इस वक़्त अकेले लीडर हैं, जो पीड़ितों, वंचितों और मुसलमानों की बुलंद एवं न्यायपूर्ण आवाज़ तथा एक मज़बूत स्तम्भ हैं।
श्री हफ़ीज़ ने नौजवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी किसी के मुंह से सुनो की मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन भाजपा की बी टीम और असदुद्दीन ओवैसी आप को नुक़सान पहुंचाने के लिए चुनावी मैदान में आए हैं तो समझ लो कि कहने वाला आपका विरोधी है। वह नहीं चाहता कि मुसलमान, पिछड़ी जाती एवं दलित वर्ग सियासी तौर पर मज़बूत और संगठित हो ताकि संगठन के बल पर सरकारों से अपना अधिकार हासिल करने के क़ाबिल बन सकें, आख़िर मुसलमानों दलितों पिछड़ों को यह बात समझ में क्यूँ नहीं आती कि जिस जिस ढांचे में लोग ज़िदगी गुज़ार रहे हैं। उसके दो ही पहलू हैं एक पक्ष और दूसरा विपक्ष जब आप इन दोनों में से किसी जगह नहीं होंगे तो सियासी और सामाजिक तौर पर आपकी हैसियत नहीं होगी उन्होंने कहा कि आपको हैरत नहीं होती यह देख कर कि देश का बहुसंख्यक वर्ग पक्ष और विपक्ष के रोल में हैं, जबकि होना यह चाहिए था कि कुल आबादी का 20% मुसलमान और 60 प्रतिशत दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा,आदिवासी वर्ग जिसे राजनीतिक स्तर पर राज्य और केंद्र के दोनों सदनों में मुख्य विपक्ष का रोल अदा करता ताकि ग़रीब मजदूर और वंचित वर्गो को इंसाफ़ मिल सकत।
उन्होंने कहा कि मजलिस की हर वक़्त कोशिश है कि इस देश का दलित पिछड़ा आदिवासी, व मुसलमान सम्मान एवं अपने अधिकार के साथ इस देश में ज़िन्दगी जीने के लायक हो जाए, जिसका दारोमदार नौजवानों पर आधारित है। इसलिए कि वह दोनों पीढ़ियों की नुमाइंदगी करता है।
केजरीवाल सरकार को उन्होंने जहां आरएसएस और भाजपा की नाजायज़ औलाद बताया तो वही कांग्रेस पर मुसलमान और दलित के शोषण का इल्ज़ाम लगाया ।
एमसीडी इलेक्शन 2022 के मद्देनजर उन्होंने कहा कि दिल्ली में मजलिस पूरी ताक़त के साथ लड़ेगी और जीतेगी हमारी मजबूत आहट ने आम आदमी पार्टी के गलियारों में जलज़ला पैदा कर दिया है और हम दावे से कह सकते हैं कि मुस्लिम प्रभावित इलाकों से आपका जनाज़ा निकलना तय है कि कांग्रेस को पस्ती के अंधेरों से निकलने तक का मौक़ा नहीं मिलेगा। इस मौक़े पर प्रदेश महासचिव शाह आलम सिद्दीक़ी, लीगल सेल के कन्वीनर एडवोकेट रुख़सार अहमद, संगठन सचिव अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी, युवा नेता क़ासिम उस्मानी आई टी सेल प्रभारी मारूफ़ ख़ान के अलावा बहुत से नौजवानों ने अपने विचारों को व्यक्त किया। उपस्थितिगणों में ज़िला के जिम्मेदारों के अलावा वार्ड अध्यक्ष की भारी संख्या मौजूद थी।

ZEA

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