दिल्ली मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारी स्वर्गीय सुनीता के परिजनों को सौंपा एक करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक* विशेष संवादाता
दिल्ली मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारी स्वर्गीय सुनीता के परिजनों को सौंपा एक करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक*
विशेष संवादाता
नई दिल्ली – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान कोरोना की वजह से अपनी जान गंवाने वाली स्वच्छता कर्मचारी स्वर्गीय सुनीता के परिवार से आज मुलाकात की और उनको दिल्ली सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपे।
इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्वर्गीय सुनीता ईडीएमसी में स्वच्छता कर्मचारी थीं। कोविड-19 की ड्यूटी करते हुए वह भी कोरोना से संक्रमित हो गई थीं और लोगों की सेवा करते हुए उनका निधन हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार कोविड के दौरान लोगों की सेवा करते हुए कोरोना संक्रमित होने से अपनी जान गंवाने वाले 18 कोरोना योद्धाओं के परिवार को अब तक एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुकी है। जिसमें दो सफ़ाई कर्मचारियों को एक-एक करोड़ की राशि दी गई है। पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ने ऐसा किया है। हम दिल से अपने सफ़ाई कर्मचारियों की मेहनत और शहर को स्वच्छ रखने में उनके योगदान के लिए आभारी हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज कोरोना योद्धा स्वर्गीय सुनीता के परिवार से मिलने पूर्वी दिल्ली स्थित सीलमपुर उनके घर पहुंचे। कोरोना योद्धा स्वर्गीय सुनीता का कोविड-19 के दौरान लोगों की सेवा करते हुए कोरोना होने से 15 मई 2020 को निधन हो गया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वर्गीय सुनीता के पूरे परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिए। कोरोना योद्धा स्वर्गीय सुनीता के परिजनों से मुलाकात के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि स्वर्गीय सुनीता ईडीएमसी में स्वच्छता कर्मचारी थीं। कोविड-19 की ड्यूटी करते हुए वह भी कोरोना से संक्रमित हो गईं और लोगों की सेवा करते हुए उनका निधन हो गया। उन्होंने लोगों की सेवा करने में अपनी जान की बाजी लगा दी। मैं आज स्वर्गीय सुनीता के पूरे परिवार से मिला और दिल्ली सरकार की तरफ से हमने उन्हें एक करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्वर्गीय सुनीता की जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती है। दिल्ली सरकार की तरफ से हम उनके परिवार को एक तरह से मदद दे रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। मैंने स्वर्गीय सुनीता के परिवार को आश्वासन दिया है कि जब भी, जिस भी तरह की मदद की उनको जरूरत होगी, दिल्ली सरकार हमेशा उनके साथ है। जिन लोगों को कोरोना के दौरान लोगों की सेवा करते हुए कोरोना हो गया और उनका निधन हो गया। हम अभी तक इस तरह के 18 कोरोना योद्धाओं के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए दे चुके हैं। ये दूसरे सफाई कर्मचारी हैं, जिनको हमने एक करोड़ रुपए दिया है। दिल्ली सरकार अपने सभी कोरोना वारियर्स का शुक्रिया यदा करना चाहती है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे कोरोना वॉरियर्स ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर लोगों की सेवा की है। ऐसी ही एक वॉरियर स्व. सुनीता जी एमसीडी में स्वच्छता कर्मचारी के तौर पर कार्यरत थीं। कोरोना की वजह से उनका निधन हो गया था। आज मैं खुद उनके परिवार से मिला और एक करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा।’’ एक अन्य ट्वटी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार ने अभी तक दो सफ़ाई कर्मचारियों को एक-एक करोड़ की राशि दी। पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ने ऐसा किया। हम दिल से अपने सफ़ाई कर्मचारियों की मेहनत और शहर को स्वच्छ रखने में उनके योगदान के लिए आभारी हैं।’’
ज्ञात हो कि मूलरूप से दिल्ली निवासी कोरोना योद्धा स्वर्गीय सुनीता 1995 में पूर्वी दिल्ली नगर निगम में स्वच्छता कर्मचारी के पद पर नियुक्त हुई थीं और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अजीत नगर इलाके में अपनी सेवाएं दे रही थीं। स्वर्गीय सुनीता ने कोरोना काल के दौरान पूरी जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी की थीं। वह 25 मार्च 2020 से 04 मई 2020 तक लॉकडाउन के दौरान भी कंटेनमेंट जोन और होम क्वारंटीन में कोविड-19 की ड्यूटी की थीं। कोविड की ड्यूटी करने के दौरान वह भी कोरोना की चपेट में आ गईं और स्वास्थ्य खराब होने पर 10 मई 2020 को उन्हें पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें 10 मई 2020 को मैक्स अस्पताल से ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था, लेकिन अपनी हर संभव कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए और 15 मई 2020 को उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पति ओमपाल और एक बेटा है। पति ओमपाल सफाई कर्मचारी हैं और बेटा ग्रैजुएट करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रहा है।
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