बिहार का बेटा शुभम यूपीएससी में टॉपर।
प्रेरना –
बिहार का बेटा शुभम यूपीएससी में टॉपर हुआ ।
पिता को एयरपोर्ट पर देख भावुक हो कर रो पड़े UPSC टॉपर शुभम कुमार,
एस. ज़ेड.मलिक (पत्रकार)
यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) एग्जाम 2020 में टॉप करने के बाद शुभम कुमार पहली बार जब रविवार को अपने पैतृक गांव कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के गांव कुमरही पहुंचे, जहां उनके परिजनों और ग्रामीणों ने बैंड-बाजे के साथ उनका जोरदार स्वागत किया।
शुभम अपनी ज़िंदगी को संवारने के लिये पुणे में नौकरी कर रहे थे, वहां रहते उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया। टॉप करने के बाद वह पहली बार अपने गांव आए हैं जहां गाँव के हर बड़ेबड़े अपने आपको गर्वान्वित महसूस करते हुए काफी खुश देखे जा सकते हैं। इस मौके पर गांववालों ने जयकारे लगाते हुए उनका जबरदस्त स्वागत किया, और अगले कई दिन भी गांव में ऐसे ही जश्न मनाने की बात कह रहे हैं।
शुभम कुमार को अपने बीच पाकर गांव के युवाओं में उनके साथ सेल्फी लेने के लिए होड़ मच गई। इन सबसे से होते हुए शुभम जब अपने घर पहुंचे तो दहलीज पर उनकी मां ने उन्हें तिलक लगाकर और फूल-मालाएं पहना कर अपने होनहार बेटे को गले से लगा लिया। वहां मौजूद लोग मां की ममता देख कर भावुक हो उठे।
इससे पहले, रविवार को दिल्ली से फ्लाइट से बागडोगरा पहुंचे शुभम को एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे उनके पिता अपने बेटे को देखते ही रो पड़े।
शुभम भी खुद को रोक न सके और उनके भी आंसू छलक उठे। यहां से शुभम सड़क मार्ग से कटिहार के लिए रवाना हुए। रास्ते में वो कुछ समय के लिए किशनगंज में रूके, जहां उन्हें डीएम आवास पर आमंत्रित कर डीएम कटिहार आदित्य प्रकाश ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन किया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
बता दें कि दो दिन पहले जारी हुए यूपीएससी एग्जाम 2020 रिजल्ट में शुभम कुमार ने देश भर में पहला स्थान हासिल किया है।
शुभम का जन्म 1997 में बिहार के जिला कटिहार में हुआ वह आरम्भिक शिक्षा अपने पैतृक गांव से ही आरम्भ कर 2012 में पूर्णिया के विद्या विहार रेसिडेंटियल स्कूल परोरा से 10वीं किया, उसके बाद 2014 में इन्होंने बोकारो झारखंड के चिन्मया विद्यालय से 12वीं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया उसके बाद आईआईटी मुंबई कम्प्लीट कर , इन्होंने पुणे में एक मल्टिनेशनल कम्पनी में नौकरी कर ली लेकिन इनके मनोमष्टिस्क में भारतीय प्रसाशनिक सेवा में जाने की धुन बनी रही जबकि दो बार यह यूपीएससी में बैठ चुके हैं, पहले 2018 में और दूसरी बार 2019 मे जिसमे 268वां रैंक हांसिल किया था, लेकिन वह संतुष्ट नहीं हो सके फिर भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर एक बार उनके बुलंदी छू लेने की जुनून ने आईएएस, पुलिस सर्विस और रेवन्यू सर्विस को दिमाग रखते हुई तीसरी बार यूपीएससी में अपीयर हुए और टॉप कर गए।
शुभम के पिता का नाम देवानंद सिंह और माता का नाम पूनम देवी है। इनके एक बहन हैं , जो इनसे बड़ी है जिसका नाम अंकिता है और वह मुंबई में बीएआरसी यानी भाभा ऑटोमी रिसर्च सेंटर में साइंटिस्ट के पद पर विराजमान है। शुभम फिलहाल नेशनल अकादमी ऑफ डिफेंस फिनांसियल मैनेजमेंट पुणे महाराष्ट्रा में ट्रेनिंग के लिये जा रहे हैं।
उन्होंने पत्रकार एस. ज़ेड. मलिक को फोन पर इंटरव्यू के दौरान अपने सपने को उजागर करते हुए कहा कि मेरा सपना इंडियन ऐडमिस्ट्रेटिव सर्विस में एक बड़े प्लेटफार्म पर बेहतर व अच्छे से अच्छे लोगों के साथ काम करने का था , जो मुझे मेरे पसन्द का कार्यक्षेत्र मिला है जिससे मैं संतुष्ट हूँ। विशेष कर मैं ग्रामीण क्षेत्र में आम लोगों के साथ काम करना पसंद करूँगा। मेरा सपना है मैं समाज मे एक मिसाल बनूँ, जो आने वाली नस्ले मुझसे प्रेरित हों और वह मुझ से बेहतर कार्य कर सकें।
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