*ऊर्जा बचत की दिशा में दिल्ली सरकार की सकारात्मक पहल – 500 किलोवॉट से ज़्यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले दिल्ली के सरकारी भवनों का करवाएगी ‘एनर्जी ऑडिट’

केजरीवाल सरकार सरकार 500 किलोवाट और उससे अधिक स्वीकृत लोड वाले अपने सभी सरकारी भवनों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटों का भी होगा एनर्जी ऑडिट का ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफ़िशिएन्सी (बीईई) द्वारा प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर से करवाएगी ऑडिट - सस्टेनेबल दिल्ली की दिशा में एक सकारात्मक पहल- बिजली मंत्री आतिशी

केजरीवाल सरकार सरकार 500 किलोवाट और उससे अधिक स्वीकृत लोड वाले अपने सभी सरकारी भवनों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटों का भी होगा एनर्जी ऑडिट का ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफ़िशिएन्सी (बीईई) द्वारा प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर से करवाएगी ऑडिट – सस्टेनेबल दिल्ली की दिशा में एक सकारात्मक पहल- बिजली मंत्री आतिशी

केजरीवाल सरकार -500 किलोवाट और उससे अधिक स्वीकृत लोड वाले अपने सभी सरकारी भवनों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटों का भी ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफ़िशिएन्सी (बीईई) द्वारा प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर से करवाएगी ऑडिट
*’एनर्जी ऑडिट’ से पता चलेगा किन इमारतों में हो रहा है बिजली का अत्यधिक उपयोग; कैसे इन स्थानों पर कर सकते है बिजली की बचत – ऑडिट से मिले बिजली के बचत के उपायों से दिल्ली में बिजली की मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी- सरकारी भवनों के एनर्जी ऑडिट से ऊर्जा खपत को कम करने के साथ-साथ सरकार का वित्तीय बोझ भी कम करने में मिलेगी मदद-बिजली का हो दक्षतापूर्ण प्रयोग की दिशा में मिशन मोड में काम कर रहा केजरीवाल सरकार का बिजली विभाग, एनर्जी ऑडिट इसका महत्वपूर्ण उदाहरण-ऊर्जा संरक्षण के प्रति केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता भविष्य में ग्रीन और सस्टेनेबल दिल्ली की दिशा में एक सकारात्मक पहल- बिजली मंत्री आतिशी
 नई दिल्ली – बिजली की खपत कम करने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार अपनी इमारतों, कार्यालयों और स्ट्रीटलाइट्स का ‘एनर्जी ऑडिट’ करवाएगी। इस एनर्जी ऑडिट का उद्देश्य बिजली के अधिक इस्तेमाल करने वाले स्थानों का पता लगाना और वहाँ स्मार्ट तरीक़ों से बिजली की खपत को कम करने की रणनीति तैयार करना है।
राजधानी भर में सरकारी भवनों और स्ट्रीटलाइट्स के एनर्जी ऑडिट के विषय में साझा करते हुए ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा, “केजरीवाल सरकार बिजली की हर यूनिट के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार
अपने उन सभी सरकारी भवनों का एनर्जी ऑडिट करवायेगी जहां बिजली की खपत 500 किलोवॉट से ज़्यादा है।
उन्होंने कहा कि, इस प्रक्रिया में इमारतों के भीतर विभिन्न उपकरणों और उपकरणों की वास्तविक ऊर्जा खपत को मापना, उसका आवश्यक अनुमानित न्यूनतम ऊर्जा के साथ तुलना करना और फिर बिजली की बचत के लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से व्यावहारिक तरीकों की पहचान करना शामिल है।” उन्होंने आगे कहा कि, एनर्जी ऑडिट से बिजली उपयोग को अनुकूलित करने के लिए भी सुझाव मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप बिजली और पैसे दोनों की बचत होगी। 
बिजली मंत्री ने कहा कि, “माना जाता है कि यदि कोई उपभोक्ता बिजली की एक यूनिट की बचत करता है, वो बिजली संयंत्र में उत्पादित 2 यूनिट के बराबर होता है। ऐसे में इन ऑडिट से प्राप्त ऊर्जा-बचत उपायों से दिल्ली की समग्र बिजली मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एनर्जी ऑडिट से न केवल सरकारी भवनों में ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों का पता चलेगा बल्कि इससे सरकार का वित्तीय बोझ भी कम होगा। साथ ही, यह पहल CO2 उत्सर्जन को कम करने में 
मददगार साबित होगा।”
बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के बिजली विभाग ने मिशन@2023 के तहत सरकारी भवनों के ‘ऊर्जा ऑडिट’ को प्राथमिकता दी है और हम इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रहे है।
बता दें कि, सरकारी इमारतों के अलावा, दिल्ली सरकार अपनी स्ट्रीट लाइटों के लिए भी एनर्जी ऑडिट करवायेगी। वर्तमान में, दिल्ली में स्ट्रीटलाइट का रखरखाव मुख्य रूप से एमसीडी, एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है। जहां विभाग अपनी स्ट्रीट लाइटों को कम बिजली की खपत वाले एलईडी स्ट्रीट लाइटों से बदल रहे है।
बिजली मंत्री ने साझा किया कि एनर्जी ऑडिट, ऊर्जा संरक्षण और दक्षता के प्रति केजरीवाल सरकार का सक्रिय रुख को दिखाता है। इसके ज़रिए उन ग़ैर-ज़रूरी स्थानों की पहचान कर कर जहां बिजली का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, वहाँ बिजली के बचत के प्रभावी उपायों को लागू करना, यह पहल ज़िम्मेदार गवर्नेंस का उदाहरण तो है ही साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
उल्लेखनीय है  कि, सरकार 500 किलोवाट और उससे अधिक स्वीकृत लोड वाले अपने सभी सरकारी भवनों का ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा प्रमाणित एनर्जी ऑडिटर से ऑडिट करवायेगी।
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