डॉ. अजय मालवीय "बाहर इलाहाबादी" भारतीय अस्मिता एवं संस्कृति का सम्मानजनक ढंग से हिंदी और उर्दू में समान रूप से विवेचन किया है और भारतीय संस्कृति और सभ्यता को उन्होंने इसके माध्यम से उभारा है। Read More...
"सविता चड्ढा की पुस्तक"हिंदी पत्रकारिता भूमिका और समीक्षा"पत्रकारिता जगत की गीता है। जो पत्रकारों को एक सही राह दिखाती है। सविता चड्ढा जी ने विभिन्न विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है। Read More...
निवर्तमान निदेशक प्रोफेसर धनंजय सिंह ने कार्यभार सौंपते हुए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की! उन्होंने कहा काउंसिल जैसी उर्दू की केंद्रीय संस्था के लिए शम्स इकबाल से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता था। Read More...