हिंदी पत्रकारिता दिवस बनाम पत्रकार दिवस
बड़े न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों को संचालित करने वाले उद्योगपतिओं व पूँजीपतिओं के मालिकों ने पत्रकारों को गुलाम बना लिया और उन्हें मंत्रिओं नेताओं के यहां झुकने पर मजबूर कर दिया। नतीजा आज पत्रकार सत्ता का गुलान और पत्रकारिता पत्रकारों की…
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