चीन के मुद्दे पर संसद की रक्षा मामलों की समिति की बैठक।
राहुल गांधी ने रक्षा मामलों की समिति की बैठक में उठाये सवाल -जवानों और अधिकारियों के खाने में अंतर क्यों?
राहुल गांधी ने रक्षा मामलों की समिति की बैठक में उठाये सवाल -जवानों और अधिकारियों के खाने में अंतर क्यों?
चीन के मुद्दे पर संसद की रक्षा मामलों की समिति की बैठक।
राहुल गांधी ने रक्षा मामलों की समिति की बैठक में उठाये सवाल -जवानों और अधिकारियों के खाने में अंतर क्यों?
एस. ज़ेड. मलिक (स्वतंत्र पत्रकार)
नई दिल्ली – पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच लंबे समय से चल रहे गतिरोध के बीच शुक्रवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत संसद की रक्षा मामलों की समिति के समक्ष पेश हुए। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में सांसद राहुल गांधी भी शामिल हुए। इस बैठक का आधिकारिक एजेंडा ‘सैन्य बलों, विशेषकर सीमा क्षेत्रों में, राशन के सामान और वर्दी का प्रावधान और इसकी गुणवत्ता की निगरानी’ के तौर पर सूचीबद्ध किया गया था।
समिति की बैठक में राहुल गांधी ने सवाल किया कि सीमाओं पर तैनात जवानों और अधिकारियों के बीच आहार में अंतर क्यों है? दिलचस्प बात यह है कि यह एक ऐसा मुद्दा ऐसा है, जिसे पहले भी कई जवानों द्वारा उठाया जा चुका है। भारतीय सेना के जवान तेज बहादुर यादव ने भी यह मुद्दा पहले उठाया था, हालांकि बाद में उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा।
राहुल ने यह सवाल क्यों उठाया, इसका कारण यह भी था कि वह सीमा पर जवानों के लिए पिचिंग कर रहे थे, जिन्हें लगता है कि वे सरकार की अपारदर्शी चीन नीति के लिए कीमत चुका रहे हैं. हालांकि, सरकार ने यह कहकर इस आलोचना को खारिज कर दिया है कि जवानों और अधिकारियों के भोजन की आदतों में अंतर है क्योंकि ग्रामीण पृष्ठभूमि से पूर्व आम तौर पर जय-जयकार करते हैं।
इस बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, चीन के साथ होने वाली एकमात्र बात मार्च 2020 तक स्टेटस क्वो एंट की बहाली के बारे में है।पीएम और भारत सरकार ने चीन को हमारी जमीन से बाहर निकालने की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। इससे पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह अपने ट्वीट में लिखा, “चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया। भारत सरकार इसे वापस हासिल करने की योजना बना रही है? या फिर इसे भी एक “दैवीय घटना बताकर छोड़ा जा रहा है।”
वही उपस्थित पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेन्स अर्थात संसदीय सुरक्षा स्टैंडिंग समिति की बैठक में राहुल गांधी ने सवाल किया कि सीमाओं पर तैनात जवानों और अधिकारियों के बीच आहार में अंतर क्यों है? दिलचस्प बात यह है कि यह एक ऐसा मुद्दा ऐसा है, जिसे पहले भी कई जवानों द्वारा उठाया जा चुका है। लेकिन इस मुद्दे हमेशा नज़रअंदाज़ कर दिया गया कभी इस मुद्दे पर इन वर्षों में किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया पहमे भी भी जहां आर्मी में खान पान में भेद भाव का मुद्दा आम है वहीं सेना जाती भेद भाव का विडिओ अक्सरहां सोशल मीडिया पर देखने को मिलता रहा है। लेकिन उन सेनाओं का दुर्भाग्य कहें या हमारे देश विडम्बना जो सेना के बीच भाव किया जाता है। जबकि सेना में ऐसा जाती द्वेष , दुराग्रह कतई नहीं होना चाहिये परन्तु हमारे देश का दुर्भाग्य है की अब सेना भी जाती द्वेष भेद भाव से अछूता नहीं है।