जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र, राज्य सरकारों के हाथे चढ़ी।
केंद्र सरकार , संघवादी निति के तहत भारत के सभी राज्यों को पंख उजड़े मुर्गे की तरह अपने कदमो में रख कर दाना चुंगवाना चाहती है - शिव भाटिया.
केंद्र सरकार ने रेल बेच दिया , एयरपोर्ट बेच दिया। एलआईसी बेच दिया , अब Hindustan Aeronautics Limited में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सरकार Offer For Sale के जरिए 15 फीसदी हिस्सा बेचेगी। इसके जरिए 5 हजार करोड़ जुटाने का प्लान है। यह पैसा कहाँ जा रह है ?
नई दिल्ली – केंद्र और राज्यों में जीएसटी पर टकराओ आरम्भ हो चुका है। केंद्र ने राज्यों को अब जीएसटी का कम्पलसेशन देने से इंकार कर दिया है। जबकि केन्द्र ने जीएसटी लागू करने से पहले राज्य सरकारों से एग्रीमेंट है की 5 वर्षों तक केंद्र सरकार राज्य सरकारों के अपने कर संकलन में कमी आने पर उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। आज केंद्र राज्यों को जीएसटी कमलसेशन का हिंसा देना तो दूर राज्य सरकारों को उनका केंद्र पर जो अपना अधिकार है, केंद्र उसे भी देने से इंकार कर रही है। अब इस मुद्दे पर घेर ने को आतुर हो गयी। इस मुद्दे पर वेस्ट बंगाल ममताबनर्जी ने स्पष्ट कहा है की केंद्र की सरकार 53 हज़ार करोड़ रुपया जिस पर राज्य सरकार का अधिकार है, केंद्र से हमे कम्पलसेशन नहीं चाहिए, राज्य का 53 हज़ार करोड़ रुपया जो हमारे राज्य का अधिकार है वही हमारे राज्य को दे दो नहीं हम दिल्ली में घेराव करेंगे वहीं बिहार के उपमुख़्यमंत्री भाजपा के अपने ही नेता सुशिल मोदी ने पाटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की गिरती स्थिति को स्वीकार करते हुए केंद्र पर पर अपनी नाराज़गी स्पष्ट करते हुए कहते हैं की केंद्र ने राज्य के विकास के लिए अभी तक कोई आवंटन नहीं किये हैं जिसे इस समय पेंशन भी देने में दिक्क्त आ रही यही ऐसे में भारत सरकार के जीएसटी कम्पलसेशन पर भरोसा करना बे मानी है।