दिल्ली प्रदेश कांग्रेस – दिल्ली सरकार को आरोपित करते हुये भाजपा सरकार से मांग।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का दिल्ली सरकार पर आरोप ओमीकॉर्न वायरस नामक तीसरी लहर से दिल्ली वासिओं को बचने की कोई तैयारी नहीं। दिल्ली सरकार मज़दूरी दिहाड़ी 5000 रुपया तथा भाजपा सरकार से मांग !!

दिल्ली से भाजपा और आप पार्टी के सभी सांसद राजधानी में गंभीर प्रदूषण की स्थिति पर संसद के शीतकालीन सत्र में अविलंब चर्चा करें और दिल्ली सरकार सभी पंजीकृत एवं दिहाड़ी निर्माण श्रमिकों को तुरंत प्रभाव से 5 हजार रुपये मुआवजा दे ताकि बढ़ती महंगाई से प्रभावित श्रमिकों को राहत मिल सके।- चौ0 अनिल कुमार।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस – दिल्ली सरकार को आरोपित करते हुये भाजपा सरकार से मांग।

एस. ज़ेड. मलिक   

नई दिल्ली – दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने में दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने दिल्ली से भाजपा और आम आदमी पार्टी के सभी सांसदों से अपील की है कि संसद के शीतकालीन सत्र में राजधानी में प्रदूषण की बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत चर्चा करें, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में दूषित वायू का एक्यूआई लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है और आने वाले समय में प्रदूषण अधिक खतरनाक स्थिति में पहुॅच सकता है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा प्रदूषण रोकथाम के लिए बड़े-बड़े दावे करने के बावजूद प्रदूषण को रोकने में असफल रहे। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को को देखते हुए सभी सांसदों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे संसद के सत्र में दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के विषय पर चर्चा करें ताकि भविष्य में राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्थाई और ठोस नीति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि राजधानी में प्रदूषण के बिगड़ती स्थिति से निजात दिलाने के लिए दिल्ली की अरविन्द सरकार और केन्द्र सरकार को संगठित होकर कारगर नीति बनाने की जरुरत है।

उन्होंने दिल्ली में 7 लाख निर्माण श्रमिकों की जीविका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल की असंवेदनशीलता के चलते आज इन श्रमिकों की अजीविका पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण बंद पड़े निर्माण कार्यों के बाद केजरीवाल केवल दिखावे के लिए ही श्रमिकों प्रति सहानूभूति प्रतीत कर रहे है क्योंकि 5 हजार रुपये श्रमिकों को मुआवजे की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी वह केवल 3 प्रतिशत श्रमिकों को दिया गया है, जबकि 7 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं। उन्होंने कहा कि 7 लाख श्रमिकों में से केवल 3 प्रतिशत श्रमिकों को 5 हजार रुपये मुआवजे के बाद यह साबित हो गया है कि केजरीवाल का श्रमिक विरोधी है। चौ0 अनिल कुमार ने मांग की कि दिल्ली सरकार सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को तुरंत प्रभाव से 5 हजार रुपये का मुआवजा दे ताकि बढ़ती महंगाई के कारण अजीविका से जूझ रहे श्रमिक को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से जुड़े गैर पंजीकृत दिहाड़ी मजदूर भी निर्माण कार्य बंद होने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। दिल्ली सरकार को इन मजदूरों को राहत देने के लिए भी कोई रास्ता निकाले और भविष्य में इन्हें पंजीकृत करने की दिशा में आदेश जारी करें।

वहीँ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा ओमीकॉर्न वायरस कोविड-19 की तीसरी लहर के आगमन के संदेह पर दिए गए वक्तव्य में स्वीकार किया है कि दिल्ली सरकार कोविड की पहली और दूसरी लहर में संक्रमितों को स्वास्थ्य सुविधाऐं देने में पूरी तरह से विफल रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब एक्पर्ट तीसरी लहर की बात पिछले 7-8 महीनों से कह रहे है तो अब जाकर मुख्यमंत्री तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाऐं, बेड, आईसीयू, ऑक्सीजन, दवाईयां आदि बढ़ाने पर कार्यवाही करने के लिए कह रहे है।  उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लड़ाई दिल्लीवालों ने सूझबूझ से जीती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का वास्तविक चेहरा उस समय उजागर हो गया था जब महामारी के संकट में उन्होंने दिल्लीवालों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली में उनकी जिम्मेदार सरकार की बात करना बेमानी है, क्योंकि दिल्ली में स्वास्थ्य क्षमता बढ़ाने की बात कर रहे है, उसमें वह पहले ही विफल साबित हो चुके है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा 2 हफ्ते के नोटिस में सभी 272 वार्डों में प्रत्येक में 100-100 वार्ड का इंतजाम करना पूरी तरह जुमला साबित होगा। भारद्वाज ने कहा कहा कि दिल्ली में 30,000 आक्सीजन बेड, 10,000 आक्सीजन बेड, 7500 एमटी ऑक्सीजन की क्षमता,6000 ऑक्सीजन सिंलेडर, प्रतिदिन 2900 सिलेंडर भरने की क्षमता की हवा हवाई बात करके केजरीवाल दिल्ली की जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल केवल बड़े-बड़े वायदे करते है चाहे प्रदूषण का मुद्दा हो या कोविड महामारी का मुद्दा हो, परंतु उस पर कार्यवाही करके लोगों को फायदा पहुचाने के लिए कोई मजबूत कदम नही उठाया। उन्होंने कहा दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से ध्वस्त है, तो फिर केजरीवाल शार्ट नोटिस में आपातकाल स्थिति का  कैसे सामना कर सकते है, जिस पर कह रहे है कि 2 हफ्ते के नोटिस पर व्यवस्था दुरस्त कर लेंगे जबकि ऑमीकॉर्न वायरस से संक्रमति मरीज दिल्ली में प्रवेश कर चुका है।

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