नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से  “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।

नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से  “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।

एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
पटना – इस अधुनिक दौर में शिक्षा का क्या महत्व है, यह बात हम सभी भली भांति जानते हैं इसी संदर्भ में तीन अक्टूबर को ” शिक्षा और उसका महत्व” के नाम पर नवादा शहर के रांची पटना हाइवे पर स्थित होटल रोज़ गार्डन में बिहार मलिक ग्रुप द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्र के वरिष्ठ शिक्षाविदों एवं स्थानीय शिक्षकों ने भाग ले कर अपने अनुभव एवं आधुनिकता के क्षेत्र में उन्नति के मार्ग दर्शन दिए। कार्यक्रम का आरम्भ

मौलाना ज़ुबैर मलिक साहब के द्वारा क़ुरान ए पाक की तिलावत से किया गया । जिसके बाद  “हिंदी संभावित पत्रकारिता” पर सामाजिक कार्यकर्त्ता खुर्रम मलिक ने अपनी बात रखते हुए यह कहा की वर्तमान में शिक्षा एक ढर्रे पर चल रही है जिसे हमें बदलना होगा। आज देखने में यह आ रहा है के हमारे बच्चे “बी टेक” करने को ही तरजीह देते हैं और फिर बाहर जा कर
कमाते हैं। लेकिन किया इस के अलावा हमारे पास  क्या और कोई अन्य विकल्प नहीं है? क्या हम सिविल सेवा की तैयारी नहीं कर सकते? इस के आलावा वकालत भी बहुत अच्छा विकल्प है। इसके साथ ही विशेष कर आज के युवाओं के लिए पत्रकारिता भी एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है।  तो क्या हम अपने नई नसलों को ऐसी सीख नही दे सकते जिससे हमारी नई नस्ले नई शिक्षा पद्धति के तहत नए विकल्प तलाशे और हम उनका सहयोग करें । हमे अपने बच्चों को भारत के मुख्य धारा से जुड़ कर चलने के लिये मार्ग प्रशस्त करना होगा।

वहीं उपस्थित *इंजीनियर राशिद लतीफ़* ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैट्रिक और इंटर के बाद बच्चों को किस फ़ील्ड में जाना चाहिए इस की तरफ़ गार्जियन को ध्यान देने की ज़रूरत है।
वहां उपस्थित इंजीनियर आमिर शहजाद ने कहा की मौजूदा दौर में हमें अपनी आंखें खुली रखनी होंगी। साथ ही यह भी कहा के बीटेक कर के भी कैरिर्यर बनाया जा सकता है।और हमें एक धारे में बंध कर नहीं रहना है।

प्रोफ़ेसर मेराज अहमद ने सरकारी नौकरी पर ज़ोर देते हुए कहा के आज के दौर में हमें सरकारी नौकरी में अवसर तलाशने की आवश्यकता है। सरकारी विभागों में कई सारे पद हैं जिस में मुसलमान आते ही नहीं हैं। जिस के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। 

अधिवक्ता फ़ैसल अज़ीज़ ने अपनी बात रखते हुए कहा के वकालत अभी के समय में बहुत ही बेहतर विकल्प है और इस में अपार संभानाएं हैं। उन्हों ने ज़ोर दे कर कहा के अगर किसी बच्चे को लॉ की तैयारी करनी है तो मुझ से संपर्क कर सकता है । मैं ख़ुद उस के लिए गाइड करूंगा। और उसे दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ की परीक्षा में उत्तीर्ण होने की हर संभव प्रयास करूंगा। 

इस के अलावा रांची मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे साइम आफ़तब ने कहा के अपने मन से डर को निकालना होगा और बच्चे और गार्जियन की साझा परयासों से हम हर वह कुछ हासिल कर सकते हैं जो हम करना चाहते हैं।

साथ ही पटना से आए खुर्शीद अनवर साहब ने भी अपनी बात रखी। आख़िर में शाही मिलन के डायरेक्टर कलीम मलिक ने लोगों का आभार व्यक्त किया। समारोह में नवादा शहर के कई जाने माने लोग उपस्थित थे।
इस के साथ ही नवादा, गया,पटना, जहानाबाद, जमुई, ज़िले के अलग अलग गांव से भी लोग शामिल हुए। सभी ने इस कार्यक्रम काफी सराहना की और कहा के इस प्रकार का कार्यक्रम हर ज़िले में होना चाहिए। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में अहम योगदान इंजीनियर राशिद लतीफ़, अधिवक्ता फ़ैसल अज़ीज़, हाफ़िज़ और पत्रकार खुर्रम मलिक। शाही मिलन के डायरेक्टर कलीम मलिक, इशू मलिक,  इंजीनियर रागिब मलिक, नौशाद ज़ुबैर मलिक। फ़ज़ल इमाम मलिक, समारोह की समाप्ति पर सभी वक्ताओं को प्रशंसा का प्रमाण पत्र (Certificate of Appreciate) दिया गया।
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