मौलाना आजाद देश की धरोहर हैं, उनकी उपेक्षा चिंता का विषय: हाजी यूनुस
मौलाना आजाद देश की धरोहर हैं, उनकी उपेक्षा चिंता का विषय: हाजी यूनुस
आप माइनॉरिटी विंग की ओर से श्रद्धाजंलि सभा व सेमिनार का आयोजन
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी माइनॉरिटी विंग की ओर से देश के पहले शिक्षा मंत्री व महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद साहब के योम ए विलादत यानी जयंती पर दिल्ली राज्य हज कमेटी मुख्यालय में श्रद्धाजंलि सभा व सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विधायक व माइनॉरिटी विंग के चैयरमेन हाजी यूनुस ने व संचालन सोशल मीडिया व आईटी विभाग के दिल्ली प्रदेश इंचार्ज मतलूब राणा ने किया। दिल्ली राज्य हज कमेटी के चैयरमेन मुख्तार अहमद, मेम्बर सैय्यद शादाब रिज़वी, उर्स कमेटी मेम्बर फहीमुद्दीन सैफ़ी, सीलमपुर पार्षद हाजी अफ़ज़ाल, rks मेम्बर डॉ अख्तर सिद्दीकी, जम्मू कश्मीर के सह प्रभारी सलाहुद्दीन अहमद, mw प्रदेश कोषाध्यक्ष तामीर अहमद, प्रदेश प्रवक्ता इमरान हसन ने बतौर अतिथि कार्यक्रम की शोभा बधाई।
इस अवसर पर हाजी यूनुस ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद इस देश की धरोहर हैं लेकिन आज जिस प्रकार देश व विभिन्न राज्यों की सरकारें उनकी उपेक्षा कर रही हैं यह चिंता का विषय है, उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस और बहुत गंभीर प्रयास कर रही है कि देश के महापुरुषों को उनका वाजिब हक और सम्मान मिले। हज कमेटी के चेयरमैन मुख्तार अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद ने देश को कई अग्रणी शिक्षण संस्थान व वैज्ञानिक सोच दी है, पूरा देश उनकी कुर्बानियों के प्रति आज उनके जन्मदिन पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद ने जिस प्रकार आजादी की लड़ाई मैं अपना सहयोग दिया उस दृष्टि से आज उनको सम्मान नहीं दिया जा रहा है। सोशल मीडिया प्रभारी मतलूब राणा ने कहा मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत के खिलाफ सबसे मजबूत आवाज मौलाना अबुल कलाम आजाद की थी जो आखिरी समय तक अखंड भारत के लिए संघर्ष करते रहे, उनकी कुर्बानियां सदैव स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएंगी।
इस अवसर पर प्रोफेसर मुख्तार अशरफ, जिलाध्यक्ष बाबरपुर महबूब मालिक, जिलाध्यक्ष गोकलपुर निज़ामुद्दीन सैफ़ी, सीलमपुर विधानसभा प्रभारी हाजी गुलज़ार, मटिया महल विधानसभा अध्यक्ष शकील अहमद, आबिद खान, इक़रार मलिक, इमरान प्रधान, इरफान सैफ़ी, मौ अली मुन्ना, जुबेर अहमद सहित बड़ी संख्या में साथियों ने भाग लेकर मौलाना को श्रद्धांजलि अर्पित की, तत्पश्चात मौलाना के जामा मस्जिद स्थित मज़ार पर जाकर सभी लोगों ने फ़ातिहाखानी की व उनकी रूह के लिए इसाले सवाब किया।
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