अतिना वेलफेयर फाउंडेशन की एक और रहबर टीम का विस्तार
फाउंडेशन में बढ़ते हुए "सहयोगी हाँथ"। अतिना वेलफेयर फाउंडेशन का 18वां रहबर सेंटर पटना ज़िला के नादौल गांव में खुला।
फाउंडेशन में बढ़ते हुए “सहयोगी हाँथ” ।
अतिना वेलफेयर फाउंडेशन का 18वां रहबर सेंटर पटना ज़िला के नादौल गांव में खुला।
अतिना वेलफेयर फाउंडेशन की एक और रहबर टीम का विस्तार
फाउंडेशन में बढ़ते हुए “सहयोगी हाँथ” ।
अतिना वेलफेयर फाउंडेशन का 18वां रहबर सेंटर पटना ज़िला के नादौल गांव में खुला।
नई दिल्ली – अतिना वेलफ़ेयर फॉउंडेशन ज़िला नालंदा के बिहार शरीफ नगर के उन क्षेत्रों को चुन कर गोद लिया जहां अधिक संख्या में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार बसे हुए हैं। वहां उन परिवारों के बीच फाउंडेशन ने “सहयोगी हाँथ” यानी हेल्पिंग हैंड, Helping Hand” को जोड़ कर एक रहबर कमेटी का गठन किया और उन्हें ही नगर के अलग अलग मोहल्ले में अलग अलग रहबर टीम का विस्तार कर उन्हें ज़िम्मीवारी सौंपी जो आज बिहार शरीफ के आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़े मोहल्ले में ईमानदारी और लगन के साथ नियमित तौर से खाद्यान्न सामग्री वितरित करने का कार्य कर रहे हैं। अब बिहार शरीफ में नियमित कार्य सुचारू रूप से संचालन के बाद पटना ज़िला के अंतर्गत नादौल में “सहयोगी हाँथ” के तहत एक रहबर टीम का गठन यहां भी किया है। जो बिहारशरीफ की तरह ही यहां भी कार्य करेगी, ज्ञात हो कि अतिना फाउंडेशन द्वारा गठित “रहबर टीम” सहयोगी हाँथ” के तहत बड़े ही तेज़ी से एक बढ़ाते हुए नादौल में भी 18वां एक रहबर टीम का गठन कर इरफान हैदर और शाहजहां को ज़िम्मेरी सौंपी है। अब यह लोग नादौल में अपने एक मज़बोट टीम बना कर दबे कुचले परिवारों में खाद्यान्न सामग्री वितरित करने का कार्य सुचारू रूप से आरम्भ कर अपना दायत्व निभाएंगे। फाउंडेशन के संचालक मोहम्मद सलमान ने आईना इंडिया के संपादक से फोन पर अनौपचारिक बात चीत के दरमियान जानकारी देते हुए अपनी रहबर टीम पर भरोसा जताते हुए कहा कि हमारी रहबर टीम पूरी ईमानदारी के साथ समर्पण भावना के साथ समाज मे पिछड़े और दबे कुचले लोगों को सहयोग कर उन्हें कौशल विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा ताकि असाहाये आर्थिक रूप से जो कमज़ोर है वह हमारे फाउंडेशन द्वारा स्किल अर्थ कोई हुनर, कौशल भी सीख कर स्वयंरोजगार कर सकें ताकि भविष्य में वह किसी के मोहताज न हों वह दूसरों को रोजगार दे सकें। वह स्वयं हेल्पिंग हैंड बन सकें। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन हर उस कार्य को करने के लिये अग्रसर रहेगी जो समाज में आथिक दृष्टिकोण से दबे कुचले लोग बुद्धिजीवी हैं मेहनती हैं उनके अंदर ईमानदारी है, लगन है, परन्तु उनके पास स्किल, कौशल, हुनर, नही है, जिसके कारण वह मजदूरी करने पर मजबूर हैं, वैसे लोगों का हमारी रहबर टीम चयनित कर उन्हें कौश विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसके लिये फाउंडेशन अपने रहबर टीम के साथ “सहयोगी हाँथ” जोड़ कर स्किल संस्था का विस्तार करेगी और ननयी नस्लों को स्किल होल्डर बनाएगी।

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