इतिहास गवाह है कि बिहार ने हर कठिन परिस्थिति में अपनी राह खुद बनाई है। चाहे स्वतंत्रता संग्राम हो या सामाजिक सुधार की बात, बिहारवासियों ने सदैव अपने संघर्ष से मिसाल पेश की है। Read More...
भले ही रंग मस्ती का घुला हुआ साथ में होगा, जवानी की कुमारी का नशा भी साथ में होगा। मगर जब बात होगी देश हित कुछ कर दिखाने की कफन सर पर वतन दिल में और तिरंगा हाथ में होगा। Read More...
अच्युतानंद मिश्र ने अपनी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘तीन श्रेष्ठ कवियों का हिंदी पत्रकारिता में अवदान’ में किया है। वे हैं- सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय', रघुवीर सहाय और धर्मवीर भारती। Read More...
जबकी कई प्रदेशो से आने वाले ज़ायरीन (श्रद्धालु) आज भी खुले में सोने को मज़बूर हैँ, शौच एवं जल की सुचारु सुविधा ना होने के कारण दरगाह के पिछले हिस्से में मौजूद जलाशय में जाना पड़ता है Read More...
बुआ और दादी दादी हमेशा मुझसे कहते थे कि, हम सब तुम्हें डाक्टर बने देखना चहते है, हमारे सारे सपने तुमसे ही जुड़े है क्योंकि तुम मेरे बेटे की इकलौती संतान हो । Read More...