बिहार दिवस: गौरवशाली इतिहास और उज्जवल भविष्य का प्रतीक

इतिहास गवाह है कि बिहार ने हर कठिन परिस्थिति में अपनी राह खुद बनाई है। चाहे स्वतंत्रता संग्राम हो या सामाजिक सुधार की बात, बिहारवासियों ने सदैव अपने संघर्ष से मिसाल पेश की है।
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हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा युवा कवि सम्मेलन का आयोजन

भले ही रंग मस्ती का घुला हुआ साथ में होगा, जवानी की कुमारी का नशा भी साथ में होगा। मगर जब बात होगी देश हित कुछ कर दिखाने की कफन सर पर वतन दिल में और तिरंगा हाथ में होगा।
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पद्म श्री डॉ. संजय एवं डॉ. गौरव संजय द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन

पुस्तक के लेखकों का मानना है कि परिवर्तन एक सार्वभौमिक नियम है और किसी भी परिवर्तन के लिए विचारों को बदलने की आवश्यकता है
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भाई जी की तीसरी पुण्यतिथि पर युवाओं द्वारा दीपोत्सव कर श्रद्धांजलि

चाहे वह चंबल के बागियों का आत्मसमर्पण हो या राष्ट्रीय युवा परियोजना (एन.वाय.पी.) की स्थापना, भाई जी ने हमेशा समाज के हित में कार्य किया।
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निष्पक्ष, निर्भीक, सत्यार्थी प्रकारिता का विश्लेषण

अच्युतानंद मिश्र ने अपनी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘तीन श्रेष्ठ कवियों का हिंदी पत्रकारिता में अवदान’ में किया है। वे हैं- सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय', रघुवीर सहाय और धर्मवीर भारती।
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सूफी संतों का आस्ताना और गन्द का खजाना?

जबकी कई प्रदेशो से आने वाले ज़ायरीन (श्रद्धालु) आज भी खुले में सोने को मज़बूर हैँ, शौच एवं जल की सुचारु सुविधा ना होने के कारण दरगाह के पिछले हिस्से में मौजूद जलाशय में जाना पड़ता है
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शीर्षक -दादा दादी सच ही कहते हैं

बुआ और दादी दादी हमेशा मुझसे कहते थे कि, हम सब तुम्हें डाक्टर बने देखना चहते है, हमारे सारे सपने तुमसे ही जुड़े है क्योंकि तुम मेरे बेटे की इकलौती संतान हो ।
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नवनिर्मित सड़क के नामकरण को लेकर शहिद के पुत्र और ग्रामीणों ने डीएम को लिखा पत्र

उल्लेखनीय है कि शहादत से पूर्व अंग्रेज हुकूमत ने सन 1932 ईस्वी में 6 महीने तक के लिए मल्लीक वायजुल हक को जहानाबाद जेल में कैद रखा
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