दिल्ली के 22 हज़ार आंगनबाड़ी कर्मियों के आप और भाजपा का किया बहिष्कार
दिल्ली के कोने-कोने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिनों पार्टियों के पार्षद उम्मीदवारों का घेराव कर बहिष्कार अभियान चला रहे हैं।
दिल्ली के कोने-कोने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिनों पार्टियों के पार्षद उम्मीदवारों का घेराव कर बहिष्कार अभियान चला रहे हैं। दिल्ली 22 हज़ार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुये लामबंद
दिल्ली के 22000 हज़ार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भाजपा और आप के खिलाफ हुए लामबंद
नई दिल्ली – दिल्ली के नजफगढ़ में आज आँगनवाड़ीकर्मियों ने ‘आप’ व भाजपा के ख़िलाफ़ बहिष्कार अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के कैबिनेट मन्त्री कैलाश गहलोत के कार्यालय का घेराव किया। साथ ही बहिष्कार अभियान के तहत उन्होंने ‘आप’ के नजफगढ़ वार्ड 127 के निगम प्रत्याशी राजबीर डबास के कार्यालय का घेराव किया गया। आँगनवाड़ीकर्मियों द्वारा दिल्ली भर में चलाये जा रहे बहिष्कार अभियान के असर नज़र आने लगे हैं। आज आँगनवाड़ीकर्मियों के सवालों के सामने निरुत्तर और अपने बहिष्कार के गूँजते नारों से प्रत्याशी राजबीर डबास के चेहरे पर शिकन साफ़ नज़र आ रही थी। इस दौरान महिलाकर्मियों ने नजफगढ़ की जनता के समक्ष निगम चुनावों में ‘आप’ व भाजपा के पूर्ण बहिष्कार और उनकी वोटबन्दी की अपील की और इन दोनों झूठी, बेईमान और भ्रष्टाचारी पार्टियों की असलियत से चेताया।
ज्ञात हो कि दिल्ली की 22,000 आँगनवाड़ीकर्मियों ने भाजपा व ‘आप’ के सक्रिय बहिष्कार का ऐलान किया है। दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन की ओर से प्रियम्वदा ने कहा कि दिल्ली की हर आँगनवाड़ीकर्मी इस नगर निगम चुनाव में ‘आप’ और ‘भाजपा’ के लिए वोट माँगना भी दूभर कर देंगी। भाजपा और आप के नेताओं को अपने-अपने इलाकों में आँगनवाड़ीकर्मी चुनाव प्रचार के लिए नहीं घुसने देंगी। उन्हें हमारे बीच अपनी शक्ल दिखाने का भी कोई अधिकार नहीं है। उनका स्वागत जूतों-चप्पलों की मालाओं और कालिख़ से किया जायेगा। इसके अलावा हम दिल्ली के कोने-कोने में भी इन दोनों ही पार्टियों के पार्षद उम्मीदवारों का घेराव कर बहिष्कार अभियान चला रहे हैं। कल हम पुनः कश्मीरी गेट स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। विभाग के पदाधिकारियों से हुई हर वार्ता में वे ग़ैर-कानूनी टर्मिनेशन के मसले के विचाराधीन होने का हवाला देते रहे हैं। अगर विभाग और दिल्ली सरकार सच में पुनःबहाली करना चाहता है तो वे कोर्ट में इस सम्बन्ध में एफ़िडेविट देने के लिए आज़ाद हैं। वे चाहें तो सभी ग़ैर-कानूनी टर्मिनेशन पर ग़लती मानते हुए बहाली का लिखित वायदा कर सकते हैं। कल इसी मुद्दे पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का दोबारा घेराव किया जायेगा।