दिल्ली सरकार द्वारा इंद्रा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन और यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिस के बीच समझौता

आईजीडीटीयूडब्ल्यू और यूनिमैप के बीच यह पार्टनरशिप एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पैदा करेगी महिलाओं के लिए सीखने के बेहतरीन अवसर- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

आईजीडीटीयूडब्ल्यू और यूनिमैप के बीच यह पार्टनरशिप एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पैदा करेगी महिलाओं के लिए सीखने के बेहतरीन अवसर- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली सरकार द्वारा इंद्रा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन और यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिस के बीच समझौता

नई दिल्ली – केजरीवाल सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है| इस दिशा में गुरुवार को इंदिरा गाँधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन(आईजीडीटीयूडब्ल्यू) ने यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिस(यूनीमैप) के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मलेशिया की मिनिस्टर ऑफ़ हायर एजुकेशन डॉ. नोरैनी अहमद व भारत में मलेशिया के उच्चायुक्त हिदायत अब्दुल हामिद की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया| इस पार्टनरशिप का उद्देश्य दोनों यूनिवर्सिटी के बीच उच्च शिक्षा में फैकल्टी व स्टूडेंट्स को अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र देना व साइंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय रिसर्च को बढ़ावा देना है|

कार्यक्रम में IGDTUW  की उपकुलपति डॉ अमिता देव, डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर एजुकेशन, मलेशिया के डायरेक्टर-जनरल डॉ. हुसैनी बी उमर सहित दिल्ली व मलेशिया के शिक्षा विभाग के अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे|

इस अवसर पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मलेशियाई यूनिवर्सिटी और आईजीडीटीयूडब्ल्यू  के बीच एजुकेशनल पार्टनरशिप दोनों यूनिवर्सिटी के बीच फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के रास्ते खोलेगा। यह स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय महत्व के रिसर्च करने के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है| आज हम तेजी से बदलती ऐसी सदी में जी रहे हैं जहां खुद को चारदीवारियों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है| हमें इससे बाहर निकलकर आगे बढ़ने के लिए नए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अपने सीमाओं से परे जाने की जरूरत है।”

श्री सिसोदिया ने कहा कि यह पार्टनरशिप दोनों यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। इससे यूनिवर्सिटी को अपने स्टूडेंट्स व फैकल्टी के बीच तकनीकी प्रगति के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये पार्टनरशिप पार्टनरशिप एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं के लिए सीखने के बेहतरीन अवसर पैदा करेगी|

*दोनों यूनिवर्सिटी के बीच पार्टनरशिप के महत्वपूर्ण घटक*

•       टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान और बेहतर एक्सपोज़र के लिए फैकल्टी व स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम 
•       द्विपक्षीय रिसर्च एक्टिविटीज
•       जॉइंट इंटरनेशनल कांफ्रेंस
•       स्टूडेंट्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप के मौके

*पार्टनरशिप से क्या-क्या फायदे होंगे*

•       इस पार्टनरशिप से दोनों यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और फैकल्टी को आपस में टेक्निकल एडवांसमेंट में मदद मिलेगी|
•       राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की रैंकिंग में होगा सुधार
•       अकेडमिक के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी मिलेगा मौका

मलेशिया की मिनिस्टर ऑफ़ हायर एजुकेशन डॉ. नोरैनी अहमद ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटी पिछले एक साल से इस पार्टनरशिप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दो प्रोमिनेंट टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बीच इस पार्टनरशिप से दोनों देशों में हाई क्वालिटी टेक्निकल एजुकेशन के साथ-साथ इस क्षेत्र में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। ये पार्टनरशिप भारत व  मलेशिया की महिलाओं को साइंस एंड टेक्नोलॉजी से संबंधित फील्ड को चुनने, हायर एजुकेशन प्राप्त करने और अपने क्षेत्र में एक्सीलेंस पाने के लिए प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर यूनीमैप के उपकुलपति डॉ. ज़ालिमन सौली ने कहा कि आज के दौर में सस्टेनेबल इनोवेशन को अपनाते हुए इकॉनमी का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन बेहद जरुरी है। इस दिशा में टेक्नोलॉजिकल साइंसेज के क्षेत्र में, विशेष रूप से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के क्षेत्र में यह पार्टनरशिप हमें दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने में मदद करेगा।

Comments are closed.