द्वेष  और दुराग्रह के प्रदूषण में जोधपुर छोड़ कर सम्पूर्ण भारत मे ईद का त्योहार भय और असमंजसता में मनाया गया।

आखिर भाजपा प्रशासम मुसलमानो को ही क्यूँ दबा कर रखना चाहता है। क्या मुसलमानो को दबाने से भाजपा की सत्ता हमेशा कायम रहेगी?

आखिर भाजपा प्रशासम मुसलमानो को ही क्यूँ दबा कर रखना चाहता है। क्या मुसलमानो को दबाने से भाजपा की सत्ता हमेशा कायम रहेगी? भारतीय मुसलमानों को संविधान में कल भी आस्था थी और आगे भी रहेगी।

द्वेष  और दुराग्रह के प्रदूषण में जोधपुर छोड़ कर सम्पूर्ण भारत मे ईद का त्योहार भय और असमंजसता में मनाया गया।

एस. ज़ेड . मलिक (पत्रकार)
नई दिल्ली – विभिन्न समाचार एजेंसियों के रिपोर्ट के अनुसार आज देश भर में ईद का त्योहार कहीं हर्षोउल्लास तो कहीं उदास, भय और असमंजसता के साथ मनाया गया। जिस प्रकार से आरएसएस समर्थित भाजपा सत्तारूढ़ पार्टी जिन राज्यों में भी है वहां वहां जनता में समन्जस्तता व्यकुलता एवं भय के वातावरण बना हुआ है, और बने क्यों नहीं!!! भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने जैसे मानो सत्ता में आने के बाद भारत को अपना जागीर समझ कर इस्तेमाल कर रहे है। जैसे भारत मे रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा, भारत मे रहना है तो वंदे मातरम बोलना होगा, मुल्ले काटे जाएंगे, भारतीय प्रसाशनी पुलिस बलों के निगरानी में मुसलमान को अश्लीलता से भरे अपमानित अपशब्दों से विभोर किया जाता है, और मुसलमान खामोशी से अपमानित का घूंट पी कर सुनते रहते है, जब कट्टर हिंदुत्व संगठनों के मनोमष्टिस्क में यह बात समझ मे आती है कि ऐसे शब्दों से इन्हें को फ़र्क़ नही पड़ता तो वह आस्था पर चोट करते है, मस्जिदों की मीनारों पर चढ़ कर भगवा लगाते मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं, कही क़ुरआन को जलाते हैं, तो कहीं निहत्ते मुसलमानो के घरों में घुस कर तलवार छुरा, कटार, से हत्या कर देते हैं,  और फिर पुलिस का काम होता है मुसलमानो को दंगाई घोषित करना और उन्हें पकड़ कर जेल में डाल कर उनके जेवन लीला को समाप्त कर देना, यह मनुवादियों क़ानून लागू कर दिया गया है। अब ऐसे द्वेष और दुराग्रही प्रदूषित वातावरण में मुसलमान शांतिपूर्ण ईद की निमाज पूर्ण कर लेते हैं तो यह मनुवादी हिंदुत्ववादी संगठनों का एहसान मानना होगा, यह बहुत बड़ी बात है, जो मुसलमानो के सबसे बड़े त्योहार में उन्हें शांतिपूर्ण निमाज पढ़ने दिया गया।
हालांकि दंगाई उग्रवादी मनुवादी विचारधारा वाले9न कि संख्या बहुत कम है, और कहीं भी कांड कराने के लिये उन्हें सोशल मीडिया के द्वारा सूचित कर संगठित किया जाता है, और उन्हें दिशानिर्देश दिया जाता है, और वह दिशा निर्देशानुसार वह हुड़दंग करते हैं और पांच से 10 मिंट के अंदर तूफान की तरह गायब हो जाते हैं और पुलिस मुसलमानो को दंगाइयों के इल्ज़ाम में उनके घरों से उठाना शुरू कर देती है, जैसे पिछजले साल भजनपुरा, शिवविहार, करावल नगर, जाफराबाद, इत्यादि जगहों पर हुआ और पिछले दिनों  जहांगीरपुरी में हुआ, पुलिस के निगरानी में शोभायात्रा निकाला गया और दो बार मस्जिद के पास हिंदुत्व संगठन अश्लील नारे लगाते आ गये लेकिन उस समय उनके साथ पुलिस नहीं थी, परन्तु तीसरे राउंड में पुलिस उनके साथ थी और वह मस्जिद में घुस कर वहां भगवा फहराने की कोशिश की संध्या इफ्तार का समय मुसलमान अपने घरों में और मस्जिदों में इफ्तार में व्यस्त और हिंदुत्ववादी संगठन पुलिस की निगरानी में तलवार भाला तमंचा फ्लैटगन जैसे अत्यधुनिक हत्यार ले कर तांडव करते रहे तब मजबूरन मुसलमानों को पथराव करना पड़ा, और ऐसी स्थिति केवल जहांगीरपुरी में ही नही बनाई गई बल्कि अब मनुवादी हिंदुत्व संगठनों का यह ट्रेन्ड चल चुका है। तांडव यह करें और गिरफ्तारी मुसलमानों की, इसी प्रकार रमज़ान के अंतिम सप्ताह में यानी ईद से दिन पहले शबेक़दर यानी रात्रि रजग्गा वाली रात जब सारे शकूरपुर एच ब्लॉक के मुसलमान तरावी में व्यस्त थे तब जीने चुने हुए मात्र 8 से 10 या 12 होंगे हिंदुत्व मनुवादी उग्रवादी लाठी, डंडा, तलवार और तमंचा ले कर मस्जिद में घुस गये और निमाज में व्यस्त निमाज़ियों पर लाठी डंडे बरसाते हुए एक गेट से घुसे और दूसरे गेट से निकल और गलियों में दुकानदारों पर ताबड़ तोड़ लाठियां डंडे बरसाते हुए काउंटर तोड़ डाले, एक व्यक्ति के सर पर इतना बुरी तरह से वार किया कि उसपर 35 से 40 टांके लगाने पड़े वह अब भी हॉस्पिटल में अपनी ज़िंदगी से जंग लड़ रहा है। और गिरफ्तारी मुसलमानो की जा रही है, सीसी टीवी फुटेज के बावजूद किसी भी हिंदुत्व मनुवादियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, वह रे सरकार की नीति, कमाल की नीति है। 
बहरहाल – किसका धन्ययवाद किया जाए सरकार का या हिंदुत्व मनुवादी दंगाईयों का या उपरवाले ईश्वर, गॉड, या खुदा, अल्लाह, का समझमे तो नही आ रहा है। 
अब ईद के अवसर पर मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िला प्रशासन ने मंगलवार और बुधवार को पूरे शहर में 24 घंटों के क़र्फ्यू लागू करने के आदेश दिए। प्रशासन ने मुसलमानों से अपील की है कि वो ईद उल फ़ितर की नमाज़ अपने घरों में ही अदा करें। मंगलवार को ही हिन्दुओं का अक्षय तृतीय त्योहार भी है और प्रशासन नहीं चाहता कि शहर का माहौल बिगड़े, वाह! क्या बात है, प्रशासन को बहुसंख्यक हिंदुत्व मनुवादी अलगाववादीयों की चिंता रही कि उनके त्योहार को ध्यान ध्यान में रखते हुए  प्रशासन ने मुसलमानो के खुशिय वाले त्योहार ईद के दिन कर्फ्यू लगा कर  अल्पसंख्यक मुस्लिमों को उनके ही घरमे बन्द कर के  उन्हें ईद की निमाज उनके अपने घरों में पढ़ने के आदेश जारी कर उनका खुशिओं का गला ही घोंट दिया ? वाह ! क्या बात ? मेरे विचार से कभी पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यकों के साथ नहीं हुआ होगा, जिस प्रकार से भारत मे 20 करोड़ मुसलमानों के साथ प्रशासन अपना रवैया अपनाया रहा है। वहीं राजस्थान के करोली में प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यावस्था में ईद का त्योहार अपने अपने मस्जिदों के अहाते के अंदर पढ़ने का आदेश जारी किया गया तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी जनपदों को ईद के त्योहार के दौरान शांति बनाए रखने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया।

राज्य के एडीजी लॉ प्रशांत कुमार ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि, “ईद, और अक्षय तृतीया तथा परशुराम जयंती को परंपरागत तरीक़े से मनाने को लेकर सभी धर्मगुरुओं से बातचीत हो चुकी है की किसी भी सार्वजनिक स्थल को बाधित नहीं करना है” सभी जनपदों में परंपरागत तरीक़े से ईद मनाने का अनुरोध किया गया और किसी भी तरह की नई परंपरा शुरू नहीं करने की अपील की गई है, इसके अतिरिक्त धार्मिक स्थलों पर लगे लउडस्पीकरों की आवाज़ को नियामानुसार रखने का निर्देश दिया गया है।

फिर भी भारतीय मुसलमानों प्रशासन के दुराग्रही रवैये को बर्दाश्त करते हुए प्रशासन और क़ानून व्यावस्था के प्रति सम्मान और आस्था का परिचय दिया। यह साबित कर दिया कि भारतीय मुसलमानो को भारतीय संविधान में आस्था और अड़ंगीत विश्वास है। लेकिन क्या ??????   

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