गांधी जी के पुण्यतिथि पर गांधी शांति प्रतिष्ठान में “वयाख्यानमाला” सभा का आयोजन।

मीडिया बहुत बड़ा धड़ सरकार के दबाव में काम कर रहा है - सिद्धार्थ वरदराजन

मीडिया बहुत बड़ा धड़ सरकार के दबाव में काम कर रहा है – और कुछ विज्ञापन के दवाओं में सामाजिक कार्यकर्ता सरकार के अंदर काम करते हैं – सिद्धार्थ वरदराजन

गांधी जी के पुण्यतिथि पर गांधी शांति प्रतिष्ठान में “वयाख्यानमाला” सभा का आयोजन।

मीडिया बहुत बड़ा धड़ सरकार के दबाव में काम कर रहा है – सिद्धार्थ वरदराज

नई दिल्ली – 30 जनवरी को नाथोराम गोडसे द्वारा भारत मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की निर्मम हत्या की जाने के उपलक्ष्य में पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है जबकि इस दिन को भारत का काला दिवस के रूप में मनाना चाहिये। बहरहाल आज स्वर्गीय गांधी जी के पुण्यतिथि के अवसर पर नई दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी  “व्याख्यानमाला” कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य प्रवक्ता के रूप में “the wire” द वायर” एक प्रख्यात यूट्यूब चैनल के प्रमुख्य सम्पादक एवं विश्लेषक – आलोचक श्री सिद्धार्थ वृदराजन को आमंत्रित किया गया। 

इस अवसर पर उन्हों केंद्र सरकार के दबंग नीतियों का विश्लेषण करते हुए प्रचलित गोदी मीडिया की खुल कर आलोचना कि। वहीं उनके व्याख्यान में सच्ची और निष्पक्ष पत्रकारिता करने वालों के प्रति गहरी सम्वेदनाएँ और दर्द व्यक्त की उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा जिस प्रकार सच्ची और निष्पक्ष पत्रकारिता को अपने दबंग नीतियों से दबाने की अथाह प्रयास और पत्रकारों पर देश द्रोह का मुकदमा डाल कर उन्हें जेल डाल देने भरपूर आलोचना की, तथा गांधी जी के पत्रकारिता युग की चर्चा करते हुए गांधी जी द्वारा प्रकाशित कुछ समाचार पत्रों की चर्चा करते हुये कहा, ब्रिटिश काल मे गांधी जी के समाचार पत्र छपे लेखों की चर्चा करते हुए कहा कि ब्रिटिश हुकूमत उस समय भी बहुत ही अत्यचारी थी, लेकिन पत्रकारों पर ऐसा कड़े कानून का प्रावधान नहीं था – मानहानि का मुकदमा चलाया जाता था और भारत के स्वतंत्रता के बाद भी 70 वर्षों तक मानहानि के मुकदमे का प्रावधान चलता रहा।

 

लेकिन 2014 के बाद पत्रकारों के अभिव्यक्ति की आज़ादी जहां छीन ली गई वही समाज सेवियों देश हित मे काम करने पर भी पाबन्दी लगा दी गई। अन्त मे उन्होंने एक सुझाव स्वरूप कहां हमे अब एक प्लेटफार्म पर आने की आवश्यकता है। उन्हों ने इशारे इशारे में एक और नई क्रांति का संकेत दिया।

 सभा के अंत मे प्रतिक्षण के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने अपने व्याख्यान से किया तथा अंत मे सभा का समापन गांधी जी के कविता के गायन से हुआ।  
इस अवसर पर गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, के अतिरिक्त प्रतिष्ठित कर्मचारीगण मनोज कुमार झा, अमृता जी, वंदना जी, एवं सभी अन्य छोटे बड़े कर्मचारियों ने कार्यक्रम संचालन एवं व्यावस्था को चारचांद लगा दिया। 
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