चुनाव आयोग ने  गुजरात चुनाव की तारीखों का किया एलान – राजनीतिक पार्टियों में हलचल बढ़ी

भाजपा के हांथो सत्ता और चुनाव की मशनरी है इसलिये ईवीएम असल भाजपा की जीत का सब से बड़ा साधन होगा।

बीते 27 सालों से भाजपा सत्ता में बनी हुई है, और वर्तमान में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और वहां अभी अभी जन्मी आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

 चुनाव आयोग ने  गुजरात चुनाव की तारीखों का किया एलान – राजनीतिक पार्टियों में हलचल बढ़ी

एस. ज़ेड. मलिक

नई दिल्ली –  चुनाव आयोग ने गुजरात चुनाव के तारीख की घोषणा करते हुए वहां दो चरणों मे चुनाव कराने का एलान कर दिया। पहला चरण 1 दिसम्बर और दूसरा चरण 5 दिसम्बर को 182 सीटों पर विधानसभा चुनाव संपन्न कराया जाएगा।

बताया जा रहा है कि बीते 27 सालों से भाजपा सत्ता में बनी हुई है, और वर्तमान में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और वहां अभी अभी जन्मी आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

ज्ञात हो कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 100 के आँकड़े तक भी नहीं पहुँच पाई थी। पार्टी को 99 सीटें मिली थीं, और कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं, लेकिन सत्ता तक नहीं पहुँच पाई थी।

इस चुनाव में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस तो हैं ही, लेकिन आम आदमी पार्टी की सक्रियता के कारण इस बार चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। जबकि आम आदमी पार्टी कॉंग्रेस का विकल्प माना ज रहा है। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस का वोट काटने और भाजपा को गुजरात मे सत्ता दिलवाने आई है।

अब सवाल मुद्दे क्या हैं ?कौन सी पार्टी  किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है?

तो एक तरफ़ गुजरात में सत्ताधारी बीजेपी ‘विकास के मुद्दे’ पर जीत का भरोसा जता रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और ‘आप’ महंगाई, भ्रष्टाचार और प्रशासन में सख़्ती के कारण ‘जनता के ग़ुस्से’ की बात कर रही हैं।

राज्य में कुल कितने मतदाता और कितने नए मतदाताओं की बढ़ोतरी तथा पुरुष, महिलाएं, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर हैं देखिये चुनाव आयोग की यह रिपोर्ट।

हाल ही में चुनाव आयोग ने गुजरात में मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की, राज्य में कुल 4.90 करोड़ मतदाता हैं।
पुरुष मतदाताओं की संख्या 2.53 करोड़ है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 2.37 करोड़ है।
नए मतदाताओं की संख्या में 11.62 लाख का इज़ाफ़ा हुआ है. तीसरे लिंग के मतदाताओं की संख्या भी बढ़कर 1,417 हो गई है। वैध मतदाताओं में चार लाख से अधिक विकलांग मतदाता हैं.
सबसे ज़्यादा (59.9 लाख) मतदाता अहमदाबाद में हैं, जबकि सबसे कम (1.93 लाख) डांग में हैं।

कौन होंगे मतदाता और कैसे करेंगे मतदान ।

गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें हैं. इनमें 27 एसटी, 13 एससी और 142 सामान्य श्रेणी की सीटें हैं।

पिछले तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की एसटी सीटों पर मज़बूत पकड़ रही है. कांग्रेस ने 2007 और 2012 में 59 प्रतिशत और 2017 में 55 प्रतिशत एसटी सीटें जीती थीं।

साल 2017 के चुनाव में गुजरात के अन्य राज्यों के मुक़ाबले सौराष्ट्र में मतदान में सबसे ज़्यादा गिरावट आई है। 

क्या इससे क्षेत्र के मतदाताओं के बारे में कुछ अहम संकेत मिलते हैं? बिल्कुल, सौराष्ट्र में मतदान में आई कमी से कांग्रेस को फ़ायदा मिला है।

सौराष्ट्र में धरी, राजुला, खाम्भालिया को छोड़कर अन्य इलाक़ों में मतदान में हुआ बदलाव कांग्रेस के लिए अधिकतर सकारात्मक रहा है।

बहरहाल – इस समय छान कर जो ज़मीनी रिपोर्ट आ रही वह है कि गुजरात की जनता इस समय अब कांग्रेस की ओर देख रही है परंतु आम आदमी पार्टी के सुप्रीम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोडल दिखा कर और अपनी चुनावी वादों की पिटारी खोल दिखाने से गुजरात की जनता थोड़ा आम आदमी पार्टी की ओर देखने लगी वही इस से भाजपा को अपनी जीत का 100 फीसदी सामने दिखाई दे रही दूसरी बात यह कि भाजपा के हांथो सत्ता और चुनाव की मशनरी है इसलिये ईवीएम असल भाजपा की जीत का सब से बड़ा साधन होगा। जबकि गुजरात मे विकास के नाम पर गुजरात की जनता को सत्ताधारी भाजपा ने 5 वर्षों से केवल अपना प्रचार दिखाते आ रही है।  

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