जामिया हमदर्द स्कूल द्वारा 5 दिवसिय कम्प्यूटर कार्यशाला का आयोजन।
आज समाज मे मदरसा के प्रति जो गलत धारणाएं बनाई गई है वह एक सोंची समझी साजिश है। यह साजिश उन व्यापारी वर्गों जो सत्ताधीश सरकार हैं।
समाज मे फैले भृमित और घृणित चक्रव्यू को मदरसे के शिक्षक ही भेद कर समाज स्वक्ष, भ्र्ष्टाचार मुक्त बना सकते हैं – प्रो0 वी. के. त्रिपाठी
जामिया हमदर्द स्कूल द्वारा 5 दिवसिय कम्प्यूटर कार्यशाला का आयोजन।
समाज मे फैले भृमित और घृणित चक्रव्यू को मदरसे के शिक्षक ही भेद कर समाज स्वक्ष, भ्र्ष्टाचार मुक्त बना सकते हैं – प्रो0 वी. के. त्रिपाठी
एस. ज़ेड. मलिक
नई दिल्ली – जहां एक ओर विशालकाय लोकतंत्र वाले भारत को अखंड हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए मात्र 20 से 25 प्रतिशत अशिक्षित मनुवादी दुराग्रही हिन्दू कट्टरवादी मानसिकता वाले लोग सरकार को घेरे में लिये सरकार का संचालन कर मदरसों और मदरसे के बच्चों को टारगेट कर रहे हैं, समाज मे अशहिष्णुता फैला का कर डर का माहौल बनाने की कोशिश करते रहते हैं, ताकि व्यापारी वर्ग डरा सहमा इनके इर्दगिर्द धन का पिटारा लिए खड़ा रहे, जो वर्षों से यही होता चला आरहा है। परन्तु इसमे कोई शक नहीं कि उदारवादी मानसिकता वाले अन्य समुदायें के लोग भी इस धरती पर बाहुल संख्यक हैं और वह मुसलमानों और मदरसों के प्रति हमदर्दी और उर्दू अरबी से शौक़ रखते हैं तथा वह भी चाहते हैं कि अरबी और उर्दू सभी समुदायें की भाषा बने सभी समझें ताकि अन्य अशिक्षित समुदायें भृमित न हो सके और कोई किसी के बहकावे में आये इसके लिये कुछ ब्राह्मण और क्षत्रिय एवं अन्य समुदायें के लोग अपनी प्रतिष्ठा बचाते हुए आंतरिक तौर पर मदरसों के विकास के लिये काम कर रहे हैं।
वही जामिया हमदर्द स्कूल ने पिछले दिनों मदरसा दुरसूल क़मर शाहीनबाग के सौजन्य से पांच दिवसीय कम्प्यूटर शाला का आयोजन किया। जिसके संचालन की सम्पूर्ण ज़िम्मीवारी अपने कांधे पर उठाए वह भी एक ब्राह्मण परिवार आईआईटी से सेवानिवृत्त प्रो0 विपिन कुमार त्रिपाठी और उनकी बेटी सोशल मीडिया शिक्षक रेखा त्रिपाठी ने अपनी निगरानी में जामिया हमदर्द स्कूल संगम विहार में 5 दिसिय कार्यशाला को संभालते हुए मदरसों के शिक्षकों को 5 दिनों तक प्रशिक्षण देते हुए सेमिनार में विभिन्न मदरसों के शिक्षकों को समाज के प्रति उनका दायत्व के निर्वाह के लिये जागरूक किया।
इस अवसर पर कम्प्यूटर कार्यशाला की जिम्मवारी सम्भालने वाले आईआईटी से सेवानिवृत्त प्रो0 विपिन कुमार त्रिपाठी ने सोशल आईना इंडिया के सम्पादक के एक सवाल के जवाब में उन्होंने एक विशेष व्यापारी वर्ग जो वैश्विक स्तर पर व्यापार को संरक्षित और संचालन कर रहा है उस पर तत्थात्मक आरोप लगाते हुए कहा कि आज समाज मे मदरसा के प्रति जो गलत धारणाएं बनाई गई है वह एक सोंची समझी साजिश है। यह साजिश उन व्यापारी वर्गों की है जो सत्ताधीश हैं, जो बलपूर्वक अपनी सत्ता हमेशा व्यस्थित और स्थापित रखना चाहते हैं। वैसे व्यापारी वर्ग जो अपने कामगारों का धुर्वीकरण कर हमेशा अपना वर्चस्व स्थापित रखना चाहते हैं उसके लिए उनको असंगठित रखने की कोशिश में एक ओर शिक्षित कामगारों को पैसे के बल पर अपने पक्ष में कर रखा है तो दुसरीं ओर अर्धाशिक्षित एवं अशिक्षित कामगारों में आधी मजदूरी दे कर और उनमें भय पैदा कर उन पर अपना वर्चस्व रहे हुए हैं।
प्रो0 त्रिपाठी ने आगे कहा कि विश्वस्तरीय सत्ताधीश व्यापारी वर्ग एक ओर मुसलमानों और उनके मदरसों के प्रति भ्रम फैलाते हैं की मुसलमान कट्टर हैं और मदरसों में आतंवादी बनने के लिये प्रशिक्षित किया जाता है तो दूसरे ओर दलित पिछड़ी जातियों में डर फैला रहे हैं कि मुसलमान हिंदुओं का नामो निशान मिटा देंगे, मां बहन बेटियों को अपनी रखैल बना कर रखेंगे भारत पर कब्ज़ा कर लेंगे।
यह भरम फैलाने वाले वह लोग हैं जो सत्ताधीश बने रहना चाहते हैं, वे लोग ऐसी भ्रम इसलिये फैला रहे की हिन्दू के नाम पर भगवान के प्रति आस्था बनी रहे और मंदिरों में दान आता रहे और इनकी सत्ता चलती रहे, वही दूसरा एक व्यापारी वर्ग जो शराब माफिया है वह वह जानते हैं कि लोग मुसलमान न बन जाये फिर शराब की बिक्री समाप्त हो जाएगी, तीसरे वैष्यवृति समाप्त हो जाएगा चौथे ड्रग का करो बार समाप्त हो जाएगा ऐसे व्यापारियों ही सत्ताधीश हैं और यह अपनी कामगारों को कम पैसे में और उनमें फुट डाल कर रखना चाहते हैं।
इसलिये समाज मे भरम और डर फैला कर अपना धंधा और अपनी सत्ता बचाये रखने चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि समाज को न मुसलमानों से कोई खतरा है और मदरसे में कोई आतंकी गतिविधियां चलाई जाती है। इसलिये की में स्वयं केरल , वेस्टबंगाल, तामिलनाडु, महाराष्ट्र देश के कई राज्यों के मदरसों में गया हूं, वह रहा हूँ, देखा है। मदरसों के बच्चों में इतनी सच्चाई और ईमानदारी और किताबे पढ़ने का लग्न के अलावा उनमें व्यावस्था करने की, समाज के प्रति उदारता, और सभी इंसानो के प्रति प्रेम सद्भावना की शिक्षा देते देखा है। मदरसों में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे तो बिकुल सीधे सादे सच्चे और ईमानदार उदारवादी इंसान बन जाते हैं। मदरसों और मुसलमानों के प्रति बिल्कुल गलत धाराएं बनाई गई है और इनसब के पीछे विकसित व्यापारी देश अमेरिका ब्रिटेन, जर्मन, फ्रांस, जैसे देश हैं। यह आम इंसानों को समझना होगा। समाज को ऐसे चक्रव्यू से निकालना होगा और यह काम हमारे मदरसे बच्चे ही कर सकते हैं।
बहरहाल – यह वर्कशॉप जामिया हमदर्द शिक्षा संस्थान कमेटी के चैयरमैन सैयद समर हामिद के तत्वाधान में मदरसा दुरसूल क़मर शाहीनबाग की संचालिका कनीज़ फातिमा के सौजन्य आयोजित किया गया था इस अवसर पर सद्भावना मिशन के संचालक आईआईटी के सेवानिवृत्त प्रो0 विपिन कुमार त्रिपाठी तथा सोशल मीडिया शिक्षिका रेखा त्रिपाठी को विशेष कर कार्यशाला संचालन की ज़िम्मीवारी देने लिये आमंत्रित किया गया और उनके ही निगरानी में यह मदरसा शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय कंप्यूटर कार्यशाला चला गया। इस कार्यशाला में मदरसा दुरसूल कमर शाहीनबाग की संचालिका कनीज़ फातिमा ने मदरसा के शिक्षकों को व्यवस्थित करने में अहम भूमिका निभाई उन्हीने दिल्ली के पूर्वी-दक्षिण ज़िला के चुनिंदे मदरसों के शिक्षकों को और मदरसे से शिक्षित आलिमा लड़कियों को इस कार्यशाला में भागीदारी के लिये व्यावस्थित किया था, जहां उन्हें कम्प्यूटर की मूलभूत प्रशिक्षण दिया गया एवं सेमिनार में उन्हें समाज के प्रति उनके जिम्मेदारों के लिये जागरूक किया गया।
बहरहाल – इस अवसर पर सेमिनार और कम्प्यूटर वर्कशॉप की व्यावस्था जामिया दमदर्द स्कूल के एसबी कंप्यूटर शिक्षक मोहम्मद इरफान, शिक्षिका गज़ाला एवं अफशां मैम ने भी बखूबी अपनी अपनी जिम्मेवारियां निभाते बेहतरीन व्यावस्था प्रदान किया।