जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय में कार्यवाहक कुलपति नियुक्त
नवनियुक्त कार्यवाहक कुलपति ने प्रशासकीय प्रबंधकों के सहयोग से विश्वविद्यालय में अनुशासन बनाने का संकल्प लिया।
जामिया का विशेष महत्व न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है, इसलिए यहां का वातावरण अनुशासन और उत्कृष्टता के आदर्श पर आधारित होना चाहिए – प्रो. डॉ. महताब आलम रिज़वी
जामिया में अनुशासन और उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण प्राथमिकता: प्रो. महताब रिज़वी
हितधारकों के सहयोग से जामिया का शैक्षणिक वातावरण बनेगा और भी सुदृढ़
प्रो. डॉ. महताब आलम रिज़वी(कार्यवाहक कुलपति)
डॉ एम रहमतुल्लाह (वरिष्ठ पत्रकार)
नई दिल्ली, 2 नवम्बर – देश के प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शामिल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नवनियुक्त कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. (डॉ) महताब आलम रिज़वी ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद अपना प्राथमिक लक्ष्य स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके लिए विश्वविद्यालय में अनुशासन बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे हितधारकों के सहयोग से सुदृढ़ करने का संकल्प लिया। प्रो. रिज़वी ने यह भी कहा कि जामिया का विशेष महत्व न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है, इसलिए यहां का वातावरण अनुशासन और उत्कृष्टता के आदर्श पर आधारित होना चाहिए।
प्रो. डॉ. महताब आलम रिज़वी जामिया के नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केंद्र के मानद निदेशक रहे हैं और एक तेज़-तर्रार और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षक हैं। उनके पास शिक्षा, शोध और प्रशासन के क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। प्रो. रिज़वी अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विदेश नीति और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनके शोध का फोकस पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों पर है। खासकर ईरान के राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा के विकास, ईरान के परमाणु प्रोग्राम, तथा ईरान और चीन के बीच रक्षा संबंधों पर उनकी गहरी पकड़ है। इसके अलावा उन्होंने पश्चिम एशिया के ऊर्जा और सुरक्षा के मुद्दों पर व्यापक शोध किया है। प्रो. रिज़वी ने ईरान और जीसीसी देशों के विदेश मंत्रालयों और आईडीएसए के साथ कई परियोजनाओं पर भी काम किया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान प्रो. रिज़वी ने कहा कि वह शब्दों के बजाय कार्य में विश्वास करते हैं और आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय में बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे। उनके अनुसार, जामिया में अनुशासन और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कठोर प्रयास किए जाएंगे।
जामिया में नई ऊर्जा का संचार
हाल ही में 25 अक्टूबर को प्रो. मज़हर आसिफ़ ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति का पदभार ग्रहण किया, जिसके बाद से ही विश्वविद्यालय में एक नया जोश देखा जा रहा है। स्थायी कुलपति की नियुक्ति से विश्वविद्यालय के हितधारकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, जो लंबे समय से इस नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे। कुलपति पद की देरी से जुड़े कुछ मायूसी के संकेत अब विश्वविद्यालय में नई ऊर्जा में तब्दील हो गए हैं।
कुलपति का पदभार संभालते ही प्रो. आसिफ़ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रो. महताब आलम रिज़वी को कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया, जो शैक्षणिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। आमतौर पर यह पद प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सौंपा जाता रहा है, जिससे विश्वविद्यालय में सामंजस्य बनाए रखने में कुछ चुनौतियाँ आती हैं। परंतु प्रो. आसिफ़ ने शैक्षणिक और प्रशासनिक समझ रखने वाले प्रो. रिज़वी को इस पद के लिए चुना, जिससे जामिया के वातावरण में अनुकूलता और स्थायित्व आने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रो. रीता सिन्हा ने किया स्वागत
इग्नू की प्रो. रीता सिन्हा ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया है। उनका मानना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली अकसर शैक्षणिक संस्थानों की कार्य संस्कृति से भिन्न होती है, जिससे कभी-कभी टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आने वाले प्रो. रिज़वी को कुलसचिव बनाने का निर्णय जामिया के हित में साबित हो सकता है।
जामिया के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ ने कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ और कुलसचिव प्रो. महताब आलम रिज़वी की नियुक्ति का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया है। उनके मार्गदर्शन में सभी कर्मचारी एकजुट होकर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ एम रहमतुल्लाह
मान्यताप्राप्त पत्रकार