ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का विचार गोष्ठी और वसंतोत्सव काव्य गोष्ठी का आयोजन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लाखों हिंदुस्तानियों ने कुर्बानी दी। इसके बावजूद हजारों युवा, बुजुर्ग, महिला और पुरुष की गाथा से हम अनभिज्ञ हैं - डॉ गोविंद प्रसाद शर्मा

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लाखों हिंदुस्तानियों ने कुर्बानी दी। इसके बावजूद हजारों युवा, बुजुर्ग, महिला और पुरुष की गाथा से हम अनभिज्ञ हैं – डॉ गोविंद प्रसाद शर्मा

ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का विचार गोष्ठी और वसंतोत्सव काव्य गोष्ठी का आयोजन

नई दिल्ली – विश्व पुस्तक मेला 2023 में ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उपेक्षित सेनानी” विषय पर विचार गोष्ठी एवं वसंतोत्सव काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन के बाद सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट एवं वरिष्ठ लेखक जयराज जनक की अंग्रेजी की दो पुस्तकों “Nirbhayas gangrape and murder case” और “On nirbhayas gangrape and murder case”, प्रो सुदेश गोगिया की “मन रे तू काहे न धीर धरे” एवं “हर पल यहां जी भर जियो”,डॉ महेंद्र शर्मा ‘सूर्य’ की पुस्तक “धूप सुहानी आई”, राधेश्याम मिश्र की
“भक्ति पर्व”,डॉ संदीप कुमार शर्मा के उपन्यास “अठारह सौ सत्तावन की अनकही दास्तां” सहित 15 पुस्तकों का लोकार्पण हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ गोविंद प्रसाद शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा – “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लाखों हिंदुस्तानियों ने कुर्बानी दी। इसके बावजूद हजारों युवा, बुजुर्ग, महिला और पुरुष की गाथा से हम अनभिज्ञ हैं। ऐसे गुमनाम और उपेक्षित स्वतंत्रता सेनानियों पर कार्य होना चाहिए। ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को बधाई देते हुए कहा – ” ऑथर्स गिल्ड को इस काम को बड़े स्तर पर जारी रखना चाहिए।”

मुख्य वक्ता प्रोफेसर संजीव कुमार तिवारी, प्राचार्य, महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा “आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हम उन क्रांतिवीरों को स्मरण कर रहे हैं, श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं जिन्होंने हमारे सुनहरे भविष्य के लिए अपना वर्तमान खोया। इस क्रम में पूर्वोत्तर राज्यों के आजादी के दीवानों पर बहुत कम लिखा गया है। उनके गौरवशाली अतीत को इतिहास की किताबों में स्थान मिलना चाहिए।”
पत्रकार राकेश पांडे ने अमेठी का उल्लेख करते हुए कहा – “अमेठी के स्वतंत्रता सेनानियों पर कार्य करते हुए अनेक ऐसी आश्चर्यजनक तथ्यों की जानकारी मिली जिन्हें इतिहास की किताबों में उल्लेख नहीं मिलता।”
समाज में सदैव उपेक्षित रहीं तवायफों के जंग-ए-आजादी में क्या योगदान रहा,इस विषय पर डॉ संदीप कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ हरिसिंह पाल, डॉ अशोक ज्योति ने भी उपेक्षित स्वतंत्रता सेनानियों पर अपने विचार व्यक्त किए।
मंच का संचालन करते हुए ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ एस एस अवस्थी ने कहा – आजादी की लड़ाई में समाज के सभी तबकों ने हिस्सा लिया। कुछ प्रसिद्ध नामों की चर्चा हम अक्सर करते हैं लेकिन यदि संपूर्ण देश के उपेक्षित स्वतंत्रता सेनानियों पर कार्य किया जाए तो यह कार्य कम से कम सौ खंड़ों में पूरा नहीं होगा।”
ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा – “सभागार में मौजूद सभी ने विद्वानों को सुना। यह बहुत अच्छी बात है कि यहां मौजूद सभी उम्र के लोगों ने अमर शहीदों के याद किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
विचार गोष्ठी के बाद वसंतोत्सव काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें काव्य गोष्ठी में आगरा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, हापुड़ और दिल्ली से पधारे रचनाकारों ने कविता पाठ किया। सभी कवियों और कवियित्रियों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

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