विश्व पुस्तक मेला में प्रवेश पाने के लिए लगी पुस्तक-प्रेमियों की लंबी कतार

अपने इस पसंदीदा पुस्तक खरीदारी करने मेले में शनिवार को 1.75 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे।

अपने इस पसंदीदा पुस्तक की खरीदारी के लिये मेले में शनिवार को 1.75 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। पुस्तक-प्रेमियों को मेले में प्रवेश पाने के लिए लंबी कतार में देखा गया

 विश्व पुस्तक मेला में प्रवेश पाने के लिए लगी पुस्तक-प्रेमियों की लंबी कतार

एमपीएनएन – संवादाता
नई दिल्ली – लेखक सत्रों, पुस्तक विमोचनों, कार्यशालाओं व संगोष्ठियों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों से भरपूर नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 को पुस्तक प्रेमियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। मेला समाप्ति से एक दिन पहले पुस्तक-प्रेमियों को मेले में प्रवेश पाने के लिए लंबी कतार में देखा गया, साथ ही बुक-स्टॉल्स के बाहर भी अपनी पसंदीदा किताब खरीदने के लिए उन्हें कतारबद्ध देखा गया। अपने इस पसंदीदा पुस्तक मेले में शनिवार को 1.75 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे।

पुस्तक मेले का सिर्फ एक और दिन शेष रह गया है, ऐसे में पाठक साल भर के लिए अपनी पठन-सामग्री संग्रह करने के लिए उत्सुक दिखे। 2015 से मेले में नियमित रूप से आने वाली नूपुर ने कहा, “मैं इस पुस्तक मेले का बेसब्री से इंतजार कर रही थी क्योंकि यहाँ एक साथ अपनी पसंद की सारी पुस्तकें मिल जाती हैं और साथ ही अपने प्रिय लेखक के मिलने का अवसर भी मिलता है।” एक युवा पाठक मयन उपलब्ध पुस्तकों की संख्या एवं सजे हुए हॉल और बच्चों की गतिविधियों के साथ पुस्तक मेले के अद्भुत अनुभव से बहुत ही खुश दिखा।

बल मंडप में दिन के कार्यक्रमों की शुरुआत ‘हाउ टू फाइंड आइडियाज एंड मेक देम वर्क’ सत्र से हुई जिसमें बाल लेखिका नंदिनी नायर ने नवोदित लेखकों को छोटी उम्र से ही लिखना शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, “प्रेरणा किसी भी अप्रत्याशित स्रोत से आ सकती है और नए विचारों को अपनाने के लिए आपका खुला होना महत्वपूर्ण है। थोड़ी रचनात्मकता और कल्पना के साथ, किसी भी कहानी को सुंदर बनाया जा सकता है।” अगले सत्र में पतंजलि योगपीठ न्यास ने योग के महत्व और इसके लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक योग कार्यशाला का आयोजन किया।वहीं गोल्डी कस्तूरिया द्वारा एक कहानी लेखन कार्यशाला भी आयोजित की गई, जहां उन्होंने कहानी कहने की कला पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करने और पाठक का ध्यान आकर्षित करने पर सुझाव दिए।

मेले में आज दर्जनों किताबों का विमोचन और उनपर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिनमें सज्जन सिंह यादव की पुस्तक ‘भारत की वैक्सीन विकास-गाथा’, बीएन जोशी की ‘श्रमतन: ए मेमॉयर’, स्वामी कैलाशानंद गिरि की ‘ए रिवर ऑफ मोक्ष: पिलग्रिमेजेज विद द गंगा’, बालाजी विट्टल की ‘प्योर एविल: द बैड मेन ऑफ बॉलीवुड’ और प्रोफेसर शंकर सहाय की ‘चंदौसी जंक्शन’ प्रमुख रहीं। लोकप्रिय कवी कुमार विश्वास की पुस्तक “कोई दीवाना कहता है” के नए संस्करण का विमोचन भी किया गया, जहाँ उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए अपनी कविताएँ भी सुनाईं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा एसएआरडी के सहयोग से भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में 12-14 वर्ष, 15-18 वर्ष आयु वर्ग और समुदाय में विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए विकसित पुस्तकें भी लॉन्च की गईं।
नाट्यशाला में रेख़्ता फ़ाउंडेशन ने काव्य-पाठ का आयोजन किया जिसमें सात युवा कवियों ने उर्दू भाषा और संस्कृति की बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाली कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इससे पूर्व, आनंद नीलकंठन, लेखक, पटकथा लेखक, विशेष रूप से पौराणिक कथाओं में विशेष रुचि रखने वाले पब्लिक स्पीकर ने अपने प्राइम टाइम टॉक के दौरान युवा लेखकों को सलाह दी कि वे ज्वलंत प्रवृत्तियों से अधिक प्रभावित न हों और और उन चीजों पर लिखें जिनके बारे में आप सहजता से लिख सकते हैं।
किताबों, लेखक-मुलाकातों, पुस्तक विमोचन, गतिविधियों से भरा 5 मार्च 2023 (रविवार) तक चलने वाला यह पुस्तक मेला सभी पुस्तक प्रेमियों के लिए एक ख़ास अनुभव है। मेले के अंतिम दिन कई साहित्यिक चर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी जिसमें पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।

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