भारत की 28 महिलाओं को 2020-21 नारीशक्ति राष्ट्रपति पुरुस्कार ।
समाज को समर्पित योगदान देने वाली भारत के विभिन्न राज्यों से चैनयीत 28 महिलाओं को राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित।
समाज को समर्पित योगदान देने वाली भारत के विभिन्न राज्यों से चैनयीत 28 महिलाओं को राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित।
भारत की 28 महिलाओं को 2020-21, नारीशक्ति राष्ट्रपति पुरुस्कार ।
एस ज़ेड मालिक
नई दिल्ली – जब हम 75वां “आज़ादी का अमृत महोत्सव” मनाया रहे है, और राष्ट्र महिलाओं के अधिकारों को लैंगिक समानता की कुंजी के रूप में बढ़ावा देने और राष्ट्र निर्माण के लिये सतत विकास हांसिल करने के प्रयासों को जारी रखते हुए महिलाओं की असाधारण उपलब्धियों और उनकी डोर दर्शिता का सम्मान कर रहा है। महिलाओं की उपलब्धियों को विशिष्ट तौर पर दर्शाने और लैंगिक समानता की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को और गति प्रदान करने के लिये, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से मंगलवार 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन प्रांगण के दरबार हाल में महिला सशक्तिकरण को अद्वितीय तरीके को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों के उत्कृष्ट योगदान को सम्मान देने के लिये प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नारीशक्ति पुरुस्कार 2020 का आयोजन किया गया जिसमे समाज को समर्पित योगदान देने वाली भारत के विभिन्न राज्यों से चैनयीत 28 महिलाओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ज़ुबीन ईरानी, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ0 मुंजपरा महेन्द्रभाई और मंत्रालय के सचिव, इंदीवर पांडे आईएएस, के नेतृत्व में भारत के प्रथन व्यक्ति के रूप में देखे जाने वाले राष्ट्रपति महामहिम श्री राम नाथ कोविंद के शुभ हांथों से राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
अंत मे इस अवसर पर रिदा वेलफेयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन नईमजहाँ हीना एवं जनमानस सोसाइटी के चैयरमैन हसन अकबर, (वरिष्ठ पत्रकार) एस. ज़ेड.मलिक, ने भी केरला त्रिशुर की रहने वाली मर्चेन्ट नेवी की प्रथम महिला कैप्टन मेनन जिन्होंने जून 2015 में ‘एमटी सम्पूर्ण स्वराज’ जहाज़ की कमान के दौरान सफलतापूर्वक चलाएंगे अपने बचाव अभियान में नाव में एक सप्ताह तक फंसे रहे 7 मछुआरे को बचाने में कामयाब रही रही तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री सन्गठन द्वारा वीरता पुरस्कार पाने वाली विश्व की पहली महिला के रूप में सम्मानित एवं उत्तर प्रदेश की हथकरघा घरेलू उद्योग की अध्यक्षा तथा बुनकर शिक्षिका आरती राणा 2016 में रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित, राजस्थानी लोक धुनों की माहिर, मांड और भजन लोक गायिका एवं तबला, ढोल, और वाद्यन्त्र वादक श्रीमती बैतूल बेगम, हिमांचल कृष्णा वुल्स की संस्थापक जो हिमांचल में हथकरघा के संरक्षण एवं उसे लोकप्रिय बनाने के लिये नये पैटर्न बना रही हैं जिन्होंने 200 वंचित ग्रामीण महिलाओं को हथकरघा बुनकर प्रशिक्षण दिया एवं 2200 से अधिक हथकरघा के डिज़ाइनों का संग्रह तैयार कर बुनकरों को उपलब्ध कराया जिन्हें नारीशक्ति परुस्कार से सम्मानित किया गया, तथा विनीता जगदेव बोराड़े – भारत की पहली महिला सर्प बचाव कार्यकर्ता जिन्होंने प्रकृति और वन्यजीवन संरक्षण और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिय “सोयरे वनचारे मल्टीपर्पज फाउंडेशन” बना कर
50,000 से भी अधिक सांपो को बचा कर उनके प्रकृत्तिक आवास में संरक्षित किया। उन्हें वन्यजीव संरक्षण में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिये विशेष रूप से सांपों के बचाने और इस विषय पर जागरूकता पैदा करने के लिये नारीशक्ति पुरुस्कार से सम्मानित उन सभी पुरुस्कृत महिलाओं स्वागत कर धन्यवाद किया।
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