रमजान का मकसद जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना है – अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद

इस बदलाव की विशेषता यह है गरीब लोगों की सांत्वना और पीड़ा को महसूस करना और उनके साथ सच्ची सहानुभूति रख कर उन्हें निस्वार्थ भावना से मदद करना।

इस बदलाव की विशेषता यह है गरीब लोगों की सांत्वना और पीड़ा को महसूस करना और उनके साथ सच्ची सहानुभूति रख कर उन्हें निस्वार्थ भावना से मदद करना।

रमजान का मकसद जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना है – अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद

एस. जेड.मलिक

नई दिल्ली – अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद के (अध्यक्ष) अमीर – सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने रमजान के आगमन पर मीडिया को विज्ञप्ति जारी अपने विशेष बयान में कहा कि, “यह पवित्र महीना व्यक्ति के दिनचार्य जीवन में रहन-सहन, खान-पान, में  बदलाव एवं अपने इच्छा शक्ति के विरुद्ध एक क्रांति का महीना है। इस महीने का मुख्य उद्देश्य मुसलमानों के व्यक्तिगत जीवन और मुस्लिम समाज के सामूहिक जीवन में एक सर्वांगीण सकारात्मक बदलाव लाना है। जीवन के हर मामले में अल्लाह के आदेश को पालन करने का दृढ़ संकल्पित सच्चा जुनून है। इसकी एक और अभिव्यक्ति तक़वा अर्थात दुनियां की तमाम बुराइयों से परहेज़ करना है, यानी अपनी इच्छा के अनुसार एक जिम्मेदार जीवन जीने का तरीक़ा तथा अल्लाह को हमेशा अपने सामने महसूस करना। इसका एक और संकेत कुरान के साथ गहरा संबंध और कुरान की सोच के हिसाब से अपना जीवन व्यतीत करना, कुरान की दृष्टिकोण, कुरान की मनोदशा और कुरान के हिसाब से अपने चरित्र का विकास है। चौथी प्रमुख अभिव्यक्ति कुरान के आदेशों को लागू करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन का विकास है। इस बदलाव की पांचवीं विशेषता है गरीब लोगों की सांत्वना और पीड़ा को महसूस करना और उनके साथ सच्ची सहानुभूति। उनकी एक अन्य विशेषता कड़ी मेहनत और समर्पण, समय प्रबंधन और समय का कुशल उपयोग है।
ये ऐसे गुण हैं जो किसी व्यक्ति या समाज में पैदा होते हैं, फिर यह पूरी मानवता के लिए प्रकाश का स्तम्भ और दया का स्रोत बन जाता है। हम सबका दायित्व है कि हम इस महीने में केवल परंपराओं और बाहरी समारोहों को पूरा करने के बजाय रमजान और उपवास के उद्देश्यों पर ध्यान दें और इस महीने को सही अर्थों में परिवर्तन और क्रांति का महीना बनाएं।

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