टीम प्रशांत किशोर पांडेय की सोच क्या है और आप का उस के साथ खड़ा होना कितना ठीक है।
मुसलमान कौम को अपने वोट की कीमत समझनी होगी नहीं तो कोई भी आ कर अपनी जज़्बाती तकरीर सुनाकर आपको बेवकूफ बना कर खुद गद्दी पर बैठ जाएगा।
भीड़ का हिस्सा बनना आप के लिए कितना खतरनाक है, जिसने आप की सियासी हैसियत खत्म कर दी है फिर भी आप भीड़ के पीछे भाग रहे हो क्यों ??
टीम प्रशांत किशोर पांडेय की सोच क्या है और आप का उस के साथ खड़ा होना कितना ठीक है?
सैय्यद आसिफ इमाम काकवी
मैं आज भी इन सच्चाइयों को सामने नहीं लाता अगर आप को उस की भीड़ का हिस्सा बने हुए नहीं देखता न जाने क्यों आप भीड़ में शामिल होना पसंद करते हैं कभी ये सोचते ही नहीं कि ये भीड़ का हिस्सा बनना आप के लिए कितना खतरनाक है, उसे आप की सियासी हैसियत खत्म कर दी है फिर भी आप भीड़ के पीछे भाग रहे हो क्यों ?? राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई महीनों से पूरे बिहार के मुसलमानों के वोट को टारगेट कर रहे हैं वो लगातार इंडिया गठबंधन पर निशाना साध रहे हैं। जब मैंने कुछ सवाल क्या रणनीतिकार प्रशांत किशोर पाण्डे जी से और आज भी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। आप के ये समझने के लिए काफी है कि इस टीम प्रशांत किशोर पंडी की यानी जन सुराज अभियान ( पार्टी ) और उनके साथियों की सोच क्या है मुसलमानों के बारे में और आप उन से क्या उम्मीदें वाबस्ता कर सकते हैं प्रशांत किशोर जी क़ुरान व हदीस को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं काश की पाण्डे जी 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भी एक कुरान की आयत का टुकड़ा सुना दिए होते तो आज देश में मुसलमानों की प्रति इतनी नफरत नहीं होती। गिरिराज सिंह जैसे लोगों की ज़ुबान से मुसलमानों के खिलाफ ज़हर नहीं निकलता महाराष्ट्र में बीजेपी नेता खुले मंच से बोलता है के मैं मुसलमानों को मस्जिद में घुस कर मारेंगे फिर हेमंत विश्व शर्मा जो असम के मुख्यमंत्री है उन्होंने असम विधानसभा में मुसलमानों के खिलाफ एक नया ऑर्डिनेंस लाया है जुमा के नमाज के सिलसिले में उस पर तो आप की कुछ प्रक्रिया है। प्रशांत किशोर पांडेय जी अगर आप ने इतिहास पढ़ा होगा तो आप को मालूम होना चाहिए कि देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान भारत के मुसलमानों का फिर भी भारत के मुसलमानों को गद्दार कहा जाता है कहने वाले अधिक तर आप के समाज के लोग हैं क्या राय है आप की। प्रशांत किशोर पांडे जी अगर वाकई आपको मुसलमानों से हमदर्दी है और आप बिहार के मुसलमानों को बदहाली से निकालना चाहते हैं तो सबसे पहले आप अपने समाज के लोगों में जाइए और जो हदीस-ओ-क़ुरआन आप मुसलमानों को सुना रहे हैं वो उनको सुनाइए और उनको बताइए के मुसलमान बुरे नहीं होते हैं। और ये भी बताइए के इस्लाम शांति और अमन का मजहब है सिर्फ धर्म के आधार पर उनसे नफरत और भेदभाव करना मुनासिब नहीं है। आज भारत के मुसलमानों को शिक्षा और रोज़गार से ज़्यादा अमन और तहफ़्फ़ुज़ की ज़रूरत है, जो आपकी कोशिशों से मुमकिन हो सकता है। क्योंकि मुसलमानों के खिलाफ फ़िज़ाओं में जहर घोलने वाली मीडिया में भी आपकी अच्छी पैठ है और मोदी जी भी आपके पुराने मित्र रहे हैं। तो चलिए मुसलमानों से अपनी सच्ची हमदर्दी का मुज़ाहिरा करते हुए कल से ही नफरती ताकतों के खिलाफ मोर्चा खोल दीजिए। प्रशांत किशोर पांडेय जी आप 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को 40 टिकट दिजिएगा के 50 दीजिए इस पर बहस नहीं है और आप अपने समाज से गुफ्तगू कब करेंगे या फिर मुसलमानों से ही गुफ्तगू करेंगे आज सबके लिए सबसे आसान चारा मुसलमान ही हो गया है जज़्बात जगाओ और वोट ले जाओ, मुसलमान कौम को अपने वोट की कीमत समझनी होगी नहीं तो कोई भी आ कर जज़्बाती तकरीर सुनकर आपको बेवकूफ बना कर खुद गद्दी पर बैठ जाएगा । समझने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी का उदाहरण काफी होगा जो आपका वोट ले कर सत्ता में पहुंची है और आप को ही दूध की मक्खी की तरह ठिकाने लगा रही है इसलिए होशियार रहिए क्योंकि अब ये समाज और किसी सियासी एक्सपेरिमेंट करने के हालत में बिल्कुल नहीं है। बहरहाल मेरा मकसद आपको किसी से बदजन करना नहीं सिर्फ आप को हक़ीक़त से आश्ना करना है जिस के लिए आपका दिल चाहे साथ दो मगर इस बात का ख्याल रहे कि जल्दबाजी में उठाया गया कदम आप को ये सोचने का मौका ही ना दे कि आने वाले कल में ये आप के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदेह लिहाज़ा एक नज़र पिछले 75 साल में सियासी एतबार से अपने तर्जे अमल पर भी डाल लीजिए उसके बाद ये फैसला कीजिए कि क्या हम सियासी एतबार से अभी तक सही फैसले लेते आए हैं अगर हा तो हमारी ये हालत क्यों है।