अब दिल्ली के गरीब परिवार के बच्चे भी सेना अधिकारी बन देश की सेवा कर सकेंगे, सीएम ने किया श.भ.सि.आ.फो.प्रि. स्कूल का उद्घाटन।

स्कूल में बच्चों को ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे, साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा- अरविंद केजरीवाल

स्कूल में बच्चों को ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे, साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा- अरविंद केजरीवाल

अब दिल्ली के गरीब परिवार के बच्चे भी सेना अधिकारी बन देश की सेवा कर सकेंगे, सीएम ने किया श.भ.सि.आ.फो.प्रि. स्कूल का उद्घाटन।

नई दिल्ली – दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली के गरीब से गरीब परिवार के बच्चे भी सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकें। यह स्कूल स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से युक्त है, जो बड़े-बड़े स्कूलों में भी नहीं होती। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी। बच्चों की शिक्षा पूरी तरह फ्री है, ताकि यहां गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके। यहां 80-90 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बच्चों से कहा कि स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह पर इसलिए रखा गया है, ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले। आपकी पढ़ाई में गरीब से गरीब आदमी का योगदान है। इसलिए भारत मां के लिए सबकुछ न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना। उन्होंने कहा कि कई लोग विदेश चले जाते हैं। अगर सभी बाहर चले जाएंगे तो देश को ठीक कौन करेगा? हमारा भारत जैसा भी है, हमारा है। हम ही इसे ठीक करेंगे। इसलिए मैंने सोचा था कि कभी विदेश नहीं जाएंगे। यहीं रहेंगे, यहीं लड़ेंगे, यहीं मरेंगे-कटेंगे और अपने देश को ठीक करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने झरोदा कलां में स्थापित शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। दोपहर 12 बजे उद्घाटन समारोह की शुरूआत हुई। मुख्य अतिथि सीएम अरविंद केजरीवाल को स्कूल के बच्चों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद नाम पट्टिका का अनावरण किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल सर्विस प्रिपरेटरी विंग में गए और वहां बच्चों से बात की और फिर गर्ल्स हॉस्टल को देखा। मुख्यमंत्री द्वारा खेत्रपाल ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित करने के बाद छात्रों ने गणेश वंदना नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री  अरविंद केजरीवाल ने अकेडमिक ब्लॉक के सामने लॉन में पौधारोपण किया और कैडेट मेस का भी दौरा किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कैडेट्स के साथ लंच भी किया। इस समारोह में बच्चों के साथ करीब 200 अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया। समारोह के दौरान उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री  मनीष सिसोदिया, मंत्री और नजफगढ़ के विधायक व परिवहन मंत्री श्री  कैलाश गहलोत और शिक्षा विभाग के सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज एक बहुत शानदार सपना पूरा हुआ लगता है। हम लोगों ने साल-दो साल सोचा था कि दिल्ली के अंदर कोई सैनिक स्कूल नहीं है, दिल्ली के जो हमारे बच्चे फौज में जाना चाहते हैं और देश की सेवा करना चाहते हैं, देश के लिए मर-मिटना चाहते हैं, देश की सुरक्षा क्षेत्र में जाना चाहते हैं। उनके लिए कोई औपचारिक सिस्टम नहीं है, जो उनको फौज में भर्ती के लिए तैयार कर सके। बहुत सारे बच्चे अपने से फौज में जाते थे। बहुत सारे बच्चे अपने एनडीए समेत अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते थे। अन्य राज्यो के अंदर कई सारे सैनिक स्कूल थे, लेकिन दिल्ली के अंदर कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने सोचा कि दिल्ली के अंदर सैनिक स्कूल होना चाहिए। एक साल पहले हमने इसकी तैयारी शुरू की। जब तैयारी हमने शुरू की थी, तब हमें यह उम्मीद नहीं थी कि एक साल के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा और पहला बैच एक साल के अंदर आ जाएगा। इसके लिए बहुत लोगों ने कोशिश और मेहनत की, उन सभी लोगों को दिल्ली और देश की तरफ से बहुत-बहु बधाई और धन्यवाद देना चाहता हूं कि आज यह सपना साकार हुआ। 
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं स्कूल के अंदर भी घूमा और सब देखा। स्कूल बहुत शानदार बना है। मुख्यमंत्री ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से कहा कि स्कूल में एडमिशन लेने के लिए करीब 18 हजार बच्चों ने आवेदन किया था। उनके बीच एडमिशन को लेकर बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। उन 18 हजार बच्चों में से आपके बच्चे क्वालिफाई करके यहां पहुंचे हैं। इन बच्चों ने इतनी कड़ी स्पर्धा देकर एडमिशन लिया है। मैं उपर वाले से प्रार्थना करता हूं कि इन बच्चों एनडीए में भी होगा और जहां-जहां पेपर देंगे, उसे जरूर क्लीयर करेंगे। यहां पर बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से फ्री है। बच्चों के लिए सबकुछ फ्री है। ताकि यहां पर गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके। किसी को यह न पता चले कि कौन किस पृष्ठभूमि से आया है। सबका एक जैसा माहौल है। हम अपने आंदोलन के समय में जो सपना देखा करते थे। हम लोग सोचते थे कि देश के अंदर एक समान शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए। जिसमें अमीरों और गरीबों के बच्चे एक साथ बैठ कर पढ़ें। इस स्कूल के अंदर वही है। मैं जब बच्चों के क्लास रूम में गया तो कौतुहल वश बच्चों से पूछ लिया कि कितने बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं। तो पता चला कि अधिकांश 80 से 90 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं और 10 से 15 फीसद बच्चे प्राइवेट स्कूलों से आए हैं। यहां सबसे अच्छी शिक्षा और सुविधाएं मिल रही है। 

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चों से कहा कि शहीद भगत सिंह के नाम पर स्कूल का नाम रखा है। यह बहुत सोच समझ कर रखा गया है। ऐसे ही नहीं रखा गया है। 23 साल की उम्र में उस युवा ने अपनी कुर्बानी दे दी, वो फांसी पर चढ़ गए थे। हमें कई बार ध्यान नहीं आता है कि हमें आजादी कैसे मिली। कितने लोगों ने कुर्बानी दी थी और किस तरह से आजादी मिली थी। बहुत लोगों ने कुर्बानी दी थी। 23 साल की उम्र तो लड़के नौकरी ढूंढ रहे होते हैं। 23 साल की उम्र में कौन देश के बारे में सोचना है? शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर स्कूल का नाम इसीलिए रखा गया है, ताकि एक-एक बच्चा जब स्कूल से निकल कर जाए, तो वो देश के लिए मर-मिटने का जज्बा लेकर जाए। वो शहीद-ए-आजम भगत सिंह से प्रेरित होकर बाहर निकले। मुझे पूरी उम्मीद है कि आपके अंदर अलग-अलग तरीके, प्रेरित करने वाले लेक्चर से वो जज्जा जरूर भरा जाएगा। सभी बच्चों को एक चीज हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपको जो यह इतनी शानदार सुविधाएं मिल रही हैं, इसके अंदर इस देश के गरीब से गरीब आदमी का भी योगदान है। सरकार के टैक्स से आपको यह सारी सुविधाएं मिल रही हैं। कई बार जब हम आपस में बात करते हैं कि देश में 130 करोड़ लोगों में से 4 या 5 करोड़ लोगों ही टैक्स देते हैं। जबकि इस देश में गरीब से गरीब आदमी भी टैक्स देता है। जब वो बाजार से आटा, पेंसिल, पेन खरीदता है या एक भिखारी भी जब बाजार से चावल, दाल या आटा खरीदता है, तो उस पर जीएसटी देता है। इसलिए एक गरीब से गरीब आदमी भी टैक्स देता है। उस टैक्स के पैसे से सरकार चलती है। उस टैक्स के पैसे से आपका यह स्कूल चलता है। इसलिए आपको बनाने में इस देश के गरीब से गरीब आदमी का भी योगदान है। उसको हमेशा याद रखना। 
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बार मन में घमंड आ जाता है कि 18 हजार बच्चों ने परीक्षा दी थी, उनमें से मैं तो क्वालीफाई होकर आया हूं। इस तरह का एक घमंड आ जाता है, लेकिन यह याद रखना कि आपके इस पूरी पढ़ाई के अंदर इस देश का गरीब से गरीब आदमी योगदान दे रहा है और से पास आउट होकर आपको उसका एहसान चुकाना है। कहा जाता है कि अगर देश ने आपके लिए कुछ भी नहीं किया, लेकिन भारत हमारी माता है और मां से कभी यह नहीं पूछते हैं, मां का तो प्यार होता है। जीवन भर अपनी भारत माता के लिए सबकुछ न्यौछावर करने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। मैं भी आईआईटी खड़गपुर में पढ़ता था। 1989 पास आउट हुआ। जब मैं आईआईटी में हुआ करता था, तब हमारी फीस 30 रुपए महीना होती थी। वहां पर बहुत शानदार लैब और शानदार सुविधाएं और कैंपस था। 30 रुपए महीने में वो पढ़ाई तो नहीं हो सकती। इसका मतलब देश मेरे लिए कितना कुछ कर रहा था। उसी समय हम लोगों ने सोचा था। कई बच्चे विदेश जाकर सेटल हो गए। कई लोगों से बात करो, तो वो कहते हैं कि भारत में क्या रखा है, सारे सिस्टम खराब हैं। मैं यहां नहीं रहना चाहता और सारे चले जाते हैं। अगर सारे ही विदेश चले गए, तो भारत को ठीक कौन करेगा। अपना ही तो देश है। हमें ही तो भारत को ठीक करना है, जैस भी है, भारत हमारा है। जैसा भी है, मेरा देश हमारा है। इसको हमें ही ठीक करना है। हम सब को मिलकर इसको ठीक करना है। तभी मैंने सोचा था कि बाहर नहीं जाएंगे, यहीं रहेंगे, यहीं लड़ेंगे, यहीं मरेंगे, यहीं कटेंगे और यहीं रह कर अपने देश को ठीक करेंगे। हमें देश के लिए जीना-मरना है, इस भावना के साथ आप सभी लोग 12वीें के बाद दुनिया में कदम रखेंगे। यहां जितने बच्चे आ रहे हैं, बहुत कठिन टेस्ट देकर आ रहे हैं। चयन प्रक्रिया बहुत कठिन है। हर बच्चे का 11वीं, 12वीं के अंदर अपना-अपना सपना होता है कि मैं क्या करूंगा। भगवान आप सभी बच्चों का सपना पूरा करे और आप जब बाहर निकल जिस भी क्षेत्र में जाएं, उसी क्षेत्र में खूब तरक्की करें और देश की सेवा करें।
वहीं, उद्घाटन समारोह के समापन के उपरांत मीडिया से बात करते हुए सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एनडीए समेत अन्य परीक्षाओं के लिए बच्चों को रात-दिन कड़ी मेहनत करके तैयारी कराई जा रही है। मैं उम्मी करता हूं कि इससे देश को फायदा होगा। यहां से जो बच्चे निकलेंगे, वो फौज का नेतृत्व करेंगे और फौज में खूब जी-जान से मेहनत करेंगे और जान लगाकर देश की सेवा करेंगे।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ अब ग़रीब से ग़रीब परिवार के बच्चे भी सेना में ऑफ़िसर बनकर देश की सेवा कर सकेंगे। आज से दिल्ली सरकार का आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल शुरू हो रहा है। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी।’’
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली के इतिहास के लिए बहुत बड़ा दिन है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल के पहले बैच की शुरुआत हो रही है। यह हम सबके लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब दिल्ली सरकार के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई तो उस वक्त मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी का कहना था कि देशभक्ति पाठ्यक्रम के जरिए हम एक-एक बच्चे को कट्टर देशभक्त तो बनाएंगे। इन बच्चों में से हम बहुत सारे बच्चों को इंजीनियर बनाने की तैयारी कराते हैं, बहुत सारे बच्चों को डॉक्टर, मैनेजमेंट, पुलिस अफसर, आईएएस बनाने की तैयारी कराते हैं। पर जब हम इतना अच्छा पढ़ा रहे हैं और जब हम उनके अंदर देशभक्ति कूट-कूटकर भर रहे हैं, तो इन्हीं बच्चों में से देश की सेना की कमान संभालने वाले बच्चे भी निकलने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इन्हीं सपनों को हमारी टीम एजुकेशन ने साकार किया है और मात्र एक साल के अंदर इतना शानदार स्कूल बन गया और आज इसके पहले बैच की शुरुआत हो रही है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
डिप्टी सीएम श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आमतौर पर सपनों को अमल में लाने में सरकारी सिस्टम में बहुत समय लगता है, लेकिन दिल्ली में मुख्यमंत्री के निर्देश व मार्गदर्शन में हम तेजी से काम कर रहे हैं। इसी प्रतिबद्धता के साथ हम भारत को नंबर-1 बनाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद सभी बच्चों में देशभत्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। इन्ही बच्चों में से आने वाला समय में कोई कर्नल, कोई जनरल बनेगा, कोई बॉर्डर पर खड़ा होकर दुश्मन को रोक रहा होगा और देश की रक्षा कर रहा होगा।  उन्होंने कहा कि भविष्य में जिस वक्त ये बच्चे देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर खड़े होंगे, किसी फाइटर जेट में बैठकर देश की रक्षा के लिए दुश्मन को नेस्तनाबूद कर रहे होंगे। उस वक्त इसी स्कूल में बैठे बच्चे आप बच्चों को प्रेरणा के रूप में देख रहे थे। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि, देश आपको बहुत उम्मीद से देख रहा है। देश आपको इतना शानदार हॉस्टल, कैंपस, शिक्षा, तैयारी दे रहा है। इसलिए रोज जब आप सुबह उठें तो अपने अंदर इस संकल्प को जरूर दोहराएं कि मुझे देश के लिए कुछ करना है। देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी देश को कुछ देना है। आपके इसी संकल्प और उस संकल्प को पूरा करने के कार्यों की बदौलत देश नंबर वन बनेगा।
इस दौरान आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल के पहले बैच में पढ़ रहे बच्चों में गजब का उत्साह दिखा। सीएम श्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया क्लास रूम में पहुंचे और उन से बात की। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने बच्चों से पूछा कि आपके घर में कोई सेना में है। इस पर बच्चों ने जवाब दिया कि परिवार में कोई सेना में नहीं है। बच्चों का कहना है कि वो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं और अपने देश का नाम रौशन करना चाहते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने भी सेना में भर्ती होकर परिवार और देश का नाम रौशन करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम ने विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस शरीरिक व्यायाम के लिए बनाई गई सुविधाओं का निरीक्षण किया।
20 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संपन्न दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में एक ऐसा विशेष स्कूल बनाया जाए, जहां पर बच्चों को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें। इसके लिए स्कूल में उनको तैयार किया जाएगा और स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रिपेरटरी स्कूल होगा। यह स्कूल 14 एकड़ में फैला है। सभी सुविधाओं से लैस मॉडर्न स्कूल बनाया जा रहा है। यह स्कूल दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हिस्सा और दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त है।
यह स्कूल पूरी तरह से निःशुल्क होगा। स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय सुविधा भी मिलेगी। स्कूल में जितने भी बच्चे दाखिला लेंगे, वे वहीं पर हॉस्टल में रहेंगे। लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग हॉस्टल होगा। स्कूल में बच्चों अंदर फौज में ऑफिसर की जो क्वालिटी होती है, उस स्तर की क्वालिटी विकसित की जाएगी। स्कूल में एनडीए समेत दूसरी आर्म्ड सर्विसेस के लिए बच्चों को तैयार किया जाएगा। ट्रेनिंग देने के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी खासकर सेवानिवृत्त आर्मी या एयरफोर्स ऑफिसर को रखा जाएगा। दिल्ली में रहने वाला कोई भी बच्चा 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिला ले सकता है। 9वीं और 11वीं कक्षा में 100-100 सीटें होंगी। जिसमें 60 लड़के होंगे और 40 लड़कियां होंगी। इस साल से इसकी कक्षाएं शुरू हो रही हैं।
आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल में 9वीं और 11वीं कक्षा में एडमिशन लेने के लिए करीब 18541 बच्चों ने आवेदन किया था। इन 18541 छात्रों में 9वीें के लिए 7265 और 11वीं के लिए 11275 छात्रों ने आवेदन किया था। इन में से 9वीें कक्षा में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वोल 400 छात्रों को और 11वीं में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वाले 405 छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। 9वीं और 11वीं के लिए 100-100 छात्रों को मेडिकल के लिए बुलाया गया। वर्तमान में 9वीं में 89 और 11वीं 91 छात्रों का एडमिशन लिया गया है।

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