118 सरकारी शिक्षकों दिल्ली सरकार द्वारा सम्मानित

भारत के सभी राज्य सरकारों को चुनौती देता हूँ- दिल्ली जैसा शिक्षा मॉडल बना कर दिखाये - अभी और बहुत कुछ शिक्षा में बदलाव बाकी है - जिस पर काम जारी है - सिसोदिया

पिछले 8 सालों में एक शिक्षा मंत्री के रूप में मैंने तथा दिल्ली की 60,000 शिक्षकों की मेरी टीम ने जो कर दिखाया है, वह अपने आपमें एक अद्भत सा है- हमसब मिल कर दिल्ली के शिक्षा जगत में एक नई क्रांति लेकर आए है, हर तबके के बच्चे के लिए क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित किया है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर 118 सरकारी शिक्षकों दिल्ली सरकार द्वारा सम्मानित।

नई दिल्ली – केजरीवाल सरकार द्वारा सोमवार को त्यागराज स्टेडियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में 118 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शिक्षकों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक नंदिनी महाराज, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा और शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। इस समारोह के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं। वे अपने काम से हज़ारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं। हमारे शिक्षक बच्चों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम करते है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक बच्चों को सर्वश्रेष्ठ बनाने का काम तो करते है लेकिन अब दिल्ली के शिक्षक दिल्ली के 44 लाख बच्चों में देश को नंबर.1 बनाने का जुनून पैदा करेंगे।

श्री सिसोदिया ने कहा की शिक्षकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी, समाज को बदलने की जिम्मेदारी होती  है जो किसी और प्रोफेशन में नही है। बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षक 360 डिग्री काम करते है| लेकिन अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वो बच्चों में देश को सर्वश्रेष्ठ बनाने का जुनून पैदा करें। हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चा अपने मन में यह सपना पाले की उसे भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनाना है। 

श्री सिसोदिया ने कहा कि इस शिक्षक दिवस पर हम सभी मिलकर एक प्रण लेते है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। और अच्छी शिक्षा का अर्थ यह हो कि देश का हरएक बच्चा यह सपना देखे कि उसे देश को नंबर.1 बनाए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के स्कूलों में लगभग 44 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे है, यदि हमारे शिक्षक उनके दिलो में देश को नंबर.1 बनाने का सपना तैयार करें तो विश्व की कोई भी ऐसी ताकत नहीं होगी जो भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनने से रोक सकें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दशकों से स्कूलों में यही पढ़ाया जा रहा है कि भारत एक विकासशील देश है।  हम अक्सर अख़बारों में पढ़ते है कि भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया बावजूद इसके यह हकीकत है कि भारत विकासशील देश ही है| उन्होंने कहा कि केवल अख़बारों की हैडलाइन बदलने से भारत विकसित देश नहीं बनेगा,भारत विकसित देश तब बनेगा जब हम देश को उस स्तर तक ले जाए जहाँ टेक्स्टबुक में यह लिख सकें, बच्चों को पढ़ा सकें कि भारत एक विकसित देश है। यही हमारी असल उपलब्धि होगी और यह सपना हमारे शिक्षक पूरा करेंगे।

श्री सिसोदिया ने कहा कहा कि आजकल कुछ लोगों को इस बात से शिकायत है कि मैंने स्कूलों में ज्यादा कमरे क्यों बनवाए? ज्यादा सुविधाएं क्यों विकसित की, टॉयलेट क्यों बनवाए। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शानदार सुविधाओं वाले स्कूल तैयार किए। यदि बच्चों को शानदार सुविधाएं व शानदार पढ़ाई देना भ्रष्टाचार है तो मुझे जेल में डाल दिया जाए मुझे कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में एक शिक्षा  मंत्री के रूप में मैंने तथा दिल्ली की 60,000 शिक्षकों की मेरी टीम ने जो कर दिखाया है, शिक्षा में जो क्रांति लेकर आए है, हर तबके के बच्चे के लिए क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित किया है। अगर यह भ्रष्टाचार है तो मैं कहूँगा कि देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और  शिक्षा मंत्री को यह करना चाहिए, क्योंकि इससे देश का भविष्य संवरेगा।

दिल्ली सरकार हर साल शिक्षक दिवस के अवसर पर स्टेट टीचर अवार्ड द्वारा शिक्षकों को सम्मानित करती है और शानदार जश्न के माध्यम से उनका आभार प्रकट करती है। इस साल अवार्ड की संख्या 118 रही है। इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 80 शिक्षकों तो वही सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 24 शिक्षकों और एमसीडी स्कूलों के 12 व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 2 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 23 स्कूल प्रमुख, 10 स्पोर्ट्स टीचर, 3 गेस्ट टीचर भी शामिल है।

गौरतलब है कि सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों और में स्पेशल एडुकेटर, म्यूजिक और आर्ट टीचर, लाइब्रेरियन, मेंटर टीचर, स्पोर्ट्स टीचर और वोकेशनल टीचर शामिल थे।  पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए, स्कूली दौरों के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पर्यवेक्षण के आधार पर शिक्षा में अनुकरणीय कार्य करने वाले शिक्षकों को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए। इनमे स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर की अध्यापिका किरण बाला व एसकेवी पीरागढ़ी की परमिंदर कौर शामिल है। इस साल से फेस ऑफ डीओई” अवार्ड संजय प्रकाश शर्मा और सुश्री शीतल को दिया गया। फेस ऑफ़ डीओई  अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने कला, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में रचनात्मकता का प्रदर्शन करने के लिए अपने स्टूडेंट्स को सक्षम बनाया है और एक्सीलेंस पाने में उनकी मदद की है। साथ ही अपने काम से शिक्षा विभाग का मान-सम्मान बढ़ाने का काम किया है।

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