74वां गणतंत्र दिवस – लोकतंत्र पर पर्दा और हिन्दू-राष्ट्र की झांकी

मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल - झांकी में दिखी हिन्दुराष्ट्र की झलकी। लोकतंत्र पर पर्दा।

मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल – झांकी में दिखी हिन्दुराष्ट्र की झलकी। लोकतंत्र पर पर्दा डाला।

 74वां गणतंत्र दिवस – लोकतंत्र पर पर्दा और हिन्दू-राष्ट्र की झांकी

 मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल।

नई दिल्ली –  74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड आरम्भ होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर देश के लिए मर मिटने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने डिज़िटल विज़िटर बुक पर हस्ताक्षर किया। उसके बाद कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी का परंपराअनुकूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया।

 ये पहला ऐसा अवसर है जब मिस्र के राष्ट्रपति को इस समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया है। मिस्र के राष्ट्रपति की गणतंत्र दिवस के अवसर भारत और मिस्र के बीच कूटनीतिक संबंधों को लेकर सीसी का ये दौरा अहम माना जा रहा है। 

 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस उत्सव का नेतृत्व कर रही थीं। झंडा तोलन के बाद कर्तव्य पथ पर राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी के साथ आज की परेड शुरू हुई।

  इस अवसर  कर्तव्य पथ पर पहली बार मार्चिंग मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल परेड में शामिल हुआ है। इस दल में 120 जवान शामिल थे। और दल का नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी कर रहे थे।

इस अवसर पर परेड में राज्य और केंद्र की ओर से झांकियां दिखायी गयीं तो देश की विविधता और सशक्तिकरण की तस्वीर पेश किया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की झांकियां और विभिन्न मंत्रालयों से 6 झांकियां और रक्षा मंत्रालय से 4 झांकियां कर्तव्य पथ पर उतरेंगी।

पहली बार महिलाएं सीमा सुरक्षाबल की ऊंट टुकड़ी के हिस्से के रूप में परेड में भाग लेंगी। ये महिलाएं सशस्त्र बलों के 16वें मार्च करने वाले दल का हिस्सा होंगी।

अब तक कर्तव्य पथ पर आंध्र प्रदेश, असम ,लद्दाख, त्रिपुरा, झारखंड, अरूणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और गुजरात की झांकियां पेश की गईं।

असम की झांकी का वीरता और अध्यात्म का प्रतीक बनाया गया है इस झांकी में पारंपरिक परिधान में पुरुषों और महिलाओं ने आसम का लोक नृत्य भी करते दिखे

वहीं आंध्र प्रदेश की झांकी में इस बार विशेष मकर संक्रांति के अवसर मनाया जाने वाला विशेष त्योहार – प्रबला तीर्थम की झलक दिखाया जा रहा था। तो असम के कामाख्या मंदिर जी झलकी भी दिखाया गया। 

भारत सरकार ने एक कडु सत्य यह साबित कर दिया कि भारत अब हिन्दू राष्ट्र है। जो राजपथ पर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर निकलने वाली झांकियों में सर्वधर्म सम्मत की झलकियां दिखा कर विश्व को लोकतंत्र का एहसास दिलाया जाता था परन्तु इस बार की 74वां गणतंत्र दिवस अवसर पर केवल मंदिरों और हिंदुओं संस्कृत की झांकियों से स्पष्ट कर दिया की भारत अब हिन्दू राष्ट्र है।  

एयरफ़ोर्स के 45 एयरक्राफ़्ट, नौसेना के एक और थल सेना के चार हैलीकॉप्टर के कर्तव्य पथ से उड़ान भरने के बाद, गणतंत्र दिवस परेड का औपचारिक रूप से समापन हो गया है।

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