केजरीवाल ने दिया, देश वासियों को “74वां गणतंत्र दिवस की दुहरी बधाई
अगर हम एक-दूसरे से सीखें तो देश की सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है, लेकिन हम सीखने की बजाय आपस में ही लड़ रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
अगर हम एक-दूसरे से सीखें तो देश की सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है, लेकिन हम सीखने की बजाय आपस में ही लड़ रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने दिया, देश वासियों को “74वां गणतंत्र दिवस की दुहरी बधाई – दिल्ली बनी हरित, शिक्षित, डिजिटल और स्टार्टअप में देश मे नम्बर वन ।
अगर हम एक-दूसरे से सीखें तो देश की सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है, लेकिन हम सीखने की बजाय आपस में ही लड़ रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

MPNAN-DECKS
नई दिल्ली – दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छत्रसाल स्टेडियम में आज आयोजित गणमंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर दिल्लीवासियों के साथ साथ देश वासियों को भी बधाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्टअप, ईवी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सीसीटीवी और हरित क्षेत्र में दिल्ली देश में नंबर बन चुकी है। साथ ही, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बसों का सफर और तीर्थ यात्रा मुफ्त होने की वजह से आज पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली में है। केंद्र सरकार को खाने-पीने की वस्तुओं से जीएसटी हटाकर लोगों को महंगाई से राहत देने के साथ ही जीएसटी को सरल करना चाहिए। सीएम ने कहा कि चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है और हम उससे व्यापार बढ़ाते ही जा रहे हैं। 2020 में केंद्र सरकार ने चीन से 65 बिलियन डॉलर, तो 2021 में 95 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे स्वतेंत्रता सेनानियों ने आजादी दिलाकर देश में जनतंत्र की स्थापना की, जहां जनता और चुनी हुई सरकारें सुप्रीम है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो से जनतंत्र पर आंच आने लगी है। दिल्ली एक राज्य ऐसा है, जहां की चुनी हुई सरकार ने ढेरों कानून पास किए, पर गवर्नर उस पर दस्तखत करने को तैयार नहीं हैं। एक व्यक्ति विशेष में जनतंत्र को गुलाम बना दिया गया है। ये जुडिशरी, राज्य सरकारों, किसानों, छात्रों और व्यापारियों से लड़ रहे हैं। अगर हम लड़ाई-झगड़ा छोड़ मिलकर काम करें, तो भारत को दुनिया का नंबर-1 देश बनने से कोई नहीं रोक सकता।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज दिल्ली सरकार की तरफ से छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराया। कार्यक्रम की शुरूआत ‘वंदेमातरम्’ गीत के साथ हुई। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर सलामी दी और छत्रसाल स्टेडियम ‘भारत माता’ की जयकारे से गूंज उठा। परेड कमांडर एसीपी पी. अभिनंदन के अनुरोध पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने निरीक्षण जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने हाथ हिलाकर स्टेडियम में मौजूद लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया। निरीक्षण जीप में सवार मुख्यमंत्री ने तीन टुकड़ियों में विभाजित दिल्ली पुलिस का दल, होमगार्ड, अग्निशमन सेवा, एनसीसी कैडेट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान बड़ी संख्या दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। परेड की सभी टुकड़ी सीएम अरविंद केजरीवाल को सलामी देते हुए उनके सामने से गुजरी। दिल्ली पुलिस और सिविल डिफेंस का पाइप बैंड, होमगार्ड, एनसीसी, सरकारी स्कूलों के बच्चे के परेड दल ने भी मुख्यमंत्री को सलामी दी।

इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने 74वें गणतंत्र दिवस की दिल्ली और देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज हम एक तरफ 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और दूसरी तरफ आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहे है। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, राजगुरु जैसे ढेरों नाम हैं जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को आजादी दिलाई थी। स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के बाद की पीढ़ियों के उपर इस आजादी और जनतंत्र को मजबूत व संभाल कर कायम रखने की जिम्मेदारी दी है। आज हम जब आजादी के 75 साल मना और 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, उसमें दो बातें बहुत महत्वपूर्ण हो हैं। एक तरफ, हम मीडियम और सोशल मीडिया में सुनते और देखते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से चीन हमारी सीमाओं पर हमें आंखें दिखा रहा है। आज ही देश के एक नामी-गिरामी अखबार में छपा है कि चीन ने हमारे देश की कुछ जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह सभी भारतवासियों के लिए चिंता का विषय है। हमारे सैनिक चीन के सैनिकों से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पूरी बहादुरी के साथ हमारे सैनिक बॉर्डर पर चीन का मुकाबला कर रहे हैं। एक तरफ, हमारे सैनिक बॉर्डर पर चीन का मुकाबला कर रहे हैं और दूसरी तरफ देश की सारी सरकारों और हर भारतवासी का भी फर्ज बनता है कि हम उनकी इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। हमारा भी फर्ज बनता है कि चीन को कड़ा संदेश दिया जाए कि भारतीय यह बर्दाश्त नहीं करेगा। हमारा भी फर्ज बनता है कि हम चीन का बहिष्कार करें और उसको सख्त संदेश दें।

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ, पिछले कुछ वर्षों से चीन हमें आंख दिखा रहा है और हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है और दूसरी तरफ हम चीन से अपना व्यापार बढ़ाते ही जा रहे हैं। 2020 में हम लोगों ने चीन से 65 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा और 2021 में 95 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। हमने 50 फीसद व्यापार बढ़ा दिया। हम तो चीन को और अमीर बनाते जा रहे हैं। उनसे और सामान खरीदते जा रहे हैं, उनको और पैसा दे रहे हैं। चीन हमारे ही पैसे से और अधिक हथियार खरीद रहा है, सैनिकों को भर्ती कर रहा है और हमारे उपर आक्रमण कर रहा है। यह तो सही नहीं है। अगर किसी से झगड़ा हो, तो हम उससे और ज्यादा सामान नहीं खरीदेंगे। हम चीन से चप्पल, जूते, गद्दे, कुशन चश्मा और खिलौने खरीद रहे हैं। यह सारी चीजें हम भी बना सकते हैं। हमारे देश में ज्यादा अच्छी बन सकती हैं। इसका मतलब है कि हम चीन से जितना सामान खरीदते हैं, उतना सामान भारत में कम बनता है। हम भारत के अंदर ही यह सारा सामान बना सकते हैं। भारत में चप्पलें, गद्दे, कुशन, मूर्तियां, चश्मे, मूर्तियां और खिलौने खूब बनते हैं। अगर हमारे देश में यह सारा सामान बनेगा तो हमारे युवाओं को रोजगार और सरकार को टैक्स मिलेगा। साथ ही, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। एक तरह से हम अपने युवाओं का सारा रोजगार चीन के लोगों को देते जा रहे हैं। अगर देश की सारी सरकारें मिलकर अपने व्यापारियों, उद्योगपतियों को सारी सुविधाएं दें, तो हम ये सारी चीजें अपने देश के अंदर बना सकते हैं। इससे एक तरफ हमारे लाखों-करोड़ों युवाओं को नौकरी मिलेगी और दूसरी तरफ चीन को कड़ा संदेश जाएगा कि हमें तुम्हारे सामान की जरूरत नहीं है, ठीक हो जाओ, वरना हम तुम्हें मजा चखा सकते हैं।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ पिछले पांच-छह सालों में 12 लाख व्यापारी व उद्योगपति अपना देश छोड़कर विदेश चले गए। वे अपनी व्यवस्था और एजेंसी से परेशान होकर के भारत छोड़कर विदेश चले गए। हमने अपने व्यापारियों व उद्योगपतियों को इतना दुखी कर रखा है कि वे बहुत तंग आ चुके हैं, उनका अपने देश में धंधा मुश्किल हो गया है और भारत छोड़-छोड़कर जा रहे हैं। पिछले 5 साल के अंदर 12 लाख लोग भारत छोड़कर चले गए। हम अपने लोगों को भगा रहे हैं और चीन से सारा सामान आयात कर रहे हैं, ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा? भारत को आगे तो भारत के लोग ही ले जाएंगे। अमेरिका और चीन से कोई आकर भारत की तरक्की नहीं करेगा, अपने ही देश के लोग भारत की तरक्की करेंगे। अपने देश के लोगों को बाहर भेजने के लिए मजबूर करने की बजाय यह समय है कि हम अपने देश में ऐसी व्यवस्था करें कि पूरी दुनिया में रह रहे भारत के लोग वापस आकर अपने देश की तरक्की करने लगे।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को स्वतंत्र कराया, विदेशियों को खदेड़कर बाहर भेज दिया और दूसरी तरफ जनतंत्र की स्थापना की। हमने अपना संविधान बनाया है। यह देश भारत के लोगों का है। 26 जनवरी 1950 को जनतंत्र की स्थापना की, लेकिन पिछले कुछ वर्षो से हम देख रहे हैं कि जनतंत्र के ऊपर भी थोड़ी-थोड़ी आंच आने लगी है। जनता सुप्रीम है। भारत के 130 करोड़ लोग सुप्रीम हैं। इनके ऊपर कोई नहीं है। जनता की चुनी हुई सरकारें सुप्रीम है। जनता वोट डालती है और अपना सरकार चलती है। वो सरकारें सुप्रीम हैं, जो जनता कहेगी, वही वो सरकार करेंगे। जनता और जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों के ऊपर कोई नहीं है। लेकिन पिछले कुछ सालों में हम देख रहे हैं कि एक राज्य ऐसा है, जहां जनता की चुनी हुई सरकार ने ढेरों कानून पास किए, लेकिन वहां का गवर्नर कानून पर दस्तखत करने को तैयार नहीं है। जो कानून जनता ने पास किए, जो कानून जनता की चुनी हुई सरकार ने पास किए, क्या एक आदमी उन कानूनों को रोक सकता है। क्या एक आदमी को अधिकार होना चाहिए कि वो जनता की अभिलाषा, कामनाओं और कामों को रोक दे। यह तो जनतंत्र नहीं है। इसलिए तो हमारे लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी। एक और राज्य है। वहां के मुख्यमंत्री ने गवर्नर को लिखा कि हम अपनी विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं। जनता की चुनी हुई सरकार को पूरा अधिकार है कि वह जब मर्जी विधानसभा का सत्र बुलाए। लेकिन गवर्नर ने वापस लिखा कि क्यों बुलाना चाहते हो? क्या काम है? विधानसभा का सत्र बुला कर क्या करोग?े क्या गवर्नर विधानसभा सत्र बुलाने के मामले में सरकार से पूछ सकता है कि क्यों बुलाना चाहते हो? मुख्यमंत्री ने सत्र बुलाने का कारण बताया तो गवर्नर कहता है कि मुझे यह कारण मंजूर नहीं है, सत्र नहीं बुलाया जाएगा। यह जनतंत्र नहीं है। यह तो जनतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। एक तरफ से एक व्यक्ति विशेष के अंदर जनतंत्र को गुलाम बना दिया गया है। मैं अखबारों में पढ़ता हूं कि कई ऐसे राज्य ऐसे हैं, जहां पर चुनी हुई सरकारों ने अपनी-अपनी यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर बनाएं और वहां के राज्यपालों ने वाइस चांसलर को बर्खास्त कर दिया। यह क्या बात हुई? इसके लिए तो हमने अपने देश की आजादी नहीं ली थी। इसके लिए तो सेनानियों ने कुर्बानी नहीं दी थी। कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां दिन प्रतिदिन चुनी हुई सरकारों को परेशान किया जाता है। आज 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे देश को यह सोचने की जरूरत है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारे जनतंत्र के ऊपर भी काला साया पड़ता जा रहा है, उससे कैसे निपटा जाए, पूरे देश को इसके बारे में सोचने की जरूरत है।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से कहा कि पिछले सात-आठ साल के अंदर दिल्ली में आप लोगों ने विकास के बहुत सारे काम किए। केंद्र सरकार की रिपोर्ट ये करती है कि पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली के अंदर है। पूरे देश में महंगाई तो है, वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं, लेकिन पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली के अंदर है। दिल्ली में महंगाई की दर 3 फीसद है, जबकि गुजरात में 7 फीसद, हरियाणा में 7.8 फीसद है, जो दिल्ली से ढाई गुना ज्यादा है। मध्यप्रदेश में महंगाई की दर 7.5 फीसद है। मध्यप्रदेश में भी दिल्ली से ढाई गुना ज्यादा महंगाई है। अगर कोई सामान दिल्ली में 100 रुपए की मिलती है, तो हरियाणा और मध्यप्रदेश में 250 रुपए में बिकती है। उत्तर प्रदेश में महंगाई दर 6.8 फीसद है। पूरे देश में सबसे सस्ती चीजें और सबसे कम महंगाई दिल्ली में है, क्योंकि आज दिल्ली में बिजली, पानी मुफ्त है। दिल्ली में शानदार सरकारी स्कूल है और सरकारी स्कूलों में सारी शिक्षा मुफ्त है। दिल्ली में सारी स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त है। आपको कितनी भी बड़ी बीमारी हो जाए, सरकारी अस्पताल में चले जाओ, वहां सारा इलाज, टेस्ट, दवाइयां और ऑपरेशन सब कुछ मुफ्त है। महिलाओं के लिए बसों का सफर मुक्त है। बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा मुफ्त है। हम बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा कर लाते हैं। राशन मुफ्त है। दिल्ली में राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बसों का सफर और तीर्थ यात्रा मुफ्त है, जिसकी वजह से पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली में है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि पिछले एक साल में खाने पीने की कई चीजों दही, दूध, गेहूं आदि पर जीएसटी लगा दिया गया। जीएसटी लगाने से ये सारी खाने-पीने की चीजें बहुत महंगी हो गई। एक आम आदमी के लिए आज अपने घर का खर्चा चलाना मुश्किल होता जा रहा है। पहले इन पर जीएसटी नहीं होता था। अब जीएसटी लगने की वजह से ये सारी चीजें महंगी हो गई हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि इन सब चीजों से जीएसटी हटाकर देश के लोगों को महंगाई से बहुत बड़ी राहत देगी। देश में आज जिस तरह से जीएसटी लागू किया जा रहा है। इसमें ढेरों कमियां है। हमारे देश का 99 फीसद से ज्यादा व्यापारी टैक्स देना चाहते हैं और ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, लेकिन इतनी कठिन और जटिल व्यवस्था हम लोगों ने बना दी है कि ना चाहते हुए भी कई बार व्यापारी को थोड़ा उल्टा-सीधा करना पड़ता है। हमें ईमानदार व्यापारियों की मदद करनी चाहिए। जीएसटी के पूरे सिस्टम को सरल बनाने की जरूरत है, ताकि व्यापारी आसानी से जीएसटी दे सकें और जीएसटी प्रणाली को लागू कर सकें।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने अपने तेलंगाना दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बुलाया था। वहां पर चार मुख्यमंत्री आए थे। तेलंगाना सरकार ने एक बहुत शानदार कार्यक्रम शुरू किया है। तेलंगाना में चार करोड़ की जनसंख्या है। वो अपने चार करोड़ लोगों की आंखों का टेस्ट करवा रहे हैं। यह बहुत अच्छी बात है। जिनकी आंखों में कुछ गड़बड़ी होगी और उनको चश्मे की जरूरत होगी, तो सरकार उनको फ्री में चश्मा देगी। अगर जरूरत पड़ेगी तो सरकार उनकी आंख का फ्री में ऑपरेशन भी करवाएगी। एक तरह से तेलंगाना सरकार अपने 4 करोड लोगों की आंखों का फ्री में ख्याल रखने जा रही है। यह देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने वही ऐलान किया था कि मैं इसे दिल्ली में लागू करूंगा और दिल्ली के दो करोड़ लोगों की आंखों का फ्री में हम जांच करवाएंगे, चश्में देंगे और ऑपरेशन कराएंगे। मुझे लगता है कि हम सभी को एक-दूसरे से सीखने की जरूरत है। आज तेलंगाना यह काम किया। हम सीख कर आए और दिल्ली में करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान साहब ने भी वहीं पर ऐलान किया कि पंजाब में भी लागू करेंगे। दिल्ली में हमने मोहल्ला क्लीनिक बनाएं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री हमारे मोहल्ला देखने आए और वापस जाकर मोहल्ला क्लीनिक चालू किए। दिल्ली में हमने स्कूल अच्छे कर दिए। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन दिल्ली आए। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूल देखे, उनकों बहुत अच्छा लगा और वापस जाकर अपने सरकारी स्कूल अच्छे करने चालू कर दिए। मुझे याद है कि मैं दसवीं क्लास में था, तब सुना करते थे कि केरल में स्कूल और स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत अच्छा है। मुझे आज तक यह नहीं समझ आया कि इतने सालों से केरल में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था इतना अच्छा है तो उनसे सीखकर हम लोगों ने अब तक बाकी देश में क्यों नहीं कर लिया? हम एक-दूसरे से क्यों नहीं सीखते हैं। मैं जैसे-जैसे देश में घूम रहा हूं, मुझे लग रहा है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान हमारे देश के किसी राज्य या किसी गांव ने नहीं निकाला हो। हम लोगों ने हर समस्या का समाधान निकाल रखा है। किसी समस्या का समाधान तमिलनाडु ने, किसी का मध्यप्रदेश ने, किसी वेस्ट बंगाल ने, किसी का आसाम ने निकाल रखा है, लेकिन हम आपस में सीख ही नहीं रहे हैं। अगर हम आपस में एक-दूसरे से सीखेंगे, तो देश की सारी समस्याओं का समाधान निकल सकता है। लेकिन हम आपस में सीखने की बजाय लड़ रहे हैं। हमें आपस में इतना लड़ने की क्या जरूरत है। मैं आजकल देख रहा हूं कि ये जुडिशरी और जजों से लड़ रहे हैं। जुडिशरी से लड़ने की क्या जरूरत है। इससे देशभर में अच्छा संदेश नहीं जाता है। ये सारी राज्य सरकारों से लड़ रहे हैं। किसी को काम नहीं करने दे रहे हैं। ये किसानों, छात्रों, व्यापारियों और उद्योगपतियों से लड़ रहे हैं। मुझे लगता है कि अगर हम लड़ाई-झगड़ा छोड़कर प्यार और मोहब्बत के साथ सारे एक-दूसरे से सीखें और 130 करोड़ लोगों का देश एक होकर काम करें, तो अपने देश को दुनिया का नंबर वन देश बनने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 7 सालों में दिल्ली के ढाई करोड़ लोगों ने कमाल करके दिखाया है। केंद्र सरकार ने बहुत सारे सर्वे कराए हैं। साथ ही, कई सारी स्वतंत्र एजेंसीज ने बहुत सारे सर्वे कराई हैं और उनके सर्वे में कई बात सामने आई है।
पहला- दिल्ली देश का स्टार्टअप कैपिटल बन चुका है। अब पूरे देश में सबसे ज्यादा स्टार्टअप दिल्ली में शुरू हो रहे हैं। पिछले साल दिल्ली में 5 हजार से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए। पहले बैंगलुरु देश का नंबर-1 स्टार्टअप प्रदेश था। अब बैंगलुरु दिल्ली से पीछे चला गया है। पिछले साल दिल्ली में 5 हजार से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए, जबकि बेंगलुरु में 4504 स्टार्टअप शुरू हुए।
दूसरा- दिल्ली देश का ईवी कैपिटल बन चुका है। पूरे देश भर में आज सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल दिल्ली में बिक रहे हैं। पहले कर्नाटक ईवी कैपिटल था, अब कर्नाटक दूसरे नंबर पर आ चुका है और दिल्ली नंबर पर बन चुका है। दिल्ली में खरीदे जाने वाले कुल नए वाहनों में से 10.2 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाते हैं और कर्नाटक में 6.3 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाते हैं।
तीसरा- दिल्ली मेगा सिटी में ग्रीन कैपिटल बन चुका है। दिल्ली में आज प्रति व्यक्ति 9.6 वर्ग मीटर एरिया में पेड़ या वन हैं, जबकि हैदराबाद में 8.2, बेंगलुरु में 7.2, मुंबई में 5.4, चेन्नई में 2.1, अहमदाबाद में 1.2 में पेड़ या वन क्षेत्र है। देश भर के बड़े शहरों में सबसे ज्यादा पेड़ और वन का धनत्व दिल्ली के अंदर हैं।
चौथा- दिल्ली देश का एजुशन कैपिटल बन चुका है। किसी स्वतंत्र संस्था ने सर्वे कराया था। जिसमें देश के सारी सरकारी स्कूलों को शामिल किया गया था। पूरे देश के टॉप के 10 सरकारी स्कूलों में दिल्ली के 5 सरकारी स्कूल है। यह बहुत बड़ी बात है। देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है। आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले आठ साल से हर साल अपने पूरे बजट का 25 फीसद शिक्षा पर खर्च करती है। पूरा देश में शिक्षा पर खर्च होने वाला यह सबसे ज्यादा बजट है। कोई राज्य सरकार या केंद्र सरकार शिक्षा पर इतना ज्यादा बजट खर्च नहीं करती है। पिछले 7 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने वालों की संख्या में 21 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूल में करीब 14.5 लाख बच्चे पढ़ते थे। वहीं, आज 18 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर सरकारी स्कूल में भर्ती कराया है। यह अद्भुत चमत्कार है। पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 80-82 फीसद ही बच्चे पास होते थे। पिछले साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 99.7 फीसद बच्चे पास हुए हैं। प्राइवेट स्कूलों से 6 प्रतिशत ज्यादा बेहतर नतीजे दिल्ली सरकार के स्कूलों में आए हैं।
पांचवां- हमारी दिल्ली दिल्ली देश का हेल्थ कैपिटल बन चुकी है। दिल्ली के अंदर आज सबसे ज्यादा डॉक्टर है। केवल अपने देश के अंदर ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा डॉक्टर दिल्ली में है। दिल्ली में 1000 लोगों पर तीन डॉक्टर हैं। यह अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जापान से भी ज्यादा है। इन देशों में हजार लोगों पर करीब ढाई डॉक्टर हैं। दिल्ली के लोगों ने बड़े-बड़े देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन उपलब्धियों के अलावा आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सीसीटीवी कैमरे दिल्ली के अंदर लगे हुए हैं। पिछले कुछ सालों में ‘‘आप’’ की सरकार ने 2.5 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। आज दिल्ली में प्रति वर्ग मील 1826 सीसीटीवी कैमरे हैं। यह लंदन, सिंगापुर, पेरिस, न्यूयार्क, वाशिंगटन से ज्यादा है। दिल्ली ने बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है। जब मैं छोटा बच्चा था, उन दिनों में एक फिल्म आई थी। उसमें एक गाना था कि इसको हराया, तो क्या किया, उसको हराया, तो क्या किया, दारा सिंह को हराओ तो जानें। मतलब यह कि ऐरे-गैरों को हराने से क्या फायदा है, बड़े-बड़ों को हराओ तो जानें। आज आपकी दिल्ली अमेरिका, लंदन, सिंगापुर, न्यूयार्क, वाशिंगटन जैसे बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ रही है। भगवान करें कि हमारी दिल्ली ऐसी ही तरक्की करती रहे, हमारा देश तरक्की करें और हम सब 130 करोड़ भारतवासी मिलकर एक साथ अपने देश को आगे ले जाएं।
असिस्टेंड सुपरिटेंडेंट राजेश कुमार ने कारागार विभाग में वार्डन के पद पर वर्ष 1989 में ज्वाइ किया। वे 2009 में हेड वार्डन और 2019 में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट पद पर पदोन्नत हुए। अपने कार्यकाल में शुरुआत से ही उनमें कार्य को सीखने और बेहतर ढंग से निष्पादित करने की लगन थी। राजेश कुमार ने जेल के कैदियों में अपनी गहरी पैठ रखी। इस कारण वे कैदियों के किसी भी षड़यंत्र को असफल कर पाने में सक्षम रहे। उन्होंने जेल नंबर-4 में आयोजित हुई पंचायत को सफल बनाने के लिए अतुलनीय कार्य किया। साथ ही, जेल में कैदियों के लिए सांस्कृति कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भी पूरी मेहनत की। कोरोना महामारी के समय जेल में मास्क फैक्ट्री को शुरू करने में राजेश कुमार का विशेष योगदान रहा। जेल में पबल्कि रिलेशन ऑफिसर के रूप में राजेश कुमार का कार्य उल्लेखनिय है। इन कार्यों और प्रयासों को देखते हुए राजेश कुमार को प्रेसिडेंट करेक्शनल मेडल फॉर डिस्टिंगुइश सर्विस’ से सम्मानित किया गया।
असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट नरेश कुमार ंने 1989 में वॉर्डन के पद पर नियुक्ति ली। 2008 में हेड वॉर्डन और 2018 में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के पद पर पदोन्नत किया गया। एक कर्मठ कर्मचारी के रूप में नरेश कुमार ने जेल विभाग की अलग-अलग शाखाओं में काम किया। यूडी ऑफिस, सिटी ऑफिस, वार्ड इंचार्ज एवं आंतरिक जेल प्रबंधन में नरेश कुमार का कार्य सराहनीय रहा। कोरोना महामारी के दौरान कोरोना के लिए बनाई गई जेल नंबर-2 में इनके कार्य प्रबंधन को सभी ने सराहा। कोविड महामारी में बातौर वार्ड प्रभारी उल्लेखनीय कार्य किया। नरेश कुमार को प्रेसिडेंट करेक्शनल मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस’ से सम्मानित किया गया।
इससे पहले, कार्यक्रम में परेड हुआ। परेड में पहली बार दिल्ली के सरकारी स्कूल का बॉयज बैंड शामिल हुआ। इसमें गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल नंबर-1 पंजाबी बाग के बच्चे पहली बार राजकीय गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बने। इनके अलावा बॉयज बैंड में एमएपीएस अशोक विहार, एमएएमएस प्रीतमपुरा के छात्र भी शामिल रहे।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों का बैंड इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण भी रहा। परेड में एसबीवीपी तुगलकाबाद एक्सटेंशन की पहली टुकड़ी का नेतृत्व सचिव यादव ने किया। इसके बाद अमन कुमार के नेतृत्व में गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल धर्मपुरा नजफगढ़ और प्रियांशु के नेतृत्व में गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल देवली के छात्रों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलामी देते हुए मार्च पास्ट किया। अंत में गर्ल्स एंड बॉयज फ्लैग मार्चर ने मार्च पास्ट की। गवर्नमेंट गर्ल्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल नंबर-3 नजफगढ़ से गर्ल्स कमांडर ज्योति, मिनाक्षी एसकेवी रमेश नगर के नेतृत्व में छात्राओं ने तिरंगे के तीनों रंग के झंडे लेकर मार्च पास्ट किया। इनके बाद, बॉयज फ्लैग बियरर के दल ने मार्च पास्ट की। इसमें जीपीएसएसएस आईएआरआई पूसा से नितिन के साथ गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेंकेंडरी स्कूल सेक्टर-5 अंबेडकर नगर के गगन और गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल कराला के तुषार के नेतृत्व में बॉयज फ्लैग मार्च निकाली।
