एक बिहारी का दर्द

#बिहार में ‘डबल इंजन’ की कोई सरकार है। क्या हमारे राज्य के गौरव का भी गुणगान देश के पटल पर नहीं होना चाहिए#

#बिहार में ‘डबल इंजन’ की कोई सरकार है। क्या हमारे राज्य के गौरव का भी गुणगान देश के पटल पर नहीं होना चाहिए#

एक बिहारी का दर्द

सैय्यद आसिफ इमाम काकवी

बिहार में ‘डबल इंजन’ की कोई सरकार है यह बिहार का दुर्भाग्य है कि देश और प्रदेश में एनडीए की सरकार है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महात्मा गांधी के उसूलों की बात करते हैं। लेकिन दिल्ली में गांधी के विचारों को झांकी के रूप में दिखा नहीं पाते। इससे ज्यादा दुखद यह है कि बिहार सरकार इस पर विरोध भी दर्ज नहीं करवाते. जेडीयू और बीजेपी के बीच इन दिनों बयानों के तीर खूब चल रहे है दरअसल यह लगातार छठा साल होगा जब गणतंत्र दिवस पर बिहार की झांकी दिल्ली में नहीं दिखाई गई. यह दुखद है कि बिहार की झांकी को लगातार 26 जनवरी में जगह नहीं मिल रही है। दिल्ली में निकलने वाली झांकी को पूरा देश और दुनिया देखती है। राज्य की कला, संस्कृति और विकास को समझती है। वैसे अधिकारी जो झांकी का ड्राफ्ट तैयार कर दिल्ली भेजते हैं अगर उस पैमाने पर वो खरा नहीं उतरता है तो सरकार को ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। आज जब Facebook तथा दुसरे social site पर मेरे दोस्तों ने अपने अपने राज्यों की झाँकियों को upload किया और उनका गुनगान किया तो मेरा मन कचोट कर रह गया, कि काश हमारे राज्य के नेता भी जो Media के सामने इतनी बड़ी बड़ी डिंग हांकते है खासकर हमारे माननीय बिहार में ‘डबल इंजन’ की कोई सरकार है। क्या हमारे राज्य के गौरव का भी गुणगान देश के पटल पर नहीं होना चाहिए। दरअसल, देश आजादी का 75वां साल मना रहा है। इसके तहत देशभर में आजादी का महोत्सव मनाया जा रहा है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भव्य राजपथ पर आज 73वें गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मेघालय, गुजरात, गोवा, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, हरियाणा और जम्मू कश्मीर की झांकी शामिल हैं और केंद्र सरकार के 9 मंत्रालयों/विभागों की झांकियां के जरिए देशवासियों को अलग-अलग संदेश दिए गए। इन झाकियों को आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत विभिन्न विषयों पर तैयार किया गया था। वहीं बिहार, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की झांकी इस साल परेड का हिस्सा नहीं बनाया गिया।
लेखक – सैय्यद आसिफ इमाम काकवी

Comments are closed.