बिहार मदरसा बोर्ड चेयरमैन के खाली पद पर शंशय!

कौन बनेगा बोर्ड का चेयरमैन, फैसला मुख्यमंत्री के हाँथ।  अब्दुल क्य्यूम अंसारी रिपीट नहीं हो सकते। परन्तु यदि जांच हुई तो सम्भवता पहले उन्हें बेउर जेल की सैर करना पड़ सकता है। 

अब्दुल क्य्यूम अंसारी रिपीट नहीं हो सकते। परन्तु यदि जांच हुई तो सम्भवता पहले उन्हें बेउर जेल की सैर करना पड़ सकता है। 

बिहार मदरसा बोर्ड चेयरमैन के खाली पद पर शंशय!

कौन बनेगा बोर्ड का चेयरमैन, फैसला मुख्यमंत्री के हाँथ। 
एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)
पटना – इन दिनों बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के लिए काफी लोग रेस में लगे हुए है, निरंतर विभिन नाम का अनुमान लगाया जा रहे रहे हैं। जिसमे दरभंगा से बोर्ड के ही एक पूर्व चेयरमैन का नाम भी सुनने में आ रहा है। परन्तु एक नाम ऐसा भी सामने आ रहा है, जो ननपोलटिकल डार्कहार्स’है। उसका नाम चौंका सकता है। उस नाम पर गलियारे में शंशय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि पोलटिकल लॉबिंग बहुत टाईट है। नंबर वन पर अभी उसी का नाम है मगर सियासी गलियारे में उसकी कहीं चर्चा नहीं है।
मौजूदा चेयरमैन अब्दुल काय्यूम अंसारी दुबारा से उसी पद पर वापसी के लिए दिल्ली-पटना एक कर रखा है। जानकार सूत्रों द्वारा, शुक्रवार को  उनकी केंद्रीय मंत्री मोख़्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह से मुलाक़ात हुई है। शनिवार को वह पटना लौट चुके हैं। ज्ञात हो कि दोनों की कृपा से ही वह चेयरमैनशिप की कुर्सी पर विराजमान हुए थे।
सूत्रों द्वारा बिहार अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनुस हकीम का कार्यकाल भी इसी साल फरवरी में समाप्त होने जा रहा है। परन्तु उनके बारे में भी कुछ अफवाहों का बाज़ार ऐसा था कि वह दुबारा से अपने पद के लिये प्रयासरत हैं, परन्तु उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें इस बात से अवगत भी करा दिया गया है की उन्हें अब विश्राम की आवश्यकता है अब वह अपनी बची हुई ज़िन्दगी में आराम करें। वह भी आरसीपी सिंह खेमा से हैं। ऐसा माना जा रहा कि आरपी सिंह खेमा से ही गया के एक मौलाना के नाम का चर्चा चल रहा यदि उनका का भाग्य ने साथ दिया तो इस कुर्सी पर विराजमान हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि मौलाना नीतीश कुमार के चाहिते हैं , उनसे जुलाई में बायोडाटा मांगा गया था।
 इस बार राजनीतिक परस्तिथि बदली हुई है। जानकार सूत्रों द्वारा, आरसीपी सिंह का वज़न पार्टी के अंदर हल्का हो चुका है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह और पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह में अंदरूनी तौर पर बुरी तरह ठन गयी है। सियासी गलियारों से छन छन कर आ रही सूचना के आधार पर कहा जा रहा है कि आरसीपी सिंह खेमा से अब कोई भी बोर्ड-निगम यहां तक की पार्टी पदाधिकारी भी नहीं होगा। इस आधार पर अब्दुल क्य्यूम अंसारी रिपीट नहीं हो सकते। यह अलग बात है कि यदि”खुला खेल फ़र्रुख़ाबादी” हुआ तो उनकी कुर्सी बच भी सकती है। परन्तु यदि जांच हुई तो सम्भवता पहले उन्हें बेउर जेल की सैर करना पड़ सकता है। 

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