दिल्ली सरकार पर भाजपा शिकंजा – बदनाम अधिकारी को संवेदनशील विभाग में काम करने की मिली अनुमति

जब बार-बार अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें आ रही थीं, तब भी उसके ख़िलाफ़ कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया गया? - आतिशी

जब बार-बार अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें आ रही थीं, तब भी उसके ख़िलाफ़ कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया गया? – आतिशी

 नाबालिग से रेप के आरोपी डब्ल्यूसीडी अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीडन की कई शिकायतों की जानकारी मिलने पर सर्विसेज मंत्री आतिशी सख्त, मुख्य सचिव को पत्र लिख पूछे कई सवाल

MPNN- NEWS
*जब अधिकारी पर पहले से यौन उत्पीड़न की कई शिकायतें थी तो उसे महिला एवं बाल विकास जैसे संवेदनशील विभाग में काम करने की कैसे अनुमति दी गई?- आतिशी
*जब बार-बार अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें आ रही थीं, तब भी उसके ख़िलाफ़ कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया गया? – आतिशी
*क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी को आरोपी डब्ल्यूसीडी अधिकारी के बार-बार किए गए अपराधों के बारे में जानकारी दी? – आतिशी
*डब्ल्यूसीडी अधिकारी के खिलाफ सभी यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर 28 अगस्त तक एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें – आतिशी
*मुख्य सचिव यौन उत्पीड़न के मामलों में पूछताछ, शिकायतों को देखने वाले अधिकारियों और आरोपी अधिकारी के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में जबाव दें- आतिशी
नई दिल्ली, 26 अगस्त 2023 – दिल्ली में नाबालिग लड़की से रेप कांड के आरोपी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी पर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहले से कई यौन उत्पीड़न के मामले आ चुके हैं। ऐसे में दिल्ली की सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखते हुए कड़े सवाल किया है। अपने पत्र में सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव से सवाल किया है कि जब उक्त अधिकारी पर यौन उत्पीड़न की शिकायतें थी तो उसे महिला एवं बाल विकास जैसे संवेदनशील विभाग में काम करने की अनुमति किसने दी? जब अधिकारी के ख़िलाफ़ बार-बार यौन उत्पीड़न की शिकायतें आईं तब भी उसके ख़िलाफ़ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी के पास इस डब्ल्यूसीडी अधिकारी द्वारा बार-बार किए गए अपराधों के बारे में जानकारी थी? सर्विसेज़ मंत्री ने रिपोर्ट में मुख्य सचिव से यौन उत्पीड़न के मामले में पूछताछ, शिकायतों को देखने वाले अधिकारियों और आरोपी अधिकारी के खिलाफ शिकायतों पर की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में जबाव माँगा है और आदेश दिया है कि 28 अगस्त शाम 5 बजे तक मुख्य सचिव इस विषय में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे।
सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने अपने पत्र में कहा है कि कई मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि डब्ल्यूसीडी विभाग के जिस अधिकारी को एक नाबालिग से बार-बार बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसके खिलाफ महिलाओं के यौन उत्पीड़न के संबंध में पहले भी शिकायतें थीं। यह बेहद गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई न करने से ऐसे गलत काम करने वालों को बढ़ावा मिलता है। जो सिस्टम यौन उत्पीड़न की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेता, वो महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भागीदार बन जाता है और अपराधियों को लगने लगता है कि उनके व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे बेख़ौफ़ हो जाते है। यह उनके आसपास की महिलाओं और लड़कियों को अधिक जोखिम में डालता है।
सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने कहा कि यदि उक्त अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में थीं, तो यह बहुत गंभीर है और ऐसे में सवाल उठाता है कि यौन उत्पीड़न की  शिकायतों को कैसे संभाला जाता है, इनकी जांच कैसे की जाती है और अनुशासनात्मक कार्रवाई कैसे की जाती है? वरिष्ठ अधिकारी ऐसी शिकायतों पर कैसे आंखें मूंद सकते हैं? 
उन्होंने कहा है कि ये घटना बहुत ज़्यादा चिंताजनक है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में आरोपित अधिकारी महिला एवं बाल विकास जैसे विभाग में कार्यरत था। महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी किसी व्यक्ति को महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए जिम्मेदार विभाग में काम करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?
सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने कहा है कि यदि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के बारे में मीडिया रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो ऐसी गंभीर शिकायतों को संभालने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में सरकारी तंत्र द्वारा उदासीनता का स्तर वास्तव में चौंकाने वाला है और सवाल उठता है कि ऐसी और कितनी घटनाएँ हो सकती है, जो कभी सामने ही नहीं आई।
ऐसे में सर्विसेज़ मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को इस मुद्दे पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है।
सर्विसेज़ मंत्री ने आदेश दिए है कि मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट में बताए कि,डब्ल्यूसीडी विभाग के उक्त अधिकारी द्वारा उत्पीड़न की शिकायतें कब प्राप्त हुईं? वह अधिकारी कौन था जिसने इन शिकायतों को निपटाया? उन शिकायतों पर क्या जांच की गई? सबसे वरिष्ठ अधिकारी कौन था जिसे इन शिकायतों की जानकारी थी? क्या इन शिकायतों के आधार पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई?
सर्विसेज़ मंत्री ने मुख्य सचिव को आदेश दिए है कि इस मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट 28 अगस्त शाम 5 बजे तक सौंपे।
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