चोर मचाये शोर – भाजपा द्वारा फ्री बांटना देशहित। और कोई पार्टी बांटे तो लुटेरा

यह माहौल बनाया जा रहा है कि मंत्रियों को फ्री बिजली मिले, लेकिन आम लोगों को फ्री बिजली नहीं मिलनी चाहिए- अरविंद केजरीवाल

देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जैसे मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी की सुविधाएं देना गुनाह है, इससे सरकारों को बहुत घाटा हो रहा है और ये बंद होनी चाहिए- अरविंद केजरीवाल

चोर मचाये शोर – भाजपा द्वारा फ्री बांटना देशहित- और कोई पार्टी बांटे तो लुटेरा – यह कैसी नीति !

चोर मचाये शोर – यह कहावत भाजपा पर चिर्ताथ होती है, जब भाजपा  कोई चीज़ फ्री बांटे तो वह देश हित मे और जब आम आदमी पार्टी देश के आम आदमी को लाभ पहुंचाना चाहती है तो वह देश को निपंगुर बना रहीं है यह कैसा सवाल है – मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने आज देश के 130 करोड़ लोगों की तरफ से सभी सरकारों से मांग करते हुए कहा कि देश के हर बच्चे के लिए शानदार मुफ्त शिक्षा, हर व्यक्ति के लिए मुफ्त इलाज, हर परिवार के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली और बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था की जाए। आज देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जैसे मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी की सुविधाएं देना गुनाह है। इससे सरकारों को बहुत घाटा हो रहा है और ये बंद होनी चाहिए। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ बना रहा है। 75वें साल में शिक्षा का ऐसा सिस्टम बन जाना चाहिए था कि पूरे देश में हमारे बच्चों को अच्छी और मुफ्त शिक्षा मिलती। इस वक्त हमें प्लानिंग करनी चाहिए कि अगले पांच साल में पूरे देश में शानदार सरकारी स्कूल बनाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे, तब आजादी की 75वीं वर्षगांठ सही मायने में मनाई जाती। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डेनमार्क, नॉर्वे जैसे 39 देश अपने बच्चों को फ्री और अच्छी शिक्षा देते हैं। कनाडा, यूके जैसे 9 देश फ्री इलाज देते हैं और अमेरिका, जर्मनी जैसे 16 देश बेरोज़गारी भत्ता देते हैं। वहीं, इन लोगों ने अपने चंद दोस्तों का 10 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ माफ़ कर दिया। ये लोग सरकारी पैसा सिर्फ़ अपने दोस्तों के क़र्ज़ माफ़ करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं। मैं मांग करता हूं कि अपने दोस्तों के कर्जे माफ करना देश के साथ गद्दारी घोषित किया जाए और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करके सख्त सजा मिलनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस वार्ता कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से देशभर में एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि गरीबों, आम लोगों और मध्यम वर्ग को केंद्र सरकार और राज्य सरकारें जो सुविधाएं देती हैं, वो सुविधाएं बंद की जाएं। उससे सरकारों को घाटा हो रहा है। कोई इन्हें फ्री-बी कह रहा है, तो कोई इन्हें फ्री की रेवड़ी कह रहा है। इस तरह, अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करके पूरे देश के अंदर महौल बनाया जा रहा है कि सरकारों को बहुत घाटा हो रहा है। आम लोगों को सरकारें जो फ्री में सुविधाएं देती हैं, वो सारी सुविधाएं बंद की जाएं। यह माहौल बनाया जा रहा है कि देशभर में बच्चों को जो फ्री में शिक्षा दी जाती है, वो फ्री शिक्षा बंद की जाएं। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ बना रहा है। इस 75वीं वर्षगांठ पर जब यह सुनते हैं, तो दिल को बहुत तकलीफ होती है। वैसे तो 75वें साल के अंदर शिक्षा का ऐसा सिस्टम बन जाना चाहिए था कि पूरे देश में हमारे बच्चों को अच्छी और मुफ्त शिक्षा मिलती। लेकिन आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अंदर हम यह माहौल बना रहे हैं कि हमारे देश के बच्चों को अच्छी और फ्री की शिक्षा देना फ्री की रेवड़ी है और इससे सरकारों को घाटा हो रहा है, तो इससे बुरी बात नहीं हो सकती। मुझे लगता है कि इस वक्त हमें पूरी प्लानिंग करनी चाहिए थी कि 75 साल में जो कमी रह गई थी, उस कमी को हम सारे मिलकर युद्ध स्तर पर पूरा करेंगे। हम सारे मिलकर ऐसा प्लान बनाएंगे कि अगले पांच साल के अंदर पूरे देश में शानदार सरकारी स्कूल बना देंगे और बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। तब आजादी की 75वीं वर्षगांठ सही मायने में मनाई जाती। लेकिन हम क्या कर रहे हैं? हम मिलकर ऐसा महौल बना रहे हैं कि अब सरकारी स्कूलों के अंदर बच्चों को फ्री शिक्षा बंद की जाएगी।

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