पुरुषोत्तम कौशिक स्मृति कार्यक्रम रायपुर में संपन्न
केंद्रीय मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकराने वाले नेता थे पुरुषोत्तम कौशिक - डॉ सुनीलम
केंद्रीय मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकराने वाले नेता थे – पुरूषोत्तम कौशिक जी ने 421, व्ही पी हाउस,दिल्ली में चंद्रशेखर मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था – डॉ सुनीलम
पुरुषोत्तम कौशिक स्मृति कार्यक्रम रायपुर में संपन्न
केंद्रीय मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकराने वाले नेता थे पुरुषोत्तम कौशिक –
डॉ सुनीलम
किसान आंदोलन की नींव का पत्थर थे पुरुषोत्तम कौशिक*- *दाऊलाल चंद्राकर*
पुरुषोत्तम कौशिक स्मृति समिति द्वारा रायपुर के वृंदावन सभागार में पुरूषोत्तम कौशिक स्मृति कार्यक्रम समाजवादी चिंतक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को स्मृति समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे (दूर्ग), समाजवादी चिंतक आनन्द मिश्रा (बिलासपुर), समाजवादी नेता रामगुलाम ठाकुर, गरियाबंद के 98 वर्षीय प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन लीडर सरदारी लाल जी गुप्ता, संसोपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, प्रसिद्ध समाजवादी नेता फ़ज़ल हुसैन पाशा, प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार ईश्वर शर्मा, भिलाई से प्रसिद्ध साहित्यकार रवि श्रीवास्तव, प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार गिरीश पंकज
वरिष्ठ कांग्रेसी और पूर्व समाजवादी दाऊलाल चन्द्राकर
पूर्व मंत्री, अभनपुर चन्द्रशेखर साहू , महासमुंद से कांग्रेस जिलाध्यक्ष रश्मि चन्द्राकर, रायपुर से सनत जैन, मनमोहन अग्रवाल, अरविंद मिश्रा, डॉ धीरेन्द्र साव, राकेश तिवारी, सुनील नायक, जागेश्वर ठाकुर, बागबाहरा से मदन देवांगन, महासमुंद से प्रलय थिटे, राहुल चन्द्राकर, शोभा यादव, सादात अनवर ( दिल्ली) ने संबोधित किया।
सभी वक्ताओं ने पुरुषोत्तम कौशिक जी के आंदोलन, निजी जीवन, सांसद एवं विधायक के तौर पर कार्यशैली को लेकर संस्मरण सांझा किए।
डॉ सुनीलम ने कहा कि उन्हें फ़क्र है कि समाजवादी आंदोलन ने आजादी के आंदोलन की दूसरी पीढ़ी के पुरुषोत्तम कौशिक, मधु लिमये, मधु दंडवते, कर्पूरी ठाकुर, सुरेंद्र मोहन, जनेश्वर मिश्र, मोहन सिंह, बृजभूषण तिवारी जैसे ईमानदार, सामाजिक न्याय और समता के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ सादगी और संघर्ष के साथ समाजवादी दृष्टि से जीवन जीने वाले नेताओं को समाज और देश को दिया है।
डॉ सुनीलम ने पुरुषोत्तम कौशिक जी के संस्मरण बताते हुए कहा कि उनकी आंखों के सामने पुरूषोत्तम कौशिक जी ने 421, व्ही पी हाउस,दिल्ली में चंद्रशेखर मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
यह प्रस्ताव चंद्रशेखर जी के मंत्रिमंडल के तीन मंत्री लेकर आए थे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता इतनी जबरदस्त थी कि केंद्रीय मंत्री रहने के बाद उन्होंने ग्रामीण विकास की संस्था कपार्ट के अहमदाबाद ज़ोन के सदस्य के तौर पर कार्य करना स्वीकार किया, जिसमें अन्ना हजारे अध्यक्ष थे तथा मैं भी उसका सदस्य था।
सभी वक्ताओं ने बताया कि कौशिक जी ग्राम पंचायत महासमुंद के पंच और सरपंच रहे। वे तीन चुनावों में हारने के बाद 1972 में महासमुंद से विधायक बने। 1977 में रायपुर लोकसभा क्षेत्र से जीतकर केंद्रीय मंत्री बने। 1989 में दुर्ग से पुनः सांसद चुने गए।
उन्होंने 1966 में बस्तर गोलीकांड के खिलाफ विद्रोह,1975 के आपातकाल में 26 जून को गिरफ्तारी, 1975 में आरंग लेव्ही कांड, 1986 में पिथौरा अकाल मार्च एवं राहत कार्य आंदोलन, 1987 में तुमगांव चक्का जाम लाठीचार्ज, 1988 में पिथौरा सत्याग्रह / तेन्दूपत्ता आंदोलन, 1989 में अकाल-पलायन भुखमरी जेल भरो आंदोलन, 1994 में जंगल सत्याग्रह भूमि पट्टा आंदोलन, 1995 में छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी की ।
कार्यक्रम के दौरान ‘साथी पुरुषोत्तम कौशिक – समाजवादी चेतना के अग्रदूत’ शीर्षक के साथ संक्षिप्त स्मारिका का लोकार्पण एवं ‘साथी पुरुषोत्तम कौशिक – समाजवाद के पुरोधा’ शीर्षक के साथ जीवन परिचय की संक्षिप्त पुस्तिका का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन रुपेश तिवारी, बागबाहरा, मनमोहन अग्रवाल, रायपुर, अशोक शर्मा, महासमुंद द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की व्यवस्था दिलीप कौशिक, आनंदराम पत्रकार श्री, विश्वनाथ कौशिक, मुकेश चन्द्राकर, बंधु राजेश्वर खरे द्वारा की गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रभुनाथ मिश्रा, भिलाई, एच एस मिश्रा, भिलाई, गोपाल चन्द्राकर रसनी-आरंग, प्रो दिनेश नंदिनी परिहार, सविता पाठक, रायपुर
मंगलू राम ढीमर, महासमुंद, राजू कोमाखान, केशव चन्द्राकर, सिर्री, छन्नूलाल कौशिक (अनुज) सहित परिवार के लोग शामिल हुए।
समिति द्वारा संपादक मंडल के सदस्य डॉ सुनीलम, अशोक शर्मा, बंधु राजेश्वर खरे, आनन्दराम पत्रकार श्री, दाऊलाल चंद्राकर, नुकेश चंद्राकर, मनमोहन अग्रवाल, दिलीप कौशिक का सम्मान किया गया।