“परिंदों को मंज़िल मिलेगी यकीनन, यह फैले हुए उनके पर बोलते हैं।

फिजिकल चैलेंज के बावजूद बिरादरी एक लड़की अंततः न्याय दाता की उस कुर्सी को छू ही लिया जिसे छूने के लिये लोग वर्षों तपस्या करते हैं।

बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2023 में फरहा निशात ने सफलता प्राप्त कर न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

“परिंदों को मंज़िल मिलेगी यकीनन, यह फैले हुए उनके पर बोलते हैं।

सैयद आसिफ इमाम

यह पंक्तियां काको, जहानाबाद की होनहार बेटी फरहा निशात की सफलता को बखूबी बयान करती हैं। बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2023 में फरहा निशात ने सफलता प्राप्त कर न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि उनकी मेहनत, लगन और परिवार के संस्कारों का परिणाम है।

काको: इल्म और अदब की सरज़मीं

काको, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, हमेशा से शिक्षा और साहित्य का केंद्र रहा है। इस छोटे से कस्बे की मिट्टी में पैदा हुई फरहा निशात ने साबित कर दिया कि अगर आपके सपने बड़े हैं और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी मंज़िल मुश्किल नहीं होती।
32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा के परिणामों ने महिलाओं की शक्ति और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया है। इस बार टॉप 10 में 9 महिलाएं और कुल 75 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। यह साबित करता है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में नए मुकाम हासिल कर रही हैं।
फरहा निशात, जो मरहूम अली इमाम साहब की पोती और निशात अख्तर साहब की बेटी हैं, उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और भाईयों को दिया है। उनका कहना है कि उनके परिवार ने उन्हें हमेशा शिक्षा और समाज सेवा की भावना से प्रेरित किया। यह उनकी परवरिश का ही नतीजा है कि आज वह न्यायिक सेवा में अपनी जगह बनाने में सफल रही हैं।
फरहा की सफलता ने उन सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया है जो इस्लाम को महिलाओं की तरक्की में बाधक मानती हैं। उन्होंने दिखा दिया कि इस्लाम महिलाओं को न केवल शिक्षा, बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की आज़ादी देता है।
फरहा निशात की इस सफलता ने यह संदेश दिया है कि समुदाय की तरक्की के लिए शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है। उनकी सफलता न केवल मुस्लिम समाज बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह साबित करता है कि हौसला और मेहनत हो तो हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इस साल की परीक्षा में महिलाओं की सफलता ने यह दिखाया है कि वह अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
• टॉपर्स:
• प्रथम स्थान: हर्षिता सिंह
• द्वितीय स्थान: सुक्रिती अग्रवाल
• तृतीय स्थान: सुप्रिया गुप्ता
• कुल उत्तीर्ण: 153
• महिला अभ्यर्थी: 75

यह परिणाम राज्य और देश की बेटियों के लिए प्रेरणा है। फरहा निशात की इस सफलता पर पूरा काको गर्व कर रहा है। यह उनके परिवार, खासकर उनके माता-पिता की मेहनत और समर्थन का नतीजा है। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि अगर किसी लक्ष्य को पाने की ठान ली जाए, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनकी कामयाबी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। हम फरहा निशात को उनकी सफलता पर दिल से मुबारकबाद देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
सैय्यद आफिस इमाम काकवी

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