प्रो. गोपी चंद नारंग . की साहित्यिक सेवाओं के सम्मान में गालिब संस्थान द्वारा स्वागत समारोह। एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)
प्रो. गोपीचंद नारंग के उर्दू मि लिखी तमाम तहरीरों और ग़ज़लों की सराहना करते हुए कहा कि प्रो. नारंग उर्दू के ऐसे विद्वान हैं जिनको शायद ही ऐसा कोई छात्र होगा जिसने उनके उर्दू थेयूरी , ग़ज़ल या रुबाई का इस्तेमाल नहीं किया हो, और कोई उर्दू का ऐसा लेखक नहीं होगा जिसने नारंग साहब से संबंधित अपने लेख में उनका उल्लेख न किया हो।
प्रो. गोपीचंद नारंग के उर्दू मि लिखी तमाम तहरीरों और ग़ज़लों की सराहना करते हुए कहा कि प्रो. नारंग उर्दू के ऐसे विद्वान हैं जिनको शायद ही ऐसा कोई छात्र होगा जिसने उनके उर्दू थेयूरी , ग़ज़ल या रुबाई का इस्तेमाल नहीं किया हो, और कोई उर्दू का ऐसा लेखक नहीं होगा जिसने नारंग साहब से संबंधित अपने लेख में उनका उल्लेख न किया हो।
पासे पर बाएं से दाएं चित्र हैं: सैफी सरवनजी, डॉ. इदरीस अहमद, प्रो. सिद्दीकी-उर-रहमान क़दवई, श्री शाहिद मेहदी, प्रो. शफ़ी क़दवई और प्रो. शहज़ाद अंजुम।
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