विभिन्न देशों के 10 राजदूतों/उच्चायुक्तों ने प्रगति मैदान के नवनिर्माण सुरंग का दौरा कर निरक्षण किया।
प्रगति मैदान में बनाई गई सुरंग में यह कलाकृति 27000 वर्ग मीटर में फैली हुई है। जो दुनिया में बनाई गई अब तक की सबसे बड़ी कलाकृति है।
विभिन्न देशों के 10 राजदूतों/उच्चायुक्तों ने प्रगति मैदान के नवनिर्माण सुरंग का दौरा कर निरक्षण किया।
एस. ज़ेड. मलिक (स्वतंत्र पत्रकार)
नई दिल्ली – नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 27000 वर्ग मीटर नवनिर्माण सुरंग में अद्भुत कलाकृत्याओं का संगम भारत के तमाम सभ्यता, संस्कारो एवं मौसमो को दर्शाता है। उस कलाकृतियों को भूटान, अफगानिस्तान, जाम्बिया, नाइजर, चाड, आइवरी कोस्ट, बांग्लादेश, मालदीव, माली, मंगोलिया के राजदूत/उच्चायुक्तों ने सुरंग में नवनिर्मित कलाकृतियों के निरक्षण करने पहुंचे।
इस निरक्षण कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। सुरंग में यह कलाकृति 27000 वर्ग मीटर में फैली हुई है। जो दुनिया में बनाई गई अब तक की सबसे बड़ी कलाकृति है। जिसे देखने के लिये देश विदेशों से गणमान्य व्यक्तियों तांता लगा हुआ रहता है। इस सुरंग में दोनों दीवारों और केंद्रीय स्तंभों पर भित्ति चित्रों की सजावट भारत की सभ्यता, संस्कृति एवं भारत के छह मौसमों संगम के माध्यम से ” भारतीय जीवन शैली एवं उत्सवों” को दर्शाता है जिसमे भारत के नागरिकों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रत्यक्षदर्शी है।
सुरंग के माहौल को स्वदेशी बनाने के लिए भित्ति चित्रों को हाथ से चित्रित किया गया और हल्के स्टील की चादरों पर निर्मित किया गया है। सुरंग को “इंजीनियरिंग चमत्कार” कहा गया है, जो “सांबा पुराण” से प्रेरित है, जिसमे सूर्य पूजा को एक प्राचीन पाठ दर्शाया गया है। इसके अंदर की कलाकृति वसंत और सर्दियों के मैसम के साथ रंग बदलती है।
निरक्षण कार्यक्रम का संचालन कर रहे हिमाचल विश्वविद्यालय के श्री हिम चटर्जी ने अतिथियों को बताया कि सुरंग प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है और यह सुरंग प्रगति मैदान की भूमिगत पार्किंग से भी जुड़ी हुई है जिसकी विशाल क्षमता 4800 सीपीयू है। इस अवसर पर निरक्षण करने आये गणमान्य अतिथिगणों ने इस सुरंग में बनी कलाकृति और इंजीनियरिंग की काफी सराहना की।
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