मोदीजी की बेटी” रुपहले पर्दे पर करेगी धमाल ?

मोदीजी के नाम पर ही सही - यह फ़िल्म को भारत क्या विदेशों में भी अच्छा बिजनेस करने की संभावना है-निर्देशक

एक कलाकार यदि लेखक बन जाता है तो मैं नहीं समझता की उसे अलग से कोई निर्देशक ढूंढना पड़ेगा, वह स्वयं ही निर्देशन आसानी से कर लेगा।

“मोदीजी की बेटी” रुपहले पर्दे पर करेगी धमाल ?

 एस. ज़ेड. मलिक

नई दिल्ली – पिछले दिनों नई दिल्ली के प्लाजा पीआर में  “मोदीजी की बेटी” के फ़िल्म के प्रमोशन को लेकर फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक और कलाकार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फ़िल्म की जानकारी दी, “मोदी की बेटी” यह फ़िल्म अपने आप मे एक अद्भुत मनोरंजन से भरपूर फ़िल्म है। यह फ़िल्म की कहानी एक कलाकार के दिमाग की उपज है – उसकी सोंच ने यह फ़िल्म बना दिया, दरअसल अवनी मोदी जो एक सिनेआर्टिस्ट हैं और उनके अंदर एक लेखक की सोंच उतपन्न होना यह बड़ी बात है, लेख कलाकार तो बन सकता है पर एक कलाकार को लेखक बनना एक कल्पना से लगता है। एक कलाकार यदि लेखक बन जाता है तो मैं नहीं समझता की उसे अलग से कोई निर्देशक ढूंढना पड़ेगा, वह स्वयं ही निर्देशन आसानी से कर लेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फ़िल्म की लेखक ही निर्माता भी हैं और इस फ़िल्म की नायिका भी “अवनी मोदी” ही हैं।

 निर्देशक और लेखिका का दावा है कि यह फ़िल्म निश्चित ही एक पारिवारिक फ़िल्म है, जिसमे कहीं से कोई गंदगी नही है, यह फ़िल्म मनोरंजन से भरपूर है, नायिका, लेखिका अवनी मोदी ने बताया कि एक भारतीय काश्मीरी लड़की की कहानी है जिसे आतंकवादी अपरहण कर पाकिस्तान ले जाते हैं और वह भारतीय लड़की पाकिस्तान में उन आतंकवादियों को ही बंधक बना कर वापस भारत अपनी धरती पर लौट आती है।

लेखिका निर्माता निर्देशक ने यह फ़िल्म का नाम ऐसा सोंचा की हर व्यक्ति के प्रथम दृष्टि में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई दामोदर दास मोदी की शक्ल ही उभर कर आएगी परन्तु ऐसा नहीं है, हाँ व्यापारिक दृष्टिकोन से मोदी नाम ही अपने आप मे बहुत बड़ा है और इस नाम पर कहीं भी किसी भी थियेटर में बहुत अच्छा न सही लेकिन न से हाँ, यह फ़िल्म पहले कहीं भी एक महीना व्यापार कर सकता है।  
बहरहाल – फिरभी इस फ़िल्म के निर्देशक का दावा है की यह फ़िल्म परिवार का जहां पैसा वसूल करेगी वहीं हमारा भी पैसा वसूल कर देगी।   
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