73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय उर्दू परिषद में ध्वजारोहण समारोह।
भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है: डॉ शेख अकील अहमद
#भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है: डॉ शेख अकील अहमद#
73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय उर्दू परिषद में ध्वजारोहण समारोह।
एस. ज़ेड.मलिक
नई दिल्ली – 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद,”नेशनल कॉन्सिल फ़ॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंगुएज” स्थिति जसोल विहार मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. शेख अकील अहमद, निदेशक, राष्ट्रीय उर्दू परिषद ने भारतीय लोकतंत्र के गुण-दोषों के बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्यान देते कहा की “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमें इस पर गर्व है और रहेगा इसलिये कि इस वर्ष की खास बात यह रही कि स्वतंत्र भारत के नेता और महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन बड़ी धूमधाम साथ मनाया गया, तथा इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया तथा समारोह को सम्बोधित करते हुए उनकी उदारता और महान कार्यों तथा उनके द्वारा देश में सेवाओं को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर शेख अकील ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस हमारे स्वतंत्रता के इतिहास में एक प्रमुख नाम हैं, जिनके गरिमापूर्ण सेवओं को भारत सरकार स्वीकार कर रही है तथा देश की रक्षा में भारतीय सेनाओं के शौर्य और बलिदान का विशेष रूप से 26 जनवरी 2022 के परेड के दरमियान राजपथ पर झांकी के रूप में दर्शाया गया जिससे साबित होता है की हमारे देश में उनके बलिदान सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वतंत्रता के बाद विभिन्न युद्धों में अपनी बहादुरीके कर्तव्य दिखाने वाले हमारे जवानों के अद्वितीय बलिदानों को भी स्वीकार किया है। उनकी याद में इंडिया गेट पर एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया गया है जहां 1947 से शहीद हुए हजारों सैनिकों के नाम अंकित हैं और परम वीर चक्र पुरस्कार विजेता सैनिकों की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं। अमर जवान ज्योति की मशाल को युद्ध स्मारक मशाल में शामिल कर सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और सभी स्वतंत्र सेनानियों और सैनिकों के बलिदान को यह मशाल एक जगह जलते श्रद्धांजलि स्वरूप उन्हें याद दिलाता रहेगा।
शेख अकील ने कहा कि भारत का संविधान लोगों से देश के कल्याण और विकास के लिए मिलकर काम करने और अपने अधिकारों के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आग्रह करता है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण और उन्नति की गारंटी देता है और इसके अनुपालन में मोदी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी मातृभाषाओं की शिक्षा और संरक्षण पर जोर दिया है, इस नीति में अन्य भाषाओं के साथ-साथ उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया है और इसकी शिक्षा और संरक्षण को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया गया है।अकील ने सभी उर्दू लोगों से उर्दू के प्रचार-प्रसार को लेकर गंभीर रहने और सरकार द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का लाभ उठाने की अपील की। ध्वजारोहण समारोह में परिषद के सभी कर्मचारी मौजूद रहे।
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