यूपी में विकास और दिल्ली में प्रचार – और दिल्ली से निकट 3 की0मि0 की दूरी पर खुशहाल पार्क स्थित पूजा कॉलोनी की स्थिति दैनिय।
यूपी में विकास और दिल्ली में प्रचार
यूपी में विकास और दिल्ली में प्रचार – और दिल्ली से निकट 3 की0मि0 की दूरी पर खुशहाल पार्क स्थित पूजा कॉलोनी की स्थिति दैनिय।
यूपी में विकास और दिल्ली में प्रचार – और दिल्ली से निकट 3 की0मि0 की दूरी पर खुशहाल पार्क स्थित पूजा कॉलोनी का खस्ताहाल।
एस. ज़ेड.मलिक
नई दिल्ली – दिल्ली से निकट 3 की0मि0 की दूरी पर खुशहाल पार्क स्थित पूजा कॉलोनी की स्थिति दैनिय, वहां न स्कूल, न पाशाला, सम्पूर्ण कॉलोनी बनी हुई है कीचड़शाला। उत्तरप्रदेश सरकार अपने प्रदेश के विकास के अरबों के प्रचार दिल्ली के सड़कों पर बड़े बड़े पोस्टरों , बैनरों और अन्य साधनों से कर वाह-वाही लूट रही है।
जबकि उस प्रचार की सच्चाई दिल्ली के निकट केवल 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर उत्तरीपूर्वी दिल्ली के खजूरी लालबत्ती से उत्तर की ओर पुश्ता हो कर निकलने वाली सड़क जो सहारनपुर मेन रोड में जा कर मिलती है उसी सड़क पर पूजा कॉलोनी स्थित खुशहाल पार्क के रिहायशी क्षेत्र यूपी सरकार के विकास की नीति कुछ और ही बयान करता है।
उत्तरी पूर्वी दिल्ली से निकट 3 किलोमीटर की ज़िला गाज़ियाबाद जनपद के अंतर्गत पूजा कॉलोनी के खुशहाल पार्क है, जो 35 से 40 हज़ार की घनी आबादी वाल क्षेत्र और वहां पर एक भी सरकारी स्कूल नहीं, और न प्राइवेट स्कूल ही है ! केवल तीन मस्जिद जहां छोटे छोटे बच्चे कहीं 10, तो कहीं 15 या 20 बच्चे अरबी उर्दू की शिक्षा ले रहे हैं या यूं कहें कि अभिभावक अपने आपको फ्री रखने की खातिर मस्जिदों में पढ़ने का नाम पर भेजते होंगे?
दुर्भाग्यवश वह क्षेत्र दिल्ली के गोद में होते हुए भी दिल्ली में नही है, वह क्षेत्र उत्तरप्रदेश में पड़ता है जहां की अल्पसंख्यकों की घनी आबादी के बावजूद वह वहां विकास का अब तक कोई काम नही हुआ जिसका नतीजा घरों का पानी वहां सड़को पर बहता हुआ देखा जा सकता है, नालियां बनी है पर उसका कोई निकास नहीं। अब सवाल है ऐसे में वहां के निवासी जाएं तो जाएं कहां ? किस के पास अपनी फ़रयाद ले क़ार जाएं किसे अपनी व्यथा सुनाएं। यहां सभी असमंजस में रहते हैं।
यह विडंबना ही कहें कि यह मुसलमानो का घनी आबादी वाला क्षेत्र भाजपा के सौतेलेपन रवैये और सम्प्रदायिक दुर्भावना के शिकार है। वहां रिहायशी की गलियों की दुर्दशा ऐसी है कि शायद किसी दूर दराज जंगलों में बसे गॉव की भी ऐसी भयावर स्थिति नहीं होगी।
आप को बताते चलें कि, वहां के क्षेत्रीय सभासद हो या विधायक कोई भी जनप्रतिनिधि वहां कोई काम करना चाहता ही नहीं। उस घनी आबादी में एक सभासद भी रहते है पर शायद वहां के सभासद की भाजपा में कोई सम्मान नही या उन्हें भाजपा में कोई पूछता नही है या फिर वह जान-बूझ कर वहां विकास पर कोई कार्य करना ही नहीं चाहते – जबकि यदि स्थानीय विधायक चाहते तो उस कॉलोनी की दशा बदल कर उसे विकसित कर सकते थे? परन्तु वह तो अपने मांगों को ले कर धरने पर बैठे किसानों को ही धमकाने में व्यस्त रहे और अब मुसलमानो को धमकाने का काम कर रहे हैं। अब तो ऐसा लगता वह अपने क्षेत्र के मुसलमानो को पाकिस्तान भेज कर ही अपने क्षेत्र का विकास करेंगे।
बहरहाल -वहां के निवासियों दुर्भाग्य कहें या निकम्मेपन या फिर अशिक्षित निजी मजदूरी मानसिकता वाले लोग जो अपने क्षेत्र के विकास के लिये शायद कभी सोंचते ही न हों या वे अपने बच्चों को शिक्षित करना ही न चाहते हो , या फिर उन्हें स्थानीय भाजपा के कार्यकर्ता धमा कर उन्हें कोई विकास का काम करने ही न देते हों, अफसोस है की 35 से 40 हज़ार की घनी आबादी वाल क्षेत्र और वहां पर एक भी सरकारी स्कूल नहीं, और न प्राइवेट स्कूल ही ! केवल तीन मस्जिद जहां छोटे छोटे बच्चे कहीं 10, तो कहीं 15 या 20 बच्चे अरबी उर्दू की शिक्षा ले रहे हैं या यूं कहें कि अभिभावक अपने आपको फ्री रखने की खातिर मस्जिदों में पढ़ने का नाम पर भेजते होंगे? इस बाबत में रिदा वेलफेयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन अधिवक्ता हेना ने अपने निरक्षण के दौरान वहां के स्थानीय लोगों से बात चीत की तो पता चला कि यूपी सरकार जो अपने विकास के प्रचार का बड़ा बड़ा बोर्ड, पोस्टर बैनर लगा कर दिल्ली के सड़कों पर झूठे दावे कर रही है, उस सरकार का पोल-पट्टी खोलने के लिये दिल्ली से सटे यूपी में ऐसे सैकड़ों गाँव मिल जायेंगे। जहां विकास नही भाजपा सरकार विनाश कर रही है।
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