भारतीय युवाओं का मनोबल बढ़ाने और भविष्य संवारने के लिये डिवाइन युथ का 9वां वार्षिकोत्सव
इस कार्यक्रम का मक़सद शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करना।
इस कार्यक्रम का मक़सद शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करना।
भारतीय युवाओं का मनोबल बढ़ाने और भविष्य संवारने के लिये डिवाइन युथ का 9वां वार्षिकोत्सव
एमपीएनएन – डक्स रिपोर्ट
नई दिल्ली – रविवार 2 अप्रैल 2023 जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम नई दिल्ली में डिवाइन युथ एसोसिएशन ने सूद चेरिटेबल फाउण्डेशन के साथ मिलकर अपना 9वां वार्षिकोत्सव बनाया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अभिनेता सोनू सूद, आईएस अधिकारी जागृति अवस्थी एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ चिन्मय पंडया रहें। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना और दीप प्रज्ज्वलोन तथा शौर्य गीत ‘जीवन के देवता को आओं तनीक संवारें ‘तत्पश्चात दिल्ली दिया प्रांत संयोजक मनीष कुमार ने दिया (दिल्ली) की वार्षिक रिपोर्ट रखी। इस कार्यक्रम का मक़सद शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करना। इस अवसर पर शोधार्थी, विद्यार्थी और प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को मिलाकर कार्यक्रम में लगभग, 5000 युवाओं की उपस्थिति रहीं। मुख्य वक्ता के भूमिका में रहें देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. चिन्मय पांड्या ने प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में किस प्रकार व्यक्तिव का विकास करें इसका उल्लेख किया। इस क्रम में उन्होंने बताया कि स्वयं के अंदर झांक कर देखना चाहिए क्योंकि परमात्मा रूपी कौशल, आत्मविश्वास स्वयं के भीतर विराजमान है उसे पहचानने की अवश्यकता है। इन सबको साधने का माध्यम गायत्री मंत्र है जिसके कारण हम जीवन में अवसरों के मूल्य को को पहचानने का सामर्थ्य प्राप्त करते है। इस मंत्र से प्राचीन काल में भी अनेक विद्वानों को युवा बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। युवा का अर्थ मात्र आयु वर्ग से नहीं होकर कार्य करते की क्षमता और उत्साह से है, उद्देश्य की उच्चता से है। नागार्जुन, कबीर, तुलसीदास, रामकृष्ण परमहंस, केशवचंद्र सेन और स्वामी विवेकानंद इसके उदाहरण हैं। इस हेतु पण्डित आचार्य राम शर्मा की पुस्तक प्रज्ञा पुराण भी उल्लेखनीय है। यह पुस्तक हमें बताती है कि हमारा जीवन एक पारस के पत्थर के समान संभावना है। इस संभावना अर्थात् जीवन के मूल्य को समझने की जरूरत है। इसके साथ ही मुख्य वक्त ने बताया कि हमारा जीवन एक वीना के समान है। जो कलाकार रूपी व्यक्ति इसका महत्त्व समझता है उसको जीवन वीना जैसा मूल्यवान यंत्र लगता है अन्य व्यक्ति उसे लकड़ी के समान एक अमूल्य वस्तु मनाता है।
वर्तमान पीढ़ी ने इस लालच और भौतिकतावाद में उलझकर व्यक्ति खुशियों की जगह स्ट्रेस को महत्त्व देने लगा है। उसे जीवन में जो मिला है उससे संतुष्ट नहीं होकर वह भटकता रहता है। जबकि खुशियां उसके इर्द गिर्द ही है। उसकी खुशियां उसके परिवार के कारण है
गायत्री परिवार व्यक्ति को उसके परिवार का महत्त्व बताता है। क्योंकि व्यक्ति ने जिनके लिए सबकुछ करना प्रारंभ करता है बाद ने वह उसे ही भूला देता है। इस पर पुनर्विचार करने की अवश्यकता है। इसके साथ ही संतुष्टिपूर्ण जीवन जीने के अनेक मार्ग दिया दिल्ली द्वारा प्रदान किया जा रहा है। इस हेतु युवा अभ्युदय, बाल संस्कार शाला इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल रही 2021 बैच की आईएएस जाग्रति अवस्थी ने सिविल सर्विसेज की तैयारी के अपने अनुभव साझा करते हुए प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के मूल सूत्र बताए। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी जरूरी नहीं है कि आपको प्रशासनिक अधिकारी का पद प्रदान करें लेकिन इस परीक्षा की तैयारी हमारे व्यक्तित्व के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।