भाषाओं का समन्वयक सर्वभाषा कवि सम्मेलन
10 जनवरी को यह कार्यक्रम आकाशवाणी ,दिल्ली में आयोजित हुआ जिसका प्रसारण 25 जनवरी को रात दस बजे AIR news 24x7 और देश के सभी केंद्र से होगा।
10 जनवरी को यह कार्यक्रम आकाशवाणी ,दिल्ली में आयोजित हुआ जिसका प्रसारण 25 जनवरी को रात दस बजे AIR news 24×7 और देश के सभी केंद्र से होगा।
भाषाओं का समन्वयक सर्वभाषा कवि सम्मेलन
कीर्ति बैद
शोधार्थी – दिल्ली विश्वविद्यालय
आकाशवाणी के कार्यक्रमों की अपनी एक भाषिक और सांस्कृतिक पंरपरा रही हैं, जिसे वह आज भी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से संजो रहा है। जिनमें सर्वभाषा कवि सम्मलेन, संगीत का अखिल भारतीय कार्यक्रम, डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान, सरदार पटेल व्याख्यान, लोक संगीत, लोक नृत्य, कवि सम्मलेन, नाटक, वार्तालाप आदि अनेक कार्यक्रम आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष आयोजित किये जाते हैं। इन सभी कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य भारतीय भाषा, संस्कृति और ज्ञान परम्पराओं को समृद्ध करना है। इसी कड़ी में सर्वभाषा कवि सम्मेलन 1956 से आज भी हर वर्ष वृहत स्तर पर आयोजित होता है। यह भाषाओं का कितना सुंदर संगम है जिसमें 25 जनवरी को रात 10 बजे लगभग 400 कवि एक साथ एक मंच यानी रेडियो पर जुटेंगे और रेडियो की इस अद्भुत साहित्यिक परम्परा को आगे बढ़ा रहे होंगे।
हर वर्ष संविधान से मान्यता प्राप्त सभी 22 भाषाओं के चुनिंदा कवि इस सम्मेलन में भाग लेते हैं और उनके चयन की प्रक्रिया तीन दौर से होकर गुजरती है, वर्षभर में एक केंद्र विशेष पर जितनी कविताएं प्रसारित होती हैं, उनमें से श्रोताओं की प्रतिक्रिया, उनके पत्र, मेल, उनके सन्देश, कार्यक्रम समीक्षा समिति की सिफारिश, आदि के बाद कुछ चुनिंदा कवियों की कविताओं को अंतिम रूप दिया जाता है। फिर प्रदेश में स्थित सभी केंद्र इन कविताओं को प्रदेश की राजधानी में स्थित केंद्र को भेजते हैं। फिर प्रदेश की राजधानी में स्थित केंद्र अपने यहां एक स्थानीय चयन समिति का गठन करते हैं। जिसमें सम्बद्ध आकाशवाणी केंद्र के सदस्यों के अलावा दो भाषा विशेषज्ञ और कवि बाहर से बुलाये जाते हैं, वो इनमें से बेहतर 4 से 5 कविताएं चुनकर आकाशवाणी महानिदेशालय को भेजते हैं। वहां फिर एक केंद्रीय चयन समिति का गठन किया जाता है, उसमें भी आकाशवाणी महानिदेशालय और आकाशवाणी, दिल्ली के सदस्यों के अलावा हर भाषा के दो भाषा विशेषज्ञ और कवि बुलाये जाते हैं, वो इनमें से दो बेहतर कवि चुनते हैं। एक मुख्य कवि हुए एक वैकल्पिक कवि। मुख्य कवि यदि किसी कारण आने में असमर्थ हो तो वैकल्पिक कवि को आमंत्रित किया जाता है। इतनी लम्बी प्रक्रिया के बाद कवियों का चुनाव होता है। हिंदी भाषा के लिए इस कवि सम्मलेन में दो कवि चुने जाते हैं, अक्सर एक कवि गीत विधा का होता है और दूसरा छंदमुक्त का। दुनिया में कोई ऐसा कवि सम्मेलन नहीं, जो इतने बड़े नेटवर्क में आयोजित और प्रसारित होता है। इस कवि सम्मेलन की खूबसूरती तब और बढ़ जाती है जब सभी 22 भाषाओं में इन कविताओं का अनुवाद क्षेत्र विशेष के स्टेशन अपने – अपने केंद्र से प्रसारित करते हैं। इन कविताओं के अनुवाद भी देश के श्रेष्ठ कवियों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं। इनके चयन की प्रक्रिया भी उसी दौर से गुजरती है, जिस दौर से मूल कवि गुजरते हैं। हालांकि इस कवि सम्मलेन का प्रसारण आकाशवाणी दिल्ली द्वारा हूबहू प्रसारित किया जाता है और हिंदी भाषी जितने भी केंद्र हैं वो भी इसे हूबहू रिले करते हैं परन्तु हिंदी भाषा से इतर जितने भी केंद्र हैं, वो इन सभी कविताओं को अपनी- अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करके उसी समय, उसी रात, उसी क्रम में प्रसारित करते हैं।
इस कवि सम्मेलन में अकराधिक क्रम से कविताएँ प्रसारित होती है पहले संस्कृत फिर असमिया, फिर उड़िया फिर उर्दू, उसके बाद कन्नड़, कोंकणी, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलगु । … इस तरह सभी 22 भाषाओं के श्रेष्ठ कवि एक साथ मिलकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करते हैं। भाषाओं का इतना सुंदर समन्वय आपको केवल आकाशवाणी के इस कवि सम्मेलन में ही सुनने को मिलेगा। सभी बोलियों की मिठास और उनके जुड़ाव को आप इसमें महसूस कर सकते हैं हर भाषा इक दूजे से अलग होते हुए भी आपको अपनी सी लगेगी जिसे भले ही आप पूरी तरह न समझ पाए लेकिन सभी कविताओं को अपने से जुड़ा हुआ अवश्य पाएंगे यही इस कार्यक्रम की सुंदरता है। गत 10 जनवरी को यह कार्यक्रम आकाशवाणी ,दिल्ली में आयोजित हुआ जिसका प्रसारण 25 जनवरी को रात दस बजे AIR news 24×7 और देश के सभी केंद्र से होगा।
लेखिका – कीर्ति बैद
शोधार्थी – दिल्ली विश्वविद्यालय